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30 जून को सेवानिवृत्त हो रही हैं उषा शर्मा, ब्यूरोक्रेसी के नए मुखिया की खोज तेज, जानिए कौन कौन IAS शामिल हैं दौड़ में - सीनियरटी में वीनू गुप्ता हैं टॉप पर, सुबोध अग्रवाल, शुभ्रा सिंह और राजेश्वर सिंह को भी है उम्मीद

30 जून को सेवानिवृत्त हो रही हैं उषा शर्मा, ब्यूरोक्रेसी के नए मुखिया की खोज तेज, जानिए कौन कौन IAS शामिल हैं दौड़ में

 

जयपुर। राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव यानी ब्यूरोक्रेसी की चीफ उषा शर्मा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाली है। अब उनका कार्यकाल करीब 17 दिन का ही बचा है। चीफ सेक्रेटरी उषा शर्मा के सेवानिवृत होने से पहले ही राज्य सरकार ने नए मुखिया की तलाश तेज कर दी है। पहले ऐसे माना जा रहा था कि मौजूदा मुख्य सचिव को साल भर का एक्सटेंशन मिलने वाला है लेकिन एक्सटेंशन की संभावनाएं खत्म होने की बातें सामने आ रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुश हैं। ऐसे में उषा शर्मा को कोई राजनैतिक पद देकर उपकृत किया जाएगा। ब्यूरोक्रेसी का चीफ नया बनाए जाने की कवायद शुरू हो गई है। ब्यूरोक्रेसी का नया चीफ कौन होगा। यह सवाल ब्यूरोक्रेसी के अफसरों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

 

वीनू गुप्ता सीएस की दौड़ में सबसे आगे

 

मौजूदा मुख्य सचिव उषा शर्मा 30 जून को सेवानिवृत होने वाली है। इनके बाद सबसे सीनियर अफसर 1987 बैच की आईएएस वीनू गुप्ता हैं। वीनू गुप्ता पिछले एक साल से उद्योग एवं वाणिज्य कर विभाग में एसीएस हैं। वीनू गुप्ता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सबसे विश्वसनीय अफसरों में से एक हैं। वे पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की पत्नी हैं। सेवानिवृत आईएएस डीबी गुप्ता इन दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार हैं।

 

सुबोध अग्रवाल, शुभ्रा सिंह और राजेश्वर सिंह भी दौड़ में

 

वर्तमान मुख्य सचिव उषा शर्मा के बाद टॉप 8 सीनियर आईएएस अफसरों में वीनू गुप्ता, सुबोध अग्रवाल, वी श्रीनिवास, शुभ्रा सिंह, राजेश्वर सिंह, रोहित कुमार सिंह, संजय मल्होत्रा और सुधांश पंत हैं। इन 8 अफसरों में से 4 अफसर वी. श्रीनिवास, रोहित कुमार सिंह, संजय मल्होत्रा और सुधांश पंत प्रतिनियुक्ति के तहत केन्द्र सरकार में सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में ये 4 अफसर मुख्य सचिव की दौड़ से बाहर माने जा रहे हैं। इनके बाद 4 नाम वीनू गुप्ता, सुबोध अग्रवाल, शुभ्रा सिंह और राजेश्वर सिंह बचते हैं। माना यही जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीनियरटी को लांघकर किसी अन्य अफसर को मुख्य सचिव नहीं बनाएंगे लेकिन शुभ्रा सिंह का नाम अचानक चर्चा में आया है क्योंकि वे लम्बे समय से प्रतिनियुक्ति पर केन्द्र सरकार में सेवाएं दे रही थी लेकिन एक महीने पहले ही उनका ट्रांसफर राजस्थान कैडर में हो गया। मुख्य सचिव की खोज से दौरान शुभ्रा सिंह का राजस्थान आना नए समीकरण के संकेत माना जा रहा है।

 

मुख्य सचिव नियुक्ति की प्रक्रिया को समझें

 

किसी भी राज्य में प्रशासनिक ढांचे में सर्वोच्च पद मुख्य सचिव का होता है। मुख्य सचिव ही प्रदेश के मुख्यमंत्री के सपनों को साकार रूप देता है। मुख्य सचिव की नियुक्ति के लिए कुछ औपचारिकताएं हैं। पहले राज्य सरकार सीनियर आईएएस अफसरों का एक पैनल केन्द्र सरकार को भेजती है। इस पैनल में अफसरों को प्राथमिकता दी हुई होती है। राज्य सरकार द्वारा भेजे गए पैनल पर मानव संसाधन मंत्रालय की एक कमेटी विचार विमर्श करती है। यह कमेटी पैनल में भेजे गए अफसरों के कार्य अनुभव और दृष्टिकोण की परख करती है। इसके बाद एक नाम पर मोहर लगाई जाती है। इन तमाम औपचारिकताओं के बाद मुख्य सचिव बनने की मोहर उसी नाम पर लगती है जो नाम राज्य सरकार की पहली पसंद होता है।

 

ऐसा है राजस्थान ब्यूरोक्रेसी का प्रशासनिक ढांचा

 

राजस्थान कुल 249 आईएएस अफसर हैं जिनमें से 15 आईएएस फिलहाल अंडर ट्रेनिंग हैं और 5 अफसर उपखंड स्तर पर पदस्थ हैं। सीनियर पदों की बात करें तो मुख्य सचिव उषा शर्मा के बाद के 16 आईएएस अफसर अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के हैं। 1993 बैच के अफसरों सहित इससे पहले से सभी अफसर एसीएस स्तर के हैं। इन 16 अफसरों में से 7 आईएएस अफसर केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर गए हुए हैं। शेष अफसरों में से टॉप थ्री या फोर अफसरों के नाम राज्य सरकार मुख्य सचिव के लिए मानव संसाधन मंत्रालय को भेजेंगी। इन्हीं तीन या चार अफसरों में एक अफसर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी का नया मुखिया होगा। 

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