'अफसरशाही सरकार पर हावी है...! सत्ता पक्ष के विधायक और नेता खुलकर कह रहे यही बात - पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा और सांसद हनुमान बेनीवाल सहित कई नेता लगा चुके आरोप
जयपुर। अब तक कांग्रेस और विपक्ष के अन्य नेता आरोप लगाते थे कि सरकार पर अफसरशाही हावी हो रही है लेकिन अब सत्ता पक्ष के विधायक भी यही बात कह रहे हैं। ब्यावर से भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत का कहना है कि प्रदेश में अफसरशाही हावी है, वे किसी की नहीं सुन रहे। जयपुर में रावत ने कहा कि ये अफसर कांग्रेस राज के समय से लगे हुए हैं। इन अफसरों पर सरकार ने भी अभी तक ध्यान नहीं दिया है। विपक्ष के आरोपों के बाद अब सत्ता पक्ष के विधायक ही अफसरशाही को सरकार पर हावी बताने लगे तो सियासी गलियारों चर्चाएं शुरू हो गई। लोगों का कहना है कि शंकर सिंह रावत के बयान से देवी सिंह भाटी के दावे पर मुहर लग गई जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्य सचिव से मिलने के लिए कई विधायक उनके ऑफिस के बाहर लाइन लगाकर बैठे रहते हैं।
पहले जानिए क्या कहा शंकर सिंह रावत ने
ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के कुछ विभागों में अफसरशाही हावी है जो किसी की नहीं सुन रहे। वे अफसर कांग्रेस राज के समय से लगे हुए हैं। ऐसे अफसरों के बारे में मुख्यमंत्री जी से शिकायत करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि कई अफसरों ने तो सरकारी कार्यालयों में बपौती जमा रखी है कि जैसे शासन को वे ही चला रहे हैं। यह तरीका ठीक नहीं है। रावत ने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। जनता जनप्रतिनिधियों को चुनकर भेजती है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों की बात सुनकर उस पर तुरंत निर्णय लेना चाहिए।
देवी सिंह भाटी भी लगा चुके बड़ा आरोप
पिछले दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी पिछले दिनों बीकानेर में मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान भाटी ने भी अफसरशाही हावी होने का आरोप लगाए थे। देवी सिंह भाटी ने कहा कि ऐसा सुनने में आ रहा है कि मुख्य सचिव के कमरे के आगे विधायक लाइन में लगकर खड़े रहते हैं। अगर ऐसा है तो उनका जनप्रतिनिधि होना बेकार है। भाटी ने कांग्रेस सरकार की तारीफ करते हुए कहा था कि कांग्रेस राज में अफसर काबू में थे, उन्हें कार्रवाई का डर था लेकिन अब उन्हें कार्रवाई को कोई डर नहीं है। उन्हें पता है कि उनके खिलाफ कुछ नहीं होने वाला है। भाटी ने कहा था कि जब ब्यूरोक्रेसी हावी होती है तो सरकार को नुकसान होता है। यह व्यवस्था बदलनी चाहिए।
कांग्रेस पहले से लगा रही है आरोप
विपक्षी दल कांग्रेस शुरू से आरोप लगाती रही है कि सरकार पर ब्यूरोक्रेसी हावी है। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा तो यहां तक कह चुके हैं कि सरकार में सीएम भजनलाल की कुछ नहीं चलती। दिल्ली के निर्देश पर सरकार को तो अफसर चला रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी आरोप लगा चुके हैं कि मुख्य सचिव सुधांश पंत सरकार चला रहे हैं। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने पिछले दिनों ट्वीट किया कि मुख्य सचिव समानांतर सरकार चला रहे हैं। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। मुख्य सचिव से मिलने के लिए कैबिनेट मंत्रियों को भी अपॉइंटमेंट लेना पड़ रहा है। जबकि नियमों के मुताबिक कैबिनेट मंत्री मुख्य सचिव को तलब कर सकता है। बेनीवाल ने यह भी कहा कि मुख्य सचिव के चेंबर के बाहर विधायक धक्के खा रहे हैं।
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