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महज डेढ महीने में खाद्य सुरक्षा योजना में 9 लाख नए नाम जोड़े गए - मंत्री सुमित गोदारा बोले - 'खाद्यान्न के हर दाने को उसके हकदार तक पहुंचाएंगे', पीएम मोदी की भावना पर कर रहे हैं काम

महज डेढ महीने में खाद्य सुरक्षा योजना में 9 लाख नए नाम जोड़े गए

 


जयपुर। राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना में से अपात्र लोगों को हटाने से वंचित और हकदार परिवारों को बड़ा लाभ मिला है। राज्य सरकार की ओर से नवंबर 2024 से गिव अप अभियान चलाकर सक्षम और अपात्र लोगों से इस योजना का लाभ छोड़ने की अपील की जा रही है। इस अभियान के सार्थक परिणाम आ रहे हैं और अब तक करीब 12.58 लाख अपात्र लोगों के नाम खाद्य सुरक्षा योजना से हटाए गए हैं। ऐसे में नए लाभार्थियों के लिए नाम जोड़ने का रास्ता खुल गया। राज्य सरकार ने 26 जनवरी 2025 को नए नाम जोड़ने का पोर्टल खोला था। अब तक करीब 9 लाख नए नाम इस योजना में जोड़े जा चुके हैं। यानी महज डेढ महीने में 9 लाख लोग जुड़े हैं जिन्हें खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ मिलेगा।

 

हर दाने को हकदार व्यक्ति तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य - सुमित गोदारा

 

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने मंगलवार 11 मार्च को राजस्थान विधानसभा में अनुदान मांगों का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने खाद्य विभाग की उपलब्धियों को सदन में रखा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य यही है कि खाद्यान के हर दाने को उसके हकदार के तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनाओं के अनुकूल ही योजनाएं बनाकर कार्य कर रही है। पीएम मोदी जी कहते हैं कि कोई भूखा ना रहे और कोई भूखा ना सोये। इसी भावना के तहत केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल और बढा दिया गया। उसी तर्ज पर राज्य सरकार भी खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ प्रत्येक वंचित और पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। खुशी की बात यह है कि हम ऐसा करने में कारगर रहे और महज डेढ़ महीने में 9 लाख नए लोगों का नाम इस योजना में जोड़ने में कामयाब रहे।

 

पूर्ववर्ती सरकार में अपात्र लोग उठा रहे थे लाभ

 

अपने संबोधन के दौरान मंत्री सुमित गोदारा ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लाखों सक्षम और अपात्र लोग खाद्य सुरक्षा योजना का खाद्यान्न हड़पते रहे। तत्कालीन सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जिसके चलते लाखों पात्र व्यक्ति इस योजना का लाभ पाने से वंचित रहे। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का ध्यान इस ओर गया। उनके मार्गदर्शन में गिव अप अभियान शुरू किया जिसके बेहतर परिणाम आ रहे हैं। 12.58 लाख अपात्र लोगों के नाम खाद्य सुरक्षा योजना से हटाना और करीब 9 लाख नए लोगों के नाम जोड़ना सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है। गिव अप अभियान की सफलता को देखते हुए इसकी अवधि 31 मार्च 2025 तक बढा दी गई है।

 

नए नाम जोड़ने की प्रक्रिया का सरलीकरण

 

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना में नए पात्र लोगों के नाम जोड़ने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया है। अब कोई भी पात्र व्यक्ति घर बैठे अपने मोबाइल से भी अपना नाम जोड़ने के लिए आवेदन कर सकता है। आवेदन की जांच के लिए अलग अलग कमेटियां बनाई गई है। ग्रामीण स्तर पर पटवारी, बी.एल.ओ और ग्रामीण विकास अधिकारी की जांच कमेटी बनाई गई है। शहरी क्षेत्र में स्थानीय निकाय कार्मिक को शामिल करते खाद्य सुरक्षा आवेदन की जांच समिति गठित की है। खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने कहा जिस दाने पर परमात्मा ने खाने वाले का नाम लिखा है, उस दाने को हम पात्र व्यक्ति के घर तक पहुंचाएंगे। जिन परिवारों के सभी सदस्य 18 वर्ष से कम और 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं, या निशक्त हैं और राशन लाने में असमर्थ हैं। ऐसे लाभार्थियों का खाद्यान्न घर तक पहुंचाने के लिए 1 जुलाई 2024 से डोर स्टेप डिलीवरी योजना शुरू की है।

 

राशन डीलरों का कमीशन बढ़ाया, गैस सिलेंडर योजना का दायरा भी बढ़ाया

 

मंत्री गोदारा ने कहा कि प्रदेश के राशन डीलर लंबे समय से कमीशन बढ़ाने की मांग कर रहे थे। राज्य सरकार ने उनकी मांगों को पूरा करते हुए उचित मूल्य दुकानदारों को दिए जाने वाली कमीशन राशि में 10 प्रतिशत की वृद्धि की है। प्रदेश में सरकार बनते ही बीपीएल, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के साथ राज्य के चयनित बीपीएल परिवारों को 450 रुपये में घरेलू गैस सिलेंडर दिए जा रहे हैं। हाल ही में राज्य सरकार ने एनएफएसए के सभी परिवारों को भी 450 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री रसोई गैस सब्सिडी योजना तहत जनवरी 2024 से नवम्बर 2024 तक योजना के पात्र लाभार्थियों के खाते में लगभग 266 करोड़ रुपये की सब्सिडी राशि हस्तांतरित की जा चुकी है।

 

शास्त्रों से संबोधन शुरू और टैगोर की पंक्तियों से समापन

 

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने अपना संबोधन शास्त्रों में लिखे गए अन्न के महत्व से प्रारम्भ किया। उन्होंने कहा कि 'अन्नम ब्रह्मा, रसं विष्णु, भोक्ता देवो जनार्दनम्' अर्थात अन्न ही ब्रह्मा है, उसमें निहित सारतत्व विष्णु है और जो उसका 'उपभोग' करता है, वह 'महेश्वर' के समान है। आगे उन्होंने कहा कि नान्नोंदकम दानम् अर्थात अन्न से बढ़कर कोई दान नही है, कोई देय वस्तु नहीं है। सरकार का यह विभाग भी अन्न को ब्रह्मा और उपभोक्ताओं को महेश्वर मानकर न केवल उन्हें सतत अन्न और गेहूं उपलब्ध करा रहा है, बल्कि विभाग की प्रत्येक नीति निर्धन उपभोक्ताओं के सार्वकालिक हित को दृष्टिगत रखते हुए ही बनायी जा रही है। संबोधन का समापन रविंद्र नाथ टैगोर की पंक्तियों 'देश की माटी, देश का जल, हवा देश की, देश के फल, सरस बनें, प्रभु सरस बनें, देश के घर और देश के घाट, देश बन और देश के बाट, सरल बने, प्रभु सरल बने' के साथ उन्होंने अपने संबोधन का समापन किया।

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