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भाजपा की वरिष्ठ नेता सूर्यकांता व्यास 'जीजी' नहीं रहीं, लंबी बीमारी के बाद हुआ निधन - राज्यपाल ने जताया शोक, सीएम भजनलाल, पूर्व सीएम राजे और गहलोत ने भी जताया शोक

भाजपा की वरिष्ठ नेता सूर्यकांता व्यास 'जीजी' नहीं रहीं, लंबी बीमारी के बाद हुआ निधन

 

जोधपुर। भाजपा की वरिष्ठ नेता और जोधपुर के सूरसागर विधानसभा सीट से कई बार विधायक रही सूर्यकांता व्यास का निधन हो गया है। 87 वर्षीय सूर्यकांता व्यास को जीजी के नाम से जाना जाता है। के काफी दिनों से बीमार चल रही थी। आज बुधवार 25 सितंबर की सुबह तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें मथुरादास माथुर अस्पताल ले जाया गया। जहां सुबह करीब सवा 7 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने दुख जताया है। साथ ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, अशोक गहलोत सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने 'जीजी' के निधन पर शोक व्यक्त किया।

 

6 बार भाजपा से विधायक रहीं

 

सूर्यकांता व्यास मूलरूप से जोधपुर की रहने वाली थीं। वे जोधपुर की सूरसागर विधानसभा सीट से 6 बार विधायक निर्वाचित हुई। सबसे पहले वे वर्ष 1990 में विधायक बनीं। उसके बाद वर्ष 1993 के विधानसभा चुनावों में भी उन्होंने जीत दर्ज की। वर्ष 2003, 2008, 2013 और 2018 भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा सभा पहुंची। सूर्यकांता व्यास ऐसी नेता थी जिन्हें कांग्रेस सहित अन्य राजनैतिक पार्टियों के नेता भी बहुत पसंद करते थे। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उन्हें जीजी कहकर आशीर्वाद लेते थे।

 

घर जाकर मिलकर आए पूर्व सीएम अशोक गहलोत

 

2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। सूरसागर सीट से उनके स्थान पर देवेंद्र जोशी को टिकट दिया। पार्टी के इस फैसले का सूर्यकांता व्यास ने साथ दिया। उन्होंने देवेंद्र जोशी के समर्थन में प्रचार भी किया और देवेंद्र जोशी ने जीत दर्ज की। हालांकि बीजेपी की ओर से उन्हें टिकट नहीं देने पर कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा था कि पार्टी ने उन्हें अनदेखा करके अच्छा नहीं किया। उन दिनों अशोक गहलोत जब जोधपुर दौरे पर गए थे तो सूर्यकांता व्यास के घर मिलने गए थे। लोगों ने ऐसा अनुमान जताया कि वे कांग्रेस में शामिल हो सकती है लेकिन सूर्यकांता व्यास ने ऐसा कुछ नहीं किया।

 

सदन की सर्वश्रेष्ठ विधायक रह चुकीं जीजी

 

स्वर्गीय सूर्यकांता व्यास का जन्म कल्ला परिवार में हुआ था। उनके पिता फतेह सिंह पुलिस में इंस्पेक्टर थे। महज 12 साल की उम्र में ही सूर्यकांता व्यास का विवाह उमा शंकर व्यास के साथ हुआ था। वर्ष 1960 में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हुईं और भाजपा की महिला शाखा से जुड़ गई। वे महिला विंग की अध्यक्ष रही और संघ में उन्हें कई जिम्मेदार पदों पर कार्य करने का अवसर मिला। 1994 में हुए डोडा सत्याग्रह आंदोलन उन्होंने गिरफ्तारी दी और जेल भी गई। राम जन्म-भूमि के लिए चले आंदोलन के दौरान भी जीजी ने महिला विंग का नेतृत्व किया। 1994 में निकाली गई 'ध्वजारोहण यात्रा' (1994) के लिए कश्मीर गई थी। 6 बार विधायक रही सूर्यकांता व्यास को वर्ष 2012 के लिए विधानसभा में सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में भी चुना गया था।

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