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अशोक गहलोत की कमजोरी हैं उनके दो खास दोस्त, सार्वजनिक कार्यक्रमों में कई बार जिक्र कर चुके हैं गहलोत - डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि - गहलोत में जो गुण हैं, वो बहुत कम लोगों में होते हैं।

अशोक गहलोत की कमजोरी हैं उनके दो खास दोस्त, सार्वजनिक कार्यक्रमों में कई बार जिक्र कर चुके हैं गहलोत

 

जयपुर। राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत ऐसे नेता हैं जो सियासत के हर दांव पेच जानते हैं। विपक्ष के नेताओं पर सियासी हमला करना हो या पलटवार, गहलोत हमेशा आगे रहते हैं। महंगाई, बेरोजगारी और आतंकवाद जैसे मामलों पर केन्द्र सरकार और पीएम मोदी को गहलोत ही कटघरे में खड़ा करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं अशोक गहलोत की कमजोरी क्या है। उनकी कमजोरी हैं उनके दो दोस्त। गहलोत पूर्व में कई बार कह चुके हैं कि दो दोस्त उनकी सबसे बड़ी कमजोरी है। सोमवार 28 अगस्त को जोधपुर में एक बार फिर उन्होंने अपने दोनों दोस्तों का जिक्र किया।

 

जानिए गहलोत के दो जिगरी दोस्तों के बारे में

 

कहा जाता है कि राजनीति में कोई किसी का सच्चा दोस्त नहीं होता। सब रिश्ते मतलब के होते हैं लेकिन अशोक गहलोत अपने सच्चे दोस्तों की जिक्र कई मर्तबा कर चुके हैं। गहलोत के सबसे करीबी दोस्तों में पहला नाम जुगल काबरा का है और दूसरा नाम है डॉ. सीपी जोशी का। डॉ. जोशी राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष हैं और पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं जबकि जुगल काबरा विधायक रह चुके हैं। लीवर कैंसर के चलते मई 2017 में काबरा का निधन हो गया।

 

जानिए कौन हैं जुगल काबरा

 

जोधपुर के रहने वाले जुगल काबरा छात्र जीवन से ही अशोक गहलोत के मित्र थे। दोनों एक साथ राजनीति में आए और आगे बढे। काबरा प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष भी रह चुके हैं। काबरा वर्ष 1998 में विधायक बने और उन दिनों गहलोत प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। राजनीतिक पूरे जीवन में बेदाग रहे काबरा के अंतिम दिन काफी पीड़ा भरे रहे। जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के शिक्षक भर्ती प्रकरण में वर्ष 2016 में एसीबी ने उन्हें गिरफ्तार किया। इस घटना के बाद से काबरा टूट चुके थे। राजनीतिक आयोजनों में भी उनकी उपस्थिति कम हो गई थी। लीवर कैंसर के कारण वे चार पांच महीनों तक बीमार रहे। मई 2017 में उनका निधन हो गया।

 

डॉ. सीपी जोशी भी बेहद पसंद करते हैं गहलोत को

 

गहलोत के सच्चे दोस्त का दूसरा नाम है डॉ. सीपी जोशी। पिछले दिनों गहलोत कह चुके हैं कि राजनीति में लोग चाहे कुछ भी मायने निकालें लेकिन उनके और डॉ. सीपी जोशी के रिश्ते अलग तरह के हैं। उनकी दोस्ती को कोई नहीं समझ सकता। जोधपुर में गहलोत ने फिर से डॉ. जोशी के साथ दोस्ती का जिक्र करते हुए कहा कि जुगल काबरा और सीपी जोशी उनकी सबसे बड़ी कमजोरी हैं। डॉ. सीपी जोशी का कहना है कि गहलोत ने जिन परिस्थितियों में सरकार चलाई है, वह उनका मन ही जानता है। इस सबके बावजूद सीएम ने प्रदेश को आगे बढ़ाया। साल 1980 में पहली बार जब विधायक बना तब से अब तक गहलोत से खास संबंध हैं। आज जिस जगह मैं पहुंचा हूं, उसमें उनका बड़ा रोल है। जोशी ने कहा कि गहलोत में जो गुण हैं, वो बहुत कम लोगों में होते हैं। हमारे बीच वैचारिक मतभेद रहे हैं और रहेंगे, क्योंकि उनका और मेरे काम करने का तरीका अलग है।

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