CET में जनेऊ उतरवाने का मुद्दा गरमाया, CM भजनलाल शर्मा तक पहुंची शिकायत - विप्र फाउंडेशन ने आंदोलन की चेतावनी, पुलिसकर्मियों और प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग
जयपुर। राजस्थान राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजन सामान्य पात्रता परीक्षा के दौरान जनेऊ उतरवाने पर विवाद शुरू हो गया है। शुक्रवार 27 सितंबर को जयपुर में एक अभ्यर्थी सीईटी की परीक्षा देने गया था। परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले पुलिसकर्मी जांच कर रहे थे। इस दौरान एक अभ्यर्थी के जनेऊ धारण किया हुआ था। पुलिसकर्मियों ने इसे उतारने के लिए बोला तो अभ्यर्थी ने इनकार कर दिया। बाद में यह मामला परीक्षा केंद्र के अधीक्षक यानी स्कूल प्रिंसिपल के पास पहूंचा। प्रिंसिपल ने भी अभ्यर्थी से जनेऊ उतार कर ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश की बात कही। ऐसे में अभ्यर्थी को जनेऊ उतारनी पड़ी।
जनेऊ उतार कर परीक्षा देने की मजबूरी
जयपुर में जनेऊ उतारने की यह घटना बांसवाड़ा जिले के तलवाड़ा नवासी हरेन दवे के साथ हुई। हरेन शुक्रवार को जयपुर के टोंक फाटक स्थित महात्मा गांधी स्कूल में एग्जाम देने आया था। दूसरी पारी में होने वाली सीईटी की परीक्षा देने के लिए दोपहर 3 बजे वह परीक्षा केंद्र पहुंचा था। वहां पुलिसकर्मी अभ्यर्थियों की चेकिंग करते हुए प्रवेश दे रहे थे। जब हरेन की बारी आई तो पुलिसकर्मियों ने उसे जनेऊ उतारने की बात कही। जब हरेन ने जनेऊ उतारने से इनकार किया तो मामला स्कूल के प्रिंसिपल के पास पहुंचा। प्रिंसिपल ने भी जब हरेन से जनेऊ उतारने की बात कही तो अभ्यर्थी लिखित में देने पर अड़ गया। इस दौरान काफी देर तक विवाद हुआ। बाद में अभ्यर्थी को जनेऊ उतार कर परीक्षा देनी पड़ी।
पुलिस और परीक्षा केंद्र अधीक्षक के खिलाफ मुख्यमंत्री से शिकायत
जनेऊ उतारने वाले अभ्यर्थी हरेन का कहना है राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड की परीक्षाओं के लिए दिशा निर्देश तय किए हुए हैं। इन निर्देशों में ऐसा कोई नियम नहीं है जिसमें जनेऊ उतारने की बात लिखी हो। इसके बावजूद भी जनेऊ जबरन उतरवाया गया। हरेन ने इस मामले की शिकायत पहले विप्र फाउंडेशन से की और फिर ऑनलाइन हेल्प लाइन के जरिए मुख्यमंत्री से शिकायत की। अभ्यर्थी ने पुलिसकर्मियों और प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उधर विप्र फाउंडेशन ने भी राज्य सरकार से इस मामले में एक्शन लेने की बात कही। अन्यथा सड़कों पर उतर कर आंदोलन की चेतावनी दी है।
बोर्ड के चेयरमैन ने दिया नियमों का हवाला
उधर विवाद बढ़ने के बाद राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर आलोक राज ने कहा कि बोर्ड की परीक्षाओं में किसी भी तरह का लॉकेट या धातु से बने आइटम नहीं पहनने के नियम हैं। जनेऊ को लेकर अलग से कोई नियम बने हुए नहीं हैं लेकिन अगर जनेऊ पर कोई धातु से बना आइटम बंधा हुआ हो तो उतारना जायज है। मेजर आलोक राज ने कहा कि जो मामले अब सामने आया है, उसकी जांच करवाई जा रही है। भविष्य में ऐसे नियम तय किए जाएंगे जिससे कि विवाद की स्थिति पैदा ना हो।
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