जवानों की तपस्या को समर्पित सम्मेलन में बोले गृहमंत्री अमित शाह - – “-46°C से 46°C तक सीमाएं सुरक्षित रखने वाले जवानों को नमन”
- Post By शरद टाक
- April 18, 2025 16:53:59

जवानों की तपस्या को समर्पित सम्मेलन में बोले गृहमंत्री अमित शाह – “-46°C से 46°C तक सीमाएं सुरक्षित रखने वाले जवानों को नमन”
“स्वर्ण काल” न्योछावर करने वाले जवानों को किया सलाम
आबूरोड। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को आबूरोड स्थित ब्रह्माकुमारीज़ के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा सेवा प्रभाग सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने संस्था की सिल्वर जुबली और 2025-26 की वार्षिक थीम – "विश्व एकता और विश्वास हेतु ध्यान" का भी उद्घाटन किया। अपने संबोधन में शाह ने कहा, “देश के वीर जवान -46°C से लेकर 46°C तापमान तक सीमाओं की सुरक्षा में अपने जीवन का स्वर्ण काल अर्पित करते हैं। यही उनका त्याग और तपस्या है, जिसकी बदौलत हम सभी सुरक्षित हैं।” उन्होंने कहा कि जवानों की सेवा मानसिक, शारीरिक और आत्मिक रूप से अत्यंत चुनौतीपूर्ण है, जिसमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे संस्थानों द्वारा योग और ध्यान के माध्यम से शांति और सशक्तिकरण का कार्य बहुत सराहनीय है।
वसुधैव कुटुंबकम" की भावना भारत की देन: शाह
गृहमंत्री ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा पिछले 25 वर्षों में सुरक्षा बलों के बीच जाकर आत्मिक जागृति का कार्य अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि भारत की वैदिक परंपरा ने पूरी दुनिया को “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना दी और योग-ध्यान द्वारा मानसिक, बौद्धिक और आत्मिक शांति को जगाने का प्रयास भारत की प्राचीन परंपरा रही है।
आजादी की शताब्दी तक विश्व की सर्वोच्च अर्थव्यवस्था होगा भारत
शाह ने विश्वास जताया कि भारत जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा और जब देश आजादी की शताब्दी मनाएगा, तब तक हम विश्व नेतृत्व की ओर अग्रसर होंगे। उन्होंने कहा, “भारत की परंपराएं ही विश्व बंधुत्व की भावना को जन्म देती हैं और ब्रह्माकुमारीज़ जैसी संस्थाएं इन मूल्यों को आगे बढ़ा रही हैं।
ब्रह्माकुमारीज़ की भूमिका की सराहना
शाह ने ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की पहली बार भौतिक रूप से यात्रा करते हुए कहा, “यहाँ आते ही मन को गहराई से शांति का अनुभव हुआ।” उन्होंने संस्थापक लेखराज कृपलानी जी और पूर्व प्रशासिका दादी रतनमोहिनी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की और संस्था की साधना, सादगी, संयम, और सहयोग की भावना को “विश्व में सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत” बताया। उल्लेखनीय है कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान वर्तमान में 140 से अधिक देशों में आत्मा-परमात्मा ज्ञान, राजयोग ध्यान और आध्यात्मिक जीवनशैली को सरल तरीके से प्रसारित कर रहा है।
मुख्यमंत्री का संबोधन: “हर क्षेत्र में योग की भूमिका बढ़ रही
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में गृहमंत्री के राष्ट्रीय हित में लिए ऐतिहासिक निर्णयों की सराहना की और कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा जवानों में आत्मबल, मानसिक दृढ़ता और भावनात्मक संतुलन लाने का कार्य राष्ट्र के लिए अत्यंत उपयोगी है। उन्होंने कहा, “सेना से लेकर खेल तक, हर क्षेत्र में योग को अब सक्रिय रूप से शामिल किया जा रहा है।
बीके मोहिनी दीदी: “शांति की शुरुआत अपने अंदर से करनी होगी”
संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी ने कहा, “यदि स्वयं के मन में शांति नहीं है, तो शांति की कोई भी चर्चा सार्थक नहीं हो सकती। उन्होंने राजयोग ध्यान को मानसिक एकाग्रता, संस्कार शुद्धि और आत्मिक शांति का साधन बताया।
सम्मेलन की मुख्य विशेषताएं
जल, थल और वायुसेना के 400 से अधिक अधिकारी-जवान चार दिन तक राजयोग और अध्यात्म की बारीकियां सीखेंगे।
गृहमंत्री शाह का राजस्थानी पगड़ी, इलायची की माला और सोमनाथ मंदिर की प्रतिकृति से स्वागत किया गया।
बीके मृत्युंजय भाई, बीके करुणा, बीके शिविका सहित कई वरिष्ठ सेवाधारियों ने विचार व्यक्त किए।
40 वर्षों की सेवाओं का एक विशेष वीडियो प्रजेंटेशन भी प्रस्तुत किया गया।
शांति और सुरक्षा के इस संगम में दिखी मातृशक्ति की प्रेरणा
गृहमंत्री ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था की विशेषता यह है कि यह वर्षों से मातृशक्ति के नेतृत्व में संचालित हो रही है।
उन्होंने “स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन” की भावना को विस्तार देते हुए कहा कि व्यक्ति के आंतरिक बदलाव से ही दुनिया बदलेगी।
शांतिवन में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और गरिमामयी उपस्थिति
गृहमंत्री के आगमन पर शांतिवन में SPG, जिला पुलिस, और सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी व्यवस्था रही।
मानपुर हेलीपैड पर मुख्यमंत्री सहित भाजपा व प्रशासन के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने शाह का स्वागत किया।
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