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बीजेपी प्रत्याशियों की पहली सूची में पीसीसी चीफ सहित कांग्रेस सरकार के 11 मंत्रियों को चुनौती, पढ़ें किसके सामने कौन होगा मैदान में - मंत्रियों के साथ कांग्रेस की चिंता भी बढी, आखिर कैसे मुकाबला करेंगे इन मजबूत प्रत्याशियों का

बीजेपी प्रत्याशियों की पहली सूची में पीसीसी चीफ सहित कांग्रेस सरकार के 11 मंत्रियों को चुनौती, पढ़ें किसके सामने कौन होगा मैदान में

 

 


जयपुर। चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के कुछ ही देर बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। पहली सूची में बीजेपी ने 41 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं जिनमें एक राज्यसभा और 6 लोकसभा सांसदों के नाम शामिल हैं। बीजेपी ने अपनी पहली सूची में कांग्रेस सरकार के 11 मंत्रियों को चुनौती दे दी है। मजबूत प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतार पर बीजेपी ने कांग्रेस की नींद उड़ा दी है।

 

डोटासरा की सीट पर महादेव सिंह खंडेला

 

सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट से वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा विधायक हैं। वे लगातार तीन बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं। इस बार भी डोटासरा के इसी सीट पर चुनाव लड़े जाने की पूरी संभावना है। डोटासरा को चुनौती देने के लिए बीजेपी ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री और हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए महादेव सिंह खंडेला को चुनाव मैदान में उतारा है।

 

कटारिया की सीट पर कर्नल राज्यवर्धन सिंह को उतारा मैदान में

 

जयपुर शहर की झोटवाड़ा विधानसभा सीट से वर्तमान में कांग्रेस सरकार के कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया विधायक हैं। कटारिया पूर्व में लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। इन्हें चुनौती देने के लिए बीजेपी ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री और जयपुर ग्रामीण सीट से लोकसभा सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मैदान में उतारा है। जाट, राजपूत और यादव बाहुल्य इस सीट पर अब मुकाबला बड़ा रोचक हो गया है।

 

सुखराम बिश्नोई की सीट पर सांसद देवजी पटेल प्रत्याशी

 

सांचौर विधानसभा सीट से वर्तमान में मंत्री सुखराम बिश्नोई विधायक हैं। इन्हें चुनौती देने के लिए बीजेपी ने लोकसभा सांसद देवजी पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है। पटेल जालौर सिरोही सीट से तीसरी बार लोकसभा सांसद हैं। वे पूर्व में दो बार विधायक भी रह चुके हैं। देवजी पटेल के चुनाव मैदान में आने से सुखराम बिश्नोई के साथ कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है।

 

ओला की सीट पर बबलू चौधरी

 

गहलोत सरकार में राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह ओला की सीट झुंझुनूं पर बीजेपी ने बबलू चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है। बबलू चौधरी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के नजदीकी हैं। पिछले चुनाव में वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में थे और 29410 वोट हासिल किए थे। उनकी पत्नी मधु चिड़ावा पंचायत समिति से पंचायत समिति सदस्य हैं।

 

जूली की सीट पर जयराम जाटव

 

अलवर ग्रामीण सीट से वर्तमान में गहलोत सरकार में मंत्री टीकाराम जूली विधायक हैं। वे इस सीट से ही चुनाव लड़ते आ रहे हैं। बीजेपी ने जूली को टक्कर देने के लिए जयराम जाटव को चुनाव मैदान में उतारा है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में जाटव ने जूली को हराया था। पिछले चुनाव में जाटव का टिकट कटने से यहां बीजेपी हार गई थी। ऐसे में अब जूली को चुनौती देने के लिए फिर से जाटव को प्रत्याशी बनाया है।

 

राजेंद्र यादव की सीट पर हंसराज पटेल को टिकट

 

राजस्थान सरकार में मंत्री राजेन्द्र यादव कोटपूतली विधानसभा सीट से विधायक हैं। बीजेपी ने यादव के सामने हंसराज पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है। 57 वर्षीय हंसराज तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन जीत नहीं सके। अब भाजपा ने इन्हें प्रत्याशी बनाकर हंसराज को एक मौका दिया है। पिछले चुनाव में इस सीट से बीजेपी के प्रत्याशी मुकेश गोयल को हार का सामना करना पड़ा था।

 

परसादी लाल मीणा की सीट पर रामविलास मीणा को टिकट

 

गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री परसादी लाल मीणा वर्तमान में लालसोट विधानसभा सीट से विधायक हैं। इन्हें चुनौती देने के लिए बीजेपी ने रामविलास मीणा को चुनाव मैदान में उतारा है। रामविलास मीणा राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के नजदीकी हैं। इनके दादा भी विधायक रह चुके हैं।

 

शकुंतला रावत की सीट पर देवी सिंह शेखावत

 

गहलोत सरकार की कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत अलवर जिले की बानसूर विधानसभा सीट से विधायक हैं। रावत को चुनौती देने के लिए बीजेपी ने देवी सिंह शेखावत को प्रत्याशी बनाया है। शेखावत ने पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था और 47 हजार से ज्यादा वोट हासिल करते हुए दूसरे नम्बर रहे थे। हाल ही में वे बीजेपी में शामिल हुए हैं। मतदाताओं पर उनकी मजबूत पकड़ को देखते हुए बीजेपी ने इन्हें प्रत्याशी बनाया है।

 

जाटव के सामने कोली को टिकट

 

गहलोत सरकार में मंत्री भजनलाल जाटव वर्तमान में वैर विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। उनकी सीट पर बीजेपी ने बहादुर सिंह कोली को चुनाव मैदान में उतारा है। कोली मजबूत प्रत्याशी हैं। वे दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और वर्ष 2008 और 2013 में बीजेपी के टिकट पर विधायक भी बन चुके हैं। ऐसे में भजनलाल जाटव की मुश्किलें बढ़ना तय है।

 

रमेश मीणा की सीट पर हंसराज मीणा

 

गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा वर्तमान में सपोटरा विधानसभा सीट से विधायक हैं। इन्हें चुनौती देने के लिए बीजेपी ने हंसराज मीणा को प्रत्याशी बनाया है। रमेश मीणा लगातार तीन बार चुनाव जीतते रहे हैं। ऐसे में इन्हें टक्कर देने के लिए हंसराज मीणा को लाया गया है। हंसराज मीणा वर्ष 2008 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर तीसरे स्थान पर रहे हैं।

 

मालवीय की सीट पर कृष्णा कटारा

 

सीडब्ल्यूसी सदस्य और गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय वर्तमान में बागीदौरा से विधायक हैं। उनकी सीट पर बीजेपी ने कृष्णा कटारा को प्रत्याशी बनाया है। कृष्णा कटारा लम्बे समय से भाजपा में सक्रिय रही हैं। वर्तमान में वे भाजपा में प्रदेश मंत्री और जिला परिषद की सदस्य हैं। पूर्व में वे नगर पालिका चेयरमैन भी रह चुकी हैं।

 

रामलाल जाट की सीट पर उदयलाल भडाणा को टिकट

 

राजस्व मंत्री रामलाल जाट भीलवाड़ा जिले की मांडल सीट से विधायक हैं। यह उनकी पुश्तैनी सीट है। जाट के सामने बीजेपी ने उदयलाल भडाणा को चुनाव मैदान में उतारा है। भडाणा पिछले विधानसभा चुनाव में बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़े थे। उन्हें 23147 वोट मिले थे। पिछले पांच साल तक लगातार फील्ड में रहे। फरवरी 2020 में वे फिर से भाजपा में शामिल हुए और अब पार्टी ने उन पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है। 

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