शाबाश रमेश, राजस्थान को आप पर गर्व है, जिस हाथ में गोली लगी उसी हाथ से दबोचा बदमाश को - लोग बोलते रहे 'गोली मारो' लेकिन सिपाही ने धैर्य नहीं खोया
जयपुर। चुरू जिले के सुजानगढ में बहादूरी दिखाने वाले पुलिसकर्मी रमेश मीणा के चर्चे पूरे राजस्थान में है। ना केवल पुलिस विभाग बल्कि प्रदेश का हर जिम्मेदार नागरिक रमेश की बहादूरी की तारीफ कर रहा है। हजारों लोगों ने रमेश की बहादूरी का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। ट्विटर, फेसबुक, वाट्सअप और इंस्टाग्राम पर रमेश की बहादूरी का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। दरअसल रमेश ने बुधवार 26 अप्रेल की शाम 4 बजे जेडीजे ज्वैलर्स पर फायरिंग करने आए एक बदमाश को मौके पर ही दबोच लिया था। मौके पर सैंकड़ों को लोगों की भीड़ के बावजूद बदमाश को भीड़ से बचाकर अपनी ड्यूटी निभाते हुए उसे पुलिस कस्टडी में लिया।
जिस हाथ के बाजू में गोली लगी, उसी से दबोचा
जेडीजे ज्वैलर्स के मालिक पवन सोनी को एक महीने पहले लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गे रोहित गोदारा ने कॉल करके 2 करोड़ रुपए मांगे थे। पुलिस में शिकायत करने पर पुलिस ने पवन सोनी की सुरक्षा में कांस्टेबल रमेश मीणा को तैनात किया था। बुधवार को जब पवन सोनी पर हमला हुआ तो मौके पर मौजूद कांस्टेबल रमेश मीणा ने एक हमलावर को दबोच लिया। कुल 3 हमलावर थे लेकिन दो हमलावर फायरिंग करते हुए भागने में कामयाब रहे। तीसरा हमलावर भी फायरिंग करते हुए भाग रहा था लेकिन रमेश मीणा ने जवाबी फायरिंग की। बदमाशों द्वारा की गई फायरिंग के दौरान एक गोली कांस्टेबल रमेश मीणा के बाजू को चीरती हुई निकल गई। रमेश लहूलुहान हो गए लेकिन उन्होंने हिम्मत का परिचय देते हुए जिस हाथ में गोली लगी, उसी हाथ से एक बदमाश को दबोच लिया। हाथ से खून बहता रहा लेकिन रमेश ने बदमाश को नहीं छोड़ा।
लोग बोलते रहे गोली मारो लेकिन कांस्टेबल ने धैर्य नहीं खोया
जेडीजे ज्वैलर्स पर फायरिंग की घटना के बाद जब स्थानीय लोगों की सहायता से एक हमलावर को दबोच लिया गया। उस दौरान सिपाही रमेश ने हमलावर तेजपाल मेघवाल को अपने काबू में रखा। मौके पर सैंकड़ों की भीड़ जमा हो गई थी। लोग कह रहे थे कि इस बदमाश के पैर में गोली मार दो। लोगों द्वारा बार बार 'गोली मार दो' कहने के बावजूद भी कांस्टेबल रमेश ने आपा नहीं खोया। धैर्य बनाए रखते हुए हमलावर को भीड़ के हमले से बचाया। लहूलुहान होने के बावजूद रमेश ने हमला करने वाले बदमाश को भीड़ से बचाया। अगर रमेश हिम्मत नहीं दिखाते तो भीड़ उस पर टूट पड़ती और प्रदेश में मॉब लिचिंग की घटना भी हो सकती थी। करीब 25 मिनट बाद स्थानीय पुलिस की गाड़ी मौके आई तब तक रमेश ने हमलावर को पकड़े रखा।
कौन है रमेश मीणा
पुलिस कांस्टेबल रमेश मीणा चुरू जिले के कुशालपुरा गांव का रहने वाला है। वर्ष 2011 की पुलिस कांस्टेबल भर्ती के दौरान रमेश का चयन पुलिसकर्मी के तौर पर हुआ। पिछले दिनों जब ज्वैलर्स द्वारा पुलिस में शिकायत दी गई कि रोहित गोदारा द्वारा कॉल करके 2 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई है। पुलिस धमकी देने वालों की तलाश कर रही थी। इसी दरमियान ज्वैलर की सुरक्षा के तौर पर कांस्टेबल रमेश मीणा को तैनात किया था।
हमले के दौरान 10 लोग थे ज्वैलर शॉप में
बुधवार को जब जेडीजे ज्वैलर्स पर तीन बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की। उस दौरान ज्वैलर शॉप में तीन महिलाओं सहित कुल 10 लोग दुकान में थे। जैसे ही दनादन फायरिंग शुरू हुई तो दुकान में उपस्थित सभी लोग फर्श पर लेट कर अपनी जान बचाने की कोशिश करते रहे। कोई जमीन पर लेट रहा था तो कोई टेबल के नीचे घुसकर बचने की कोशिश करता रहा। तीनों महिलाएं भी अंदर की तरफ भागकर जमीन पर लेट गई थी। हमले के तुरंत बाद जेडीजे ज्वैलर्स के सुरक्षा गार्ड केशर मेघवाल ने हमलावरों पर कुर्सी फैंककर मुकाबला शुरू किया। बाद में सुरक्षा में तैनात रमेश ने फायरिंग करने वालों को पकड़ने की कोशिश की। एक बदमाश को पकड़ने में कामयाब रहे। पकड़े गए बदमाश ने बताया कि फायरिंग के दौरान उसके साथ लाडनू के पास गांव मालासी निवासी गोपाल चारण और लिखमा राम थे।
डीजीपी ने किया आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने का ऐलान
पुलिस कांस्टेबल रमेश मीणा की बहादूरी की हर कोई गर्व कर रहा है। पूरे पुलिस महकमें में रमेश की बहादूरी की सराहना की जा रही है। डीजीपी उमेश मिश्रा और एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने पुलिस कांस्टेबल रमेश को कॉल करके उसकी बहादूरी पर बधाई दी है। डीजीपी उमेश मिश्रा ने पुलिस कांस्टेबल रमेश मीणा को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में अपराधियों की धरपकड़ अभियान चलाया जा रहा है। किसी भी अपराधी को बक्शा नहीं जाएगा। खुंखार अपराधियों को पकड़कर सलाखों के पीछे पहुंचाने वाले पुलिसकर्मियों को नियमानुसार प्रमोशन दिया जाएगा।
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