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फोन टैपिंग मामले में आया केंद्रीय मंत्री का बयान, गजेंद्र सिंह शेखावत बोले - गहलोत को बोलने का अधिकार ही नहीं - 'उनके ओएसडी दिल्ली के न्यायालय में शपथपूर्वक दे चुके बयान कि फोन टैपिंग हुई थी'

फोन टैपिंग मामले में आया केंद्रीय मंत्री का बयान, गजेंद्र सिंह शेखावत बोले - गहलोत को बोलने का अधिकार ही नहीं

 

 

जयपुर। राजस्थान में कैबिनेट मंत्री के फोन टैपिंग के आरोपों की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है। इस मामले में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का भी बयान सामने आया है। शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार किया है। शेखावत ने कहा कि अशोक गहलोत को फोन टैपिंग मामले में बोलने का नैतिक अधिकार ही नहीं है। उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान राजस्थान में विधायकों, मंत्रियों और सांसदों के फोन टैप हुए थे। उनके ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने दिल्ली के न्यायालय में शपथ पूर्वक यह बात कही थी कि फोन टैपिंग हुई थी। लोकेश ने यह भी बयान दिए कि लीक ऑडियो लीक करने के निर्देश उन्हें गहलोत ने ही दिए थे। गहलोत और लोकेश के बीच हुई बातचीत का ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें गहलोत कह रहे हैं कि जिन मोबाइल, लैपटॉप और पेन ड्राइव से ऑडियो वायरल किए हैं, उन इंस्ट्रूमेंट को नष्ट कर दो। शेखावत ने कहा कि ऐसे में गहलोत को इस प्रकरण में बोलने का हक नहीं है।

 

डॉ. किरोड़ी के वीडियो के बाद गूंजा मामला

 

5 फरवरी को डॉ. किरोड़ीलाल मीणा का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वे यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि सरकार उनकी जासूसी करा रही है। उनके पीछे सीआईडी लगा रखी है और उनके फोन भी टैप किए जा रहे हैं। यह वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया। 6 और 7 फरवरी को कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा में जमकर हंगामा किया और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस्तीफा मांगा। फोन टैपिंग मामले में सरकार से जवाब भी मांगा गया। इस प्रकरण में सरकार की किरकिरी होने के बाद भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को नोटिस भेजा। डॉ. मीणा ने नोटिस का जवाब भेजते हुए अपनी गलती स्वीकार भी की। हालांकि डॉ. मीणा ने यह भी कहा कि उन्होंने किसी और संदर्भ में ऐसा कहा था लेकिन मीडिया में गलत अर्थ निकालते हुए वायरल कर दिया गया।

 

गहलोत बोले - सीएम भजनलाल को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए

 

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि फोन टैपिंग मामले में सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सदन में इस मामले की सच्चाई बतानी चाहिए थी। गहलोत ने कहा कि उनके कार्यकाल में जब फोन टैपिंग के आरोप लगे थे तब उन्होंने सदन में खड़े होकर जवाब दिया था कि किसी भी मंत्री, विधायक और सांसद के फोन टैप नहीं किए जा रहे हैं। भजनलाल सरकार को भी इसी भाव से स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

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