मानहानि के केस में कोर्ट में पेश हुए सीएम अशोक गहलोत, कहा - 'शिकायतकर्ता उपस्थित ही नहीं हो रहे, ऐसे में बरी किया जाए' - पिछली तीन पेशियों में वीसी के जरिए कोर्ट में पेश हुए गहलोत, तीनों ही बार अनुपस्थित रहे गजेन्द्र सिंह शेखावत, हाजरी माफी भी नहीं ली
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार 28 अगस्त को एक बार फिर से दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। संजीवनी क्रेडिट सोसायटी घोटाले मामले में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पर दिए गए बयान को लेकर गहलोत के खिलाफ दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में केस दर्ज है। सोमवार को सीएम गहलोत ने कोर्ट में पेश होते हुए कहा कि पिछली तीन पेशियों में शिकायतकर्ता खुद पेश ही नहीं हो रहे। ऐसे में उन्हें इस केस में बरी किया जाए। इस मामले की अगली सुनवाई कोर्ट ने 6 सितंबर तय की है।
गजेन्द्र सिंह शेखावत ने हाजरी माफी भी नहीं ली
सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वकीलों ने मानहानि के कई मामलों से जुड़े फैसले कोर्ट के सामने रखे। कोर्ट को बताया गया कि ऐसे कई मामले राजनीति से प्रेरित होते हैं जबकि वास्तविकता में केस में कोई दम नहीं होता है। इसी के चलते ऐसे केस में अमूमन आरोपी बरी होते रहे हैं। सीएम गहलोत के वकीलों की दलील थी कि मानहानि के केस में शिकायतकर्ता का कोर्ट में उपस्थित होना जरूरी होता है जबकि गजेन्द्र सिंह शेखावत बिना हाजरी माफी के उपस्थित नहीं हो रहे हैं।
परिवार वालों को अभियुक्त बताने पर दर्ज कराया केस
संजीवनी क्रेडिट सोसायटी घोटाले में सीएम गहलोत केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को अभियुक्त बताते रहे हैं। फरवरी में उन्होंने शेखावत की पत्नी और माता पिता को भी अभियुक्त बताया था। इस पर केन्द्रीय मंत्री ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज कराया। कोर्ट ने 6 जुलाई को सीएम गहलोत के खिलाफ समन जारी किया था। इसके बाद गहलोत की तीन बार कोर्ट में पेशी हो चुकी है। इन तीनों ही पेशियों में गहलोत वीसी के जरिए कोर्ट में पेश हुए। शिकायतकर्ता तीनों ही बार कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए।
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