नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलकर क्या हासिल करना चाहती है केन्द्र सरकार...? सीएम अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार पर किया सियासी हमला - IIT, IIM, BARC,BHEL, नॉन अलाइन मूवमेंट और पंचशील के सिद्धांत भी है नेहरू की देन - गहलोत
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर केन्द्र सरकार पर सियासी हमला बोला है। गहलोत ने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार द्वारा अपने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों द्वारा किए गए कार्यों का नाम बदलने के लिए किस स्तर तक जाएगी। यह समझ के परे है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण है। गुरुवार दोपहर को मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके यह बयान जारी किया।
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने पर एतराज
दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदल कर प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड लाइब्रेरी करने पर एतराज जताया। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रधानमंत्री को गर्व होना चाहिए कि इस देश को पंडित जवाहर लाल नेहरू जी जैसे पहले प्रधानमंत्री मिले जिन्होंने 17 साल के कार्यकाल में मजबूत भारत की आधारशिला रखी। साथ ही देश में आईआईटी, आईआईएम, बीएआरसी और बीएचईएल और योजना आयोग जैसे बड़े संस्थानों की स्थापना करते हुए भाखड़ा नांगल बांध, नागार्जुन सागर बांध जैसी परियोजनाएं बनाकर भारत के विकास में अहम भूमिका निभाई। गहलोत ने कहा कि नॉन अलाइन मूवमेंट और पंचशील के सिद्धांत भी पंडित नेहरू की देन हैं।
पाकिस्तान से तुलना करते हुए किया ट्वीट
मुख्यमंत्री ने अपनी बात कहने के दौरान पाकिस्तान का जिक्र भी किया। सोशल मीडिया के ट्विटर हैंडल पर उन्होंने लिखा कि भारत के साथ ही आजाद हुए 6 गुना कम आकार और जनसंख्या वाला पाकिस्तान आज बर्बाद होने की कगार पर है। वहां जनता के लिए भोजन तक उपलब्ध नहीं है और आर्थिक स्थितियों से गृहयुद्ध के हालात बने हुए हैं। नेहरू जी का नाम लिखते हुए गहलोत ने कहा कि जो महान व्यक्ति 16 साल तक जिस जगह पर रहे। उस जगह की पहचान बदलना समझ से परे है।
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