राजस्थान हाईकोर्ट के संविदाकर्मी ने सुसाइड किया तो राज्य सरकार ने 12 घंटे में बढ़ाया मानदेय - काश पहले बढ जाता मानदेय, 20 साल से 4400 और 5600 रुपए मिलते थे, अब मिलेंगे 11,000 से 17,000
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच के संविदा कर्मी 37 वर्षीय मनीष सैनी ने शुक्रवार सुबह कोर्ट परिसर में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। खुदकुशी से पहले उसने सुसाइड नोट लिखा जिसमें उसने सरकार द्वारा संविदा कर्मियों का मानदेय नहीं बढाने पर दुख जाहिर किया। मनीष की खुदकुशी के 12 घंटे बाद राज्य सरकार ने संविदा कर्मियों का मानदेय बढा दिया। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 8 बजे विधि विभाग के अपील सेक्शन में तैनात मनीष सैनी ने सुसाइड किया था। दिनभर परिजनों और साथी कर्मचारियों का धरना चलता रहा। देर रात को साढ़े 8 बजे राज्य सरकार ने संविदा कर्मियों का मानदेय बढाने की घोषणा कर दी।
सरकार ने मेरा भला नहीं किया, साथियों का भला हो
मनीष सैनी की आत्महत्या की सूचना मिलने के बाद अशोक नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। प्रमुख विधि सचिव बृजेंद्र जैन, एएीजी जीएस गिल और एएजी राजेश चौधरी भी मौके पर पहुंचे। मृतक संविदाकर्मी के पास पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला। इस सुसाइड नोट में लिखा था कि 'मुझे वीरगति प्राप्त हो, राज्य सरकार ने मेरा भला तो नहीं किया लेकिन मेरे भाइयों का भला हो।' मानदेय बढाने के संबंध में राजस्थान हाईकोर्ट पूर्व में संविदा कर्मियों के पक्ष में फैसला दिया था लेकिन राज्य सरकार ने उस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट चली गई। इसी वजह से संविदा कर्मियों का मानदेय नहीं बढ़ाया जा रहा था।
मृतक संविदा कर्मी के परिजनों की ये मांगे मानी
मनीष सैनी पिछले 17 साल से संविदा कर्मी के रूप में कार्य कर रहा था। शुक्रवार सुबह उसने सुसाइड किया जिसके बाद उसके परिजन और साथी कर्मचारी धरने पर बैठ गए। दिनभर धरना चलता रहा। इसी बीच वकीलों ने भी रास्ता जाम करके प्रदर्शन किया। रात करीब साढ़े 8 बजे राज्य सरकार ने मांगे मान ली। मृतक मनीष सैनी के परिजनों के लिए 10 लाख रुपए के मुआवजे, पत्नी को संविदा पर नौकरी देने पर सहमति बनी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई एसएलपी को भी वापस लेने की बात कही गई। इसके बाद देर रात को मनीष का शव पोस्टमार्टम के लिए एसएमएस मुर्दाघर भिजवाया जा सका।
सुसाइड के बाद ये बढाया मानदेय
मनीष सैनी के सुसाइड के बाद राज्य सरकार ने संविदा कर्मियों का मानदेय बढाने का ऐलान किया। जो संविदा कर्मी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में 4400 रुपए मानदेय में कार्य करते थे, उन्हें अब 11,000 रुपए दिए जाएंगे। लिपिक स्तर के जिन संविदा कर्मियों को 5600 रुपए मानदेय मिलता था, उन्हें 14,000 रुपए और जिन्हें 6900 रुपए मानदेय मिल रहा था, उन्हें अब 17,000 रुपए मानदेय मिलेगा।
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