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1 गलती ने की IAS की छुट्टी... - सरकार की किरकिरी हुई तो IAS गौरव अग्रवाल को कार्मिक विभाग ने किया APO

1 गलती ने की IAS की छुट्टी...

 

जयपुर। राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग ने एक आदेश जारी करते हुए शिक्षा निदेशालय बीकानेर के निदेशक गौरव अग्रवाल को एपीओ कर दिया है। अग्रवाल ने 3 दिन पहले 26 मई को एक आदेश जारी किया जिसकी वजह से सरकार की जमकर किरकिरी हुई। मीडिया में ट्रोल होने के साथ ही सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत काफी नाराज हुए। इसके बाद कार्मिक विभाग ने आदेश जारी करते हुए गौरव अग्रवाल को पद से हटा दिया। अब उन्हें जयपुर के सचिवालय में हाजरी देनी होगी।

 

पेपर लीक माफिया का प्रमोशन कर दिया था गौरव अग्रवाल ने

 

शिक्षा निदेशालय ने 26 मई को एक प्रमोशन सूची जारी की थी। यह सूची विभागीय पदोन्नति समिति की सिफारिश पर निदेशालय की ओर से प्रमोशन सूची जारी की गई थी। इस सूची में पेपर लीक गिरोह के मास्टरमाइंड अनिल कुमार मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा का भी नाम है। वरिष्ठ अध्यापक शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में सरकारी स्कूल का वाइस प्रिंसिपल शेर सिंह मीणा ने पेपर लीक किया था। मामले का खुलासा होने के बाद सरकार ने शेर सिंह मीणा को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। फिलहाल वह जेल में बंद है। इसके बावजूद भी शिक्षा निदेशालय ने बड़ी लापरवाही करते हुए पेपर लीक गिरोह के मास्टरमाइंड अनिल कुमार मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा का प्रमोशन करते हुए वाइस प्रिंसिपल से प्रिंसिपल बना दिया था।

 

1 करोड़ रुपए में पेपर खरीद कर आगे बेचा था शेरसिंह ने



दिसंबर 2022 में वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षाएं हो रही थी। इस परीक्षा का पेपर शेर सिंह मीणा ने दो तीन महीने पहले ही खरीद लिया था। आरपीएससी सदस्य बाबुलाल कटारा से 60 लाख रुपए नकद देकर पेपर खरीदा था। बाद जयपुर के शास्त्री नगर स्थित एक टाइपिंग की दुकान से पेपर टाइप करवाया। फिर पेपर लीक माफिया सुरेश ढाका और भूपेन्द्र सारण को बेच दिया था। 24 दिसंबर को उदयपुर पुलिस ने पेपर लीक प्रकरण का खुलासा किया था। इस मामले में आरपीएससी सदस्य बाबुलाल मीणा, उनका भांजा विजय, ड्राइवर गोपाल सिंह और शेर सिंह मीणा सहित 60 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। कटारा, शेर सिंह सहित कई आरोपी फिलहाल जेल में है लेकिन जेल में रहते हुए भी बर्खास्त वाइस प्रिंसिपल शेर सिंह मीणा का प्रमोशन कर दिया गया था। शिक्षा निदेशालय की इस लापरवाही की गाज निदेशक गौरव अग्रवाल पर गिरी है। 

 

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