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देशभर से आए संतों के सानिध्य में 'मारवाड गोशाला सम्मेलन' का हुआ आयोजन - राजस्थान गो सेवा समिति ने एक सुर में गोमाता को लेकर जताई चिंता

देशभर से आए संतों के सानिध्य में 'मारवाड गोशाला सम्मेलन' का हुआ आयोजन

कामधेनु कल्याण महोत्सव के तहत मनाई गीता जयन्ती 

देशभर से आए संतों के सानिध्य में 'मारवाड गोशाला सम्मेलन' का हुआ आयोजन, राजस्थान गो सेवा समिति ने एक सुर में गोमाता को लेकर जताई चिंता

प्रदेशभर के सभी जिला मुख्यालय पर आगामी 6 जनवरी को ज्ञापन एवं 10 फरवरी तक विभिन्न बिन्दुओं को लेकर मोर्चा और रेलियों का होगा आयोजन

सांचौर। गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के 31 वें स्थापना सप्ताह के दौरान कामधेनु कल्याण महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। महोत्सव के तहत आज बुधवार को परम श्रद्धेय गोऋषि स्वामी दत्तशरणानन्दजी महाराज के पावन निश्रा में मुकुंदप्रकाश ब्रह्मचारी महाराज के मुखारविंद से श्री गोभक्तमाल पारायण पाठ का आयोजन हुआ। महोत्सव के तहत रघुनाथभारतीजी महाराज, नंदरामदास महाराज, बदलेवदास महाराज, दिव्यस्वरूपदास महाराज, गंगादास महाराज, सच्चिदानंद महाराज, महादेवानंद महाराज, गोवत्स विट्ठलकृष्ण के सानिध्य में श्री गीता जयन्ती के अवसर पर राजस्थान गोसेवा समिति सत्यपुर (सांचौर) के तत्वाधान में मारवाड गोशाला सम्मेलन को गोऋषि स्वामी दत्तशरणानन्दजी महाराज ने संबोधित करते हुए कहा कि 2008 में संकरीकरण पर रोक, गोसंरक्षण, संवर्धन एवं गो आधारित कृषि करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए श्री गोधाम आनंदवन पथमेड़ा में सत्याग्रह हुआ था, उसी से राजस्थान गोसेवा का प्रार्दुभाव हुआ। संपूर्ण गो संरक्षण, गोसंपोषण, संवर्धन, पंचगव्य परिष्करण व विनियोग के कार्य में सरकार का सहयोग व समाज का सहकार आवश्यक है। गोहत्या अधिनियम से संपूर्ण गोसंरक्षण संभव नहीं हो सकता। गोहत्या अधिनियम में शासकीय व वित्तीय व्यवस्थाएं की जाए। राजस्थान गोसेवा समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुनाथभारती ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि गीता का ज्ञान रूपी दूध चाहिए, तो गोसेवा करनी ही होगी। राजस्थान गो सेवा समिति के अभियान से ही राजस्थान में अनुदान व अन्य व्यवस्थाएं हुई है। यह संतों के संकल्प से ही संभव हो रहा है। 

आगामी जनवरी माह से प्रदेश भर में देंगे ज्ञापन 

राजस्थान गोसेवा समिति ने गोमाता के विभिन्न विषयों पर चिंता जाती। आगामी 6 जनवरी से 10 फरवरी तक समस्त जिला मुख्यालयों ज्ञापन एवं 10 फरवरी तक प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर मोर्चा ओर रैली करने का प्रस्ताव लिया। ज्ञापन में गोमाता को राज्यमाता का दर्जा, 12 महीने तक अनुदान व गोभूमाफियों को अतिक्रमण मुक्त कर संरक्षण करने के बिंदु शामिल होंगे। इसके बाद 10 फरवरी को रेवासा धाम में प्रदेश स्तरीय गौशाला सम्मेलन आयोजित होगा। 

 

सम्मेलन में गोशाला संचालकों को संबोधित करते महामंत्री रघुनाथसिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में आज भी हजारो गोवंश गांव, गली, सडक पर भुखा, भयभीत, प्रताड़ित एवं भूखाग्नी मिटाने हेतू पोलीथीन आदि अखाद्य पदार्थों का आहार ग्रहण करता हुआ सर्वत्र दृष्टिगोचर हो रहा है। यह हमारे लिए अत्यंत पीड़ा की बात है। एक भी गोवंश उपेक्षित, प्रताड़ित, भयभीत तथा भुखपीडीत रहता है, तो हमारी गोसेवा अधुरी है। सम्मेलन के प्रारंभ में डूंगराराम पुरोहित ने गोधाम पथमेडा का परिचय दिया। सम्मेलन के दौरान मंच संचालन पथमेड़ा के सीईओ आलोक सिंहल ने किया। इस अवसर पर प्रधान सचिव धनराज चौधरी, राव मोहनसिंह, ओमप्रकाश गर्ग, सीईओ आलोक सिंहल, अम्बालाल सुथार, केवलाराम, डूंगराराम, केसाराम सुथार, उदाराम वैष्णव, प्रवीण पुरोहित, मदरूपसिंह राव, कोहलाराम सोनी, भाखराराम विश्नोई, सुखराज नून, धन्नाराम खिरोडी, सावलारामजी वागावास, किरताराम सहित प्रदेशभर के हजारों गोसेवाप्रेमी संत महात्माओं, गोशाला संचालकों, गोभक्त धर्मात्माओं एवं गोहितेषी जन प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

देशभर से आए संतों के सानिध्य में 'मारवाड गोशाला सम्मेलन' का हुआ आयोजन

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