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शिक्षक दिवस पर सीएम भजनलाल को नजर आए अपने पहले गुरु, हाथ पकड़कर मंच तक लाए, पैर छुए और अपनी कुर्सी पर बैठाया - स्कूली दिनों के किस्से भी सुनाए सीएम ने, जानिए क्या क्या हुआ था स्कूल के पहले दिन

शिक्षक दिवस पर सीएम भजनलाल को नजर आए अपने पहले गुरु, हाथ पकड़कर मंच तक लाए, पैर छुए और अपनी कुर्सी पर बैठाया

 

जयपुर। शिक्षक दिवस के मौके पर राजधानी जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी शरीक हुए। सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल के पहले गुरु शंकरलाल शर्मा भी मौजूद थे जिन्होंने उन्हें पहली से पांचवीं कक्षा तक पढाया था। जैसे ही सीएम भजनलाल ने शंकरलाल शर्मा को देखा तो वे भावुक हो गए। खुद सीएम भजनलाल मंच से नीचे आए और अपने पहले गुरु का हाथ पकड़ कर उन्हें मंच तक लेकर आए। पांव छूकर आशीर्वाद भी लिया। फिर सीएम ने शॉल ओढ़ाकर अपने गुरु का सम्मान किया और मंच पर अपनी कुर्सी पर बैठाया।

 

शंकरलाल शर्मा ने 5वीं तक पढाया सीएम भजनलाल को

 

सीएम भजनलाल शर्मा ने अपने बचपन के दिन याद किए। उन्होंने कहा कि पहले जब स्कूल में पहली बार एडमिशन होता था तो घरवाले गुड़ बांटते थे। उनके एडमिशन के लिए भी दादाजी ने काफी तैयारी की थी। सीएम ने कहा कि जब उनका एडमिशन हुआ था तब उनकी स्कूल में शंकरलाल शर्मा जी अकेले शिक्षक थे। पहली से लेकर पांचवीं कक्षा तक शंकरलाल शर्मा जी ने ही उन्हें पढाया था। स्कूल का पहला दिन आज भी उन्हें याद है। पहले दिन स्कूल गया था तब स्लेट को अच्छी तरह से सजाया गया था। सीएम भजनलाल ने कहा कि एक दिन पहले उन्होंने कॉल करके शंकरलाल शर्मा जी से पूछा कि आप जयपुर आने की स्थिति में हैं। उन्होंने हां कहा तो निमंत्रण भेजा और शिक्षक सम्मान समारोह में बुलाया।

 

सीएम ने शेयर किए पुराने किस्से

 

सीएम भजनलाल शर्मा ने अपने पुराने दिनों की यादें ताजा करते हुए कहा कि गांवों में पहले खेती का काम ज्यादा होता था। घरवाले भी पढाई से ज्यादा महत्व खेती को देते थे। उन दिनों में गुरुजी (शंकरलाल शर्मा) घर घर जाकर कहते थे कि खेती का काम तो दोपहर बाद भी किया जा सकता है। सुबह के समय बच्चे को स्कूल भेजो। सीएम ने कहा कि वैसे भी गुरु के बिना जीवन सूना होता है। सम्मान समारोह में उपस्थित शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भी सीएम के पहले गुरु शंकरलाल शर्मा के पैर छुए और आशीर्वाद लिया।

 

राजस्थान के शिक्षक जितने योग्य, उतना कोई नहीं

 

अपने संबोधन के दौरान सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान प्रदेश के शिक्षकों को विशेष गौरव प्राप्त है। यहां के शिक्षक जितने योग्य हैं, उतना अन्य किसी भी प्रदेश में नहीं हैं। जितना तप करके यहां के शिक्षक मेहनत करते हैं, उतना तप कहीं और नहीं होता। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षक ही पूरी शिक्षा व्यवस्था को सुधार सकते हैं। आने वाले दिनों में हमारा प्रदेश काफी आगे जाने वाला है। इसमें शिक्षकों की भूमिका सबसे बड़ी होगी।

 

146 शिक्षकों का हुआ सम्मान

 

राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में प्रदेशभर के 146 शिक्षकों का सम्मान किया गया। इस मौके पर सीएम भजनलाल शर्मा ने विद्यार्थियों को टैबलेट देने की योजना का भी शुभारंभ किया। सम्मान समारोह के दौरान कक्षा 8वीं, 10वीं और 12वीं में 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने वाले 11 स्टूडेंट्स को टैबलेट प्रदान किए। सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश में 50 न प्राथमिक स्कूल खोले जाएंगे। 350 करोड़ रुपए की लागत से स्कूलों में आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

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