कांग्रेस ने भाजपा नेता की पत्नी को दिया टिकट, बीवी को प्रत्याशी बनाने पर नेताजी ने दिया इस्तीफा, पढ़ें खींवसर प्रत्याशी की पूरी खबर - कांग्रेस के टिकट पर खींवसर से चुनाव लड़ चुके हैं सवाई सिंह चौधरी, 66148 वोट मिले थे
जयपुर/नागौर। राजनैतिक पार्टियां जब प्रत्याशी तय करती है तब सभी तरह के समीकरण देखती है। ना केवल अपनी पार्टी बल्कि अन्य पार्टियों के नेताओं की हार जीत की संभावनाएं देखती है और फिर टिकट तय करती है। पार्टी के नेता इसी सोच में रहते हैं कि विरोधी पार्टी के नेताओं पर पार्टी हाईकमान विचार नहीं करेगा जबकि ऐसा नहीं होता। अब खींवसर के कांग्रेस प्रत्याशी को ही देख लीजिए। खींसवर में कांग्रेस के नेता टिकट की आस में थे लेकिन पार्टी हाईकमान ने भाजपा नेता की पत्नी को प्रत्याशी बना दिया। कांग्रेस ने खींवसर विधानसभा सीट से डॉ. रतन चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। रतन चौधरी के पति सवाई सिंह चौधरी नवंबर 2023 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को उम्मीद भी नहीं थी कि भाजपा नेता की पत्नी को टिकट दिया जा सकता है लेकिन पार्टी ने उम्मीद से परे जाकर प्रत्याशी का ऐलान कर दिया।
पत्नी को प्रत्याशी बनाते ही सवाई सिंह ने दिया इस्तीफा
बुधवार 23 अक्टूबर की देर रात को कांग्रेस ने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया। खींवसर विधानसभा सीट से डॉ. रतन चौधरी को प्रत्याशी बनाया। डॉ. रतन चौधरी का नाम आते ही टिकट पाने की उम्मीद लगाए बैठे कांग्रेसी नेता मायूस हो गए। स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने सोचा भी नहीं होगा कि भाजपा नेता की पत्नी को प्रत्याशी बनाया जा सकता है लेकिन पार्टी ने उनके नाम पर मुहर लगा दी। जैसे ही डॉ. रतन चौधरी के नाम का ऐलान हुआ। उसके कुछ ही देर बाद सवाई सिंह चौधरी ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। रिटायर्ड आईपीएस सवाई सिंह चौधरी ने डॉ. रतन चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने पर कांग्रेस के नेताओं का आभार जताया।
पहले कांग्रेस के प्रत्याशी रह चुके हैं सवाई सिंह चौधरी
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सवाई सिंह चौधरी भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत होने के बाद में राजनीति में आए और कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस ने चौधरी को खींवसर से चुनाव मैदान में उतार दिया। कांग्रेस ने जीत का पूरा जोर लगाया लेकिन हनुमान बेनीवाल के सामने सवाई सिंह चौधरी को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि सवाई सिंह चौधरी के ताल्लुकात कांग्रेसी नेताओं से अच्छे रहे हैं। इसके बावजूद नवंबर 2023 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 18 सितंबर 2023 को वे भाजपा में शामिल हो गए। उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा उन्हें खींवसर से चुनाव मैदान में उतारेगी। टिकट की उम्मीद में भाजपा में शामिल हुए थे लेकिन भाजपा ने टिकट नहीं दिया। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने सवाई सिंह चौधरी को प्रत्याशी नहीं बनाया तो वे फिर से कांग्रेसी नेताओं के संपर्क में आए। अब कांग्रेस ने एक बार फिर मौका दिया तो वे कांग्रेस में लौट आए।
66,148 वोट प्राप्त किए थे 2018 के चुनाव में
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के समय सवाई सिंह चौधरी कांग्रेस से प्रत्याशी थे। वे दूसरे स्थान पर रहे। चुनाव जीतने वाले हनुमान चौधरी को 83,096 वोट मिले जबकि सवाई सिंह चौधरी 66,148 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। उन दिनों भाजपा के प्रत्याशी रहे रामचंद्र उत्ता को महज 26,806 मतों से ही संतोष करना पड़ा। पार्टी ने सवाई सिंह चौधरी को एक मजबूत प्रत्याशी माना। इसी उम्मीद में उनकी पत्नी डॉ. रतन चौधरी को प्रत्याशी बनाया है।
लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं बेनीवाल
वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले खींवसर विधानसभा का गठन हुआ था। तब से अब तक लगातार हनुमान बेनीवाल ही चुनाव जीतते आ रहे हैं। वर्ष 2008 के चुनाव में बेनीवाल ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता जबकि बाद में निर्दलीय विधायक बने। फिर 2018 और 2023 के चुनावों में वे आरएलपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीते। वर्ष 2019 में हुए उपचुनाव में बेनीवाल के छोटे भाई नारायण बेनीवाल चुनाव जीते थे।
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