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जयपुर के परिष्कार कॉलेज में यूथ पार्लियामेंट 2024 का आयोजन, पक्ष और विपक्ष ने आपसी सहमति से पास किया यूसीसी बिल - डॉयरेक्टर डॉ. राघव प्रकाश ने समझाया संविधान और यूसीसी का महत्व

जयपुर के परिष्कार कॉलेज में यूथ पार्लियामेंट 2024 का आयोजन, पक्ष और विपक्ष ने आपसी सहमति से पास किया यूसीसी बिल

 

जयपुर। Parishkar College of Global Excellence (Autonomous) और Parishkar International College के संयुक्त तत्वाधान में 15 और 16 नवम्बर 2024 को 'Inter College Indian Youth Parliament' का सफल आयोजन किया गया। इसका विषय 'समान नागरिक संहिता - व्यापक समानता की ओर' जिसमें राजस्थान के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के 110 प्रतिभागियों ने भाग लिया। Parishkar International College की प्राचार्या ममता जादौन ने सभी प्रतिभागियों और भावी कर्णधारों का स्वागत करते हुए "समान नागरिक संहिता" का एक संक्षिप्त परिचय दिया। उन्होंने बताया कि Uniform Civil Code यानी समान नागरिक संहिता सभी वर्गों में समानता की बात करता है। यह धर्म पर आधारित न होकर मानवता पर केन्द्रित है। ममता जादौन ने बताया कि परिष्कार की इस भारतीय युवा संसद का उद्देश्य वास्तविक "समान नागरिक संहिता" को आकार देना है।

 

सबका कल्याण ही ध्येय होना चाहिए - प्रो. पाईवाल

 

Parishkar College of Global Excellence के डायरेक्टर डॉ. राघव प्रकाश ने युवा संसद में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को संबोधित किया। डॉ. राघव प्रकाश ने संविधान और यूसीसी बिल का महत्व समझाया। कॉलेज की प्राचार्या प्रो. सविता पाईवाल ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए भारतीय संस्कृति के ध्येय वाक्य "वसुधैव कुटुम्बकम", गांधी के रामराज्य और पंचशील सिद्धांत की बात कही, जिनका संबंध सम्पूर्ण जगत के कल्याण से है। प्राचार्य प्रो. सविता पाईवाल ने बताया कि जो राजनीति वंश एवं परिवारवाद से निकलकर आम प्रतिनिधि तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करती है। यही शुद्ध राजनीति है। संसद की चर्चा का विषय समान नागरिकता संहिता निर्धारित किया गया जिस पर सभी प्रतिभागियों ने अपने विचार सुझाव प्रस्तुत किये।

 

युवा संसद में विधि मंत्री ने पेश किया विधेयक

 

युवा संसद में विधि मंत्री की भूमिका निभाने वाले प्रतियोगी नये विचारों और सुधारों को शामिल करते हुए 'समान नागरिक संहिता विधेयक 2024' प्रस्तुत किया। इस विधेयक का प्रमुख उद्देश्य राजनीतिक मंशा से ऊपर उठकर मानवाधिकारों की सुरक्षा और समानता की पहुंच सभी वर्गों तक पहुंचाना सुनिश्चित करना रहा। इस विधेयक में विवाह, तलाक, उत्तराधिकार (ट्रांसजेंडर को भी शामिल) और दत्तक अधिकार सहित सभी वर्गों के लिए समान रूप से अधिकार निर्धारित किये गये।

 

सर्वसम्मति से पारित हुआ यूसीसी बिल

 

जनजातियों के उत्थान और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अनेक प्रयास और क्रीमी लेयर, क्रियान्वयन और समीक्षा आयोग का भी प्रावधान रखा गया। विधेयक पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के मध्य व्यापक तर्कसंगत चर्चा हुई। विपक्ष ने कई प्रश्न किये जिनका जवाब सत्ता पक्ष के प्रतिनिधियों की ओर से तर्क सहित दिया गया।  विपक्ष ने अपने रचनात्मक सुझाव भी दिए जिन्हें सत्ता पक्ष द्वारा स्वीकार किया गया। इस युवा संसद में विपक्ष के सभी सुझावों को स्वीकार करते हुए सत्ता पक्ष और विपक्ष की आपसी सहमति से 'समान नागरिक संहिता विधेयक 2024' पारित किया गया।

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