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डॉ. ज्ञान प्रकाश पिलानिया - पढें पूरी जीवनी - राजस्थान पुलिस के मुखिया, दो बार राज्यसभा सांसद और जाट आरक्षण आंदोलन में अग्रणी रहे

डॉ. ज्ञान प्रकाश पिलानिया - पढें पूरी जीवनी

 

जयपुर। राजस्थान में किसानों को संगठित करके सामाजिक बदलाव लाने और अपने हक के लिए लड़ने की जाग्रति लाने वाले डॉ. ज्ञान प्रकाश पिलानिया का निधन हो गया है। 92 वर्षीय डॉ. ज्ञान प्रकाश पिलानिया पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे थे। अस्पताल से इलाज के बाद वे लंबे समय तक घर पर ही आराम कर रहे थे। पिछले सप्ताह तबीयत बिगड़ने पर उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया। रविवार 13 अक्टूबर की देर शाम को डॉ. पिलानिया का निधन हो गया। 18 फरवरी 1932 को जन्में डॉ. पिलानिया को समाज सुधारक के रूप में कार्य किया। समाज के उत्थान के रूप में उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।

 

सामान्य परिचय

 

डॉ. ज्ञान प्रकाश पिलानिया
पिता का नाम - श्री बुधराम पिलानिया
माता का नाम - श्रीमती गौरी
जन्म दिनांक - 18 फरवरी 1932
जन्म स्थान  - गांव अमरपुरा जिला हनुमानगढ़ राजस्थान
विवाह - 17 दिसंबर 1960
पत्नी का नाम - स्वर्गीय विमला
परिवार - एक पुत्र और दो पुत्रियां
पता - डी-148, ए/2, दुर्गा मार्ग, बनीपार्क जयपुर

 

राजस्थान पुलिस के मुखिया रहे डॉ. पिलानिया

 

7 अक्टूबर 1955 को उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा में हुआ। उन्हें राजस्थान कैडर मिला। एसपी के तौर पर उनकी पहली पोस्टिंग चित्तौड़गढ़ में रही। इसके बाद वे नागौर, डूंगरपुर और अजमेर एसपी भी रहे। डीआईजी रहने के दौरान वे करीब 8 साल तक सीबीआई दिल्ली में रहे। पुलिस सेवा में रहते हुए वे सर्वोच्च पद पुलिस महानिदेशक तक पहुंचे। अगस्त 1988 से दिसंबर 1989 तक वे राजस्थान पुलिस के मुखिया रहे। 26 जनवरी 1972 में उन्हें पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था। बाद में वर्ष 1984 में उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार भी दिया गया।

 

आरपीएससी के चेयरमैन भी रहे डॉ. पिलानिया

 

पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद डॉ. ज्ञान प्रकाश पिलानिया को राजस्थान लोकसेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। 21 दिसंबर 1989 से लेकर 18 फरवरी 1994 तक वे आरपीएससी के चेयरमैन रहे। इसके बाद वे राजनीति में उतर आए। वे भाजपा से जुड़े और भाजपा की ओर से उन्हें दो बार राज्यसभा सांसद बनने का मौका किया गया। डॉ. पिलानिया वर्ष 2004 से लेकर 2008 और 2008 से लेकर 2014 तक राज्यसभा सांसद रहे।

 

इतिहास के ज्ञाता थे डॉ. पिलानिया, कई किताबें लिखी

 

डॉ. ज्ञान प्रकाश पिलानिया इतिहास के बड़े विद्वान थे। वर्तमान पीढ़ी को इतिहास से रूबरू कराने के लिए उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखीं। शेखावाटी के किसान आंदोलन के प्रणेता सरदार हरलाल सिंह दुलार पर उन्होंने पुस्तक लिखी। स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ सरदार हरलाल सिंह ने जागीरदारी प्रथा को खत्म करने के लिए बड़े आंदोलन चलाए थे। डॉ. पिलानिया भी समाज में बदलाव चाहते थे। इसी सोच से उन्होंने 'प्रशासन और सामाजिक परिवर्तन नेतृत्व लिखी।' उन्होंने एनलाइटन गवर्नमेंट इन मॉडर्न इंडिया, हेरिटेज ऑफ सवाई जयसिंह नाम से भी पुस्तकें लिखी थी।

 

ना रुके, ना कभी थके

 

डॉ. ज्ञान प्रकाश पिलानिया ने अपने जीवन में कभी रुकना और थकना नहीं सीखा। पुलिस की नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद भले ही वे राजनीति में उतरे लेकिन समाजसेवा उनके लिए हमेशा प्राथमिकता रही। सामाजिक बदलाव के लिए किसानों को संगठित करने, ग्रामीण युवाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करने और शिक्षा के प्रसार के क्षेत्र में उन्होंने आगे बढकर कार्य किया। वे हमेशा सामाजिक कार्यों में व्यस्त रहते थे। वे स्वामी केशवानंद स्मृति चैरिटेबल ट्रस्ट के मानद अध्यक्ष हैं और राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

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