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अलग अलग राज्यों में नौकरी कर रहे राजस्थान के निवासी आईएएस अफसरों से मुख्यमंत्री की अपील, कहा - 'जन्मभूमि के लिए निवेश लाएं' - सीएस, एसीएस स्तर के 25 आईएएस अफसरों से सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से बात की

अलग अलग राज्यों में नौकरी कर रहे राजस्थान के निवासी आईएएस अफसरों से मुख्यमंत्री की अपील, कहा - 'जन्मभूमि के लिए निवेश लाएं'

 

जयपुर। इसी साल 9 से 11 दिसंबर तक राजस्थान में राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट होने जा रही है। इस समिट में देश विदेश के निवेशकों को निवेश के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। राज्य सरकार इस समिट में निवेश के नए रिकॉर्ड स्थापित करना चाहती है। लिहाजा समिट की तैयारियां भी जोर शोर से की जा रही है। दुनिया के बड़े उद्योगपतियों निवेश के लिए आमंत्रित करने के लिए सीएम भजनलाल शर्मा दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा भी कर चुके हैं। देश के अलग अलग राज्यों के उद्यमियों को भी निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ज्यादा से ज्यादा निवेश लाने के लिए राज्य सरकार ने आईएएस अफसरों की एक बड़ी टीम तैनात की है। अलग अलग अफसरों को अलग अलग राज्यों और देशों की जिम्मेदारी दी। खुद मुख्यमंत्री भी उद्यमियों से सीधी बात कर रहे हैं।

 

राजस्थान मूल के अफसरों से मदद की अपील

 

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान के मूल निवासी और अन्य राज्यों में सेवाएं दे रहे आईएएस अफसरों से भी संपर्क किया है। शनिवार को सीएम ने अन्य राज्यों में नौकरी कर रहे करीब 25 आईएएस अफसरों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की। इनमें चीफ सेक्रेटरी, एडिशनल चीफ सेक्रेटरी और प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्तर के अफसर शामिल थे। सीएम भजनलाल ने उन अफसरों से कहा कि वे अपनी जन्मभूमि के लिए निवेश लाने में मदद करें। यानी जहां वे नौकरी कर रहे हैं। वहां के उद्यमियों को राजस्थान में निवेश के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें बताएं कि राजस्थान में निवेश से अपार फायदा होने वाला है। इन आईएएस अफसरों से सीएम ने सुझाव भी लिए। साथ ही करीब दो दर्जन सेवानिवृत्त अफसरों से भी निवेश के लिए सुझाव मांगे गए।

 

34 आईएएस अफसरों को बड़ी जिम्मेदारी

 

राइजिंग राजस्थान समिट में देश विदेश के उद्योगपतियों से ज्यादा से ज्यादा निवेश कराने के लिए भजनलाल सरकार पिछले कई दिनों से तैयारी में जुटी हुई है। इस समिट को सफल बनाने के लिए प्रदेश के 34 आईएएस अफसरों को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। 23 आईएएस अफसरों को अलग अलग देशों के उद्यमियों से संपर्क करने के लिए कहा गया है जबकि अन्य आईएएस अफसरों को अलग अलग राज्यों के बड़े कारोबारियों से संपर्क करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही राज्य सरकार ने 10 ट्रेनी आईएएस अफसरों को भी उद्योग विभाग में विशेषाधिकारी लगाया है, ताकि इस इन्वेस्टमेंट समिट की व्यवस्थाओं की देखरेख उच्च स्तर पर की जा सके।

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