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प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर मुख्यमंत्री से बोले - 'चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना सदी की सबसे अव्यवहारिक, अलोकतांत्रिक और असफल योजना' - पूर्व CM अशोक गहलोत ने डॉक्टरों के दावे को बताया झूठा, कहा उनका हर्निया का ऑपरेशन फरवरी 2019 में हुआ जबकि चिरंजीवी योजना मई 2021 में शुरू हुई

प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर मुख्यमंत्री से बोले - 'चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना सदी की सबसे अव्यवहारिक, अलोकतांत्रिक और असफल योजना'

 

जयपुर। जिस सरकारी योजना के तहत प्रदेश के लोगों को 25 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही थी। गहलोत सरकार की उस योजना को निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने इस सदी की सबसे अव्यवहारिक, अलोकतांत्रिक और असफल योजना योजना करार दिया है। मंगलवार 19 जून को निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक में आगामी बजट को लेकर डॉक्टरों से सुझाव आमंत्रित किए गए थे। इस बैठक में डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री से कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय लाई गई चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना इस सदी की यानी पिछले 100 साल की सबसे अव्यवहारिक, अलोकतांत्रिक और असफल योजना थी। इस योजना से निजी अस्पतालों को भारी नुकसान हुआ। आमजन को भी इस योजना से कोई फायदा नहीं मिला।

 

खुद गहलोत ने मुंबई जाकर कराया हर्निया का ऑपरेशन

 

राजस्थान डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सर्वेश शरण जोशी के नेतृत्व में चिकित्सकों का एक दल मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में पहुंचे थे। बैठक में डॉ. सर्वेश जोशी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद अपना हर्निया का ऑपरेशन राजस्थान में कराने के बजाय मुंबई जाकर करवाया। राजस्थान में चिरंजीवी योजना के तहत हर्निया के ऑपरेशन के सिर्फ 17 हजार रुपए की मिलते हैं। इतने कम पैसों में निजी अस्पताल में ऑपरेशन होना संभव ही नहीं है। उन्होंने कहा कि आम जनता को भी चिरंजीवी योजना का लाभ जो मिलना चाहिए था। वह नहीं मिला। कई गंभीर बीमारियां जो लोगों में अमूमन होती है। वे बीमारियां चिरंजीवी योजना के अंतर्गत शामिल ही नहीं थी।

 

निजी अस्पतालों को देय राशि बढ़ाने का सुझाव

 

निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने सुझाव दिया कि मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना (चिरंजीवी योजना का बदला हुआ नाम) में निजी अस्पतालों की देय राशि में बढोतरी करने का सुझाव दिया। डॉक्टरों का कहना है कि उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवाएं तभी मिलना संभव है जब योजना के तहत उचित राशि दी जाए। कई सामान्य बीमारियां जो अब तक मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना में शामिल नहीं है। उन्हें भी शामिल करने का सुझाव दिया गया। डॉक्टरों का कहना है कि सामान्य रूप में होने वाली सभी बीमारियों को मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना में शामिल किया जाना चाहिए। ताकि प्रदेश के हर नागरिक को सरकार की योजना का लाभ मिल सके।

 

डॉक्टरों के दावे को गहलोत ने बताया झूठा

 

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जब इस खबर के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने ट्वीट करके डॉक्टरों के दावे को सिरे से खारिज कर दिया। पूर्व सीएम गहलोत ने कहा कि उनका हर्निया का ऑपरेशन तो फरवरी 2019 में हुआ था जबकि चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना मई 2021 में शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि जब उनके आर्टरी में ब्लॉकेज हुए, पैरों के अंगूठों में फ्रैक्चर हुए और जब कोविड के बाद हैप्पी हाइपोक्सिया हुआ था तब जयपुर के SMS अस्पताल में इलाज कराया था। वे एसएमएस अस्पताल में कुछ दिन भर्ती भी रहे और सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर ही इलाज करवाया। गहलोत ने कहा कि चिरंजीवी योजना से लाखों लोगों के जीवन में सुधार हुआ है। अगर ये योजना ना होती तो ना जाने कितने गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों के जमीन-जायदाद इलाज में बिक जाते।

 

फिलहाल बंद नहीं की गई है चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना

 

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लेकर आई थी। इस योजना के तहत पहले 10 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज किया जाता था। बाद में इस राशि को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए तक कर दिया गया। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद हालांकि चिरंजीवी योजना को बंद नहीं किया है लेकिन योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना कर दिया गया है जिसके तहत 5 लाख रुपए तक का इलाज कवर होने का प्रावधान है। 

 

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