कांग्रेस के 25 पर्यवेक्षकों ने संसदीय क्षेत्रों का दौरा कर दावेदारों की नब्ज टटोली, कहा - सिर्फ जिताऊ प्रत्याशियों को ही देंगे टिकट - जयपुर में बोली पर्यवेक्षक आराधना मिश्रा, कहा - 'नेता का बेटा होना गुनाह नहीं, अगर जिताऊ है तो टिकट जरूर मिलेगा'
जयपुर। विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस के दौरे लगातार जारी है। पैरों के अंगूठों में चोट लगी होने के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फिर से फील्ड में जाने लगे हैं। गुरुवार को उन्होंने मुंडिया रामसर गांव जाकर राजीव गांधी ओलंपिक खेलों का अवलोकन किया। उधर केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा बनाए गए पर्यवेक्षक भी फील्ड में दौरे करने लगे है। सभी 25 लोकसभा क्षेत्रों के लिए नियुक्त किए पर्यवेक्षकों ने गुरुवार को अपने अपने क्षेत्र में दौरे किए। पार्टी के पदाधिकारियों और संगठन के सक्रिय कार्यकर्ताओं की बैठक ली गई। इन बैठकों के दौरान आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिहाज से रणनीति साझा की गई।
दावेदारों की नब्ज टटोली पर्यवेक्षकों ने
पर्यवेक्षकों द्वारा ली गई बैठकों ने आगामी दिनों में चुनाव लड़ने वाले दावेदारों की नब्ज भी टटोली। जिताऊ उम्मीदवारों के पैनल को लेकर दावेदारों से वन टू वन मुलाकातें की गई। इस दौरान उनके फील्ड में चुनाव तैयारियों की कमियों और मजबूत पक्ष के बारे में भी पूछा गया। दावेदारों से यह भी सवाल किया गया कि उन्हें ही टिकट क्यों दिया जाए। अब तक जनता के लिए क्या और आगे जनता के लिए उनके पास क्या प्लान है। साथ ही यह भी पूछा गया कि अगर टिकट ना दिया जाए तो क्या करोगे। जयपुर शहर लोकसभा क्षेत्र की बैठक पीसीसी में हुई जबकि जयपुर ग्रामीण क्षेत्र की बैठक जय क्लब में हुई।
नेता का बेटा होना कोई गुनाह नहीं
नेताओं के बेटों को टिकट दिए जाने से जुड़े सवाल पर जयपुर लोकसभा की ऑब्जर्वर आराधना मिश्रा ने कहा कि नेता का बेटा होना कोई गुनाह नहीं है। अगर किसी नेता का बेटा पार्टी में एक्टिव होने के साथ जनता के बीच सक्रिय है और जिताऊ है तो उन्हें टिकट दिया जाना चाहिए। मिश्रा ने कहा कि पार्टी में टिकट दिए जाने का एक सिस्टम बना हुआ है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जो पैनल तय किया जाएगा। उसी के आधार पर टिकट वितरण किया जाएगा।
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