शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ के टिकट पर छाए संकट के बादल, जुलाई 2020 पर सितंबर 2022 पड़ रहा भारी - अनुशासनहीनता के मामले में इन तीनों नेताओं को मिल चुका नोटिस, सचिन पायलट बार बार कार्रवाई की मांग कर चुके
जयपुर। कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। इसी बीच कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेताओं के टिकट पर संशय के बादल मंडरा गए हैं। पिछले साल सितंबर 2022 में हुए घटनाक्रम को लेकर कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ को टिकट देने पर कई अड़चनें सामने आ रही है। कांग्रेस हाईकमान ने पिछले साल इन तीनों नेताओं को अनुशासनहीनता के मामले में नोटिस जारी किए थे। कार्रवाई किए जाने की बातें हो रही थी लेकिन साल भर का समय गुजरने के बावजूद इन नेताओं पर कांग्रेस हाईकमान ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब विधानसभा चुनाव के समय इन नेताओं को टिकट दिए जाने पर विवाद होने लगा है।
जुलाई 2020 पर भारी पड़ रहा सितंबर 2022
जुलाई 2020 में सचिन पायलट गुट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व को लेकर सवाल उठाए थे। पायलट सहित 19 विधायक राजस्थान छोड़कर मानेसर चले गए। उन दिनों गहलोत सरकार के गिरने की नौबत आ गई थी। गहलोत गुट को 34 दिन तक होटलों में रहना पड़ा था। सितंबर 2022 में गहलोत गुट के विधायकों ने कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ बगावत कर दी थी। यह बगावत मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ की अगुवाई में हुई थी। ऐसे में अनुशासनहीनता को लेकर पार्टी हाईकमान ने नोटिस जारी किया था लेकिन तीनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पायलट कई बार कर चुके कार्रवाई की मांग
पार्टी आलाकमान के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने पर धारीवाल, जोशी और राठौड़ को नोटिस दिए जाने के मामले में कांग्रेस नेता सचिन पायलट कई बार कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। वे कई बार मीडिया में दिए बयानों में कह चुके हैं कि पार्टी हाईकमान को इस मामले में अपना फैसला लेना चाहिए। कार्रवाई हो क्या क्लीन चिट मिले लेकिन पार्टी को अपना निर्णय जल्द से जल्द लेना चाहिए ताकि कार्यकर्ताओं और आमजन को पार्टी के रुख का पता चल सके।
गहलोट के कट्टर समर्थक हैं ये तीनों नेता
शांति धारीवाल, डॉ. महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कट्टर समर्थक हैं। इन तीनों नेताओं ने सीएम गहलोत के समर्थन में ही पार्टी हाईकमान के खिलाफ बगावत की थी। ऐसे में गहलोत इन तीनों नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। इन दिनों टिकटों पर चल रहे मंथन के दौरान भी गहलोत इन तीनों नेताओं के समर्थन में खड़े हैं। यही वजह है कि पार्टी हाईकमान को निर्णय लेने में वक्त लग रहा है।
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