Dark Mode

गहलोत 'राज' की एक और योजना होगी बंद, 1 जुलाई से 1000 युवा होंगे बेरोजगार - 1 जनवरी को 5000 राजीव गांधी युवा मित्र हुए थे बेरोजगार

गहलोत 'राज' की एक और योजना होगी बंद, 1 जुलाई से 1000 युवा होंगे बेरोजगार

 

जयपुर। राजस्थान की सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कई फैसलों को बदलती जा रही है। सत्ता में आते ही भाजपा सरकार ने राजीव गांधी युवा मित्रों की सेवाएं समाप्त कर दी थी। 5 हजार युवा मित्र गहलोत सरकार में संविदा के तौर पर भर्ती किए गए थे और वे केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार कर रहे थे। 1 जनवरी 2024 से सभी युवा मित्रों की सेवाएं समाप्त कर दी गई। अब मनरेगा में सोशल ऑडिट करने वाले कर्मचारियों की सेवाएं भी समाप्त करने का फैसला लिया गया है। राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक 30 जून के बाद सोशल ऑडिट के कर्मियों की सेवाएं रद्द कर दी गई है। पंचायती राज विभाग के अधीन मनरेगा की सोशल ऑडिट में 1000 कर्मचारी कार्यरत हैं। 1 जुलाई से सब बेरोजगार होने वाले हैं।

2020 में संविदा के तौर पर हुई थी भर्ती

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2020 में पंचायती राज विभाग के अधीन मनरेगा की सोशल ऑडिट के लिए संविदा पर भर्ती की गई थी। एक महीने के प्रशिक्षण के बाद अलग अलग पदों पर नियुक्त किया गया था। एक साल के कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए इन कर्मचारियों का हर साल कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू किया जाता था। अब प्रदेश में सरकार बदल गई है तो कॉन्ट्रैक्ट को रिन्यू नहीं किया जाएगा। पंचायती राज विभाग के सचिव रवि जैन का कहना है कि मानव संसाधनों की सेवाएं अरावली संस्था के माध्यम से ली जा रही थी लेकिन अब सरकार ने इनकी सेवाएं समाप्त करने का फैसला लिया है।

पहले 5000 और 1000 युवा बेरोजगार

राजीव गांधी युवा मित्रों की नियुक्ति भी पूर्ववर्ती सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर की थी। हर छह महीने बाद कॉन्ट्रैक्ट को रिन्यू कराया जाता था। करीब 5000 युवाओं को युवा मित्र बनाया और उन्हें 10,000 रुपए प्रति माह का मानदेय दिया जाता था। 31 दिसंबर 2023 को राजीव गांधी युवा मित्र योजना बंद कर दी गई जिससे 1 जनवरी 2024 से 5000 युवा बेरोजगार हो गए। अब सोशल ऑडिट में लगे 1000 कर्मियों की सेवाएं भी 30 जून से समाप्त की जा रही है। ये 1000 संविदाकर्मी भी बेरोजगार होने वाले हैं।

महात्मा गांधी सेवा प्रेरक भर्ती की जा चुकी रद्द

भाजपा सरकार ने 50 हजार पदों पर होने वाली महात्मा गांधी सेवा प्रेरक भर्ती भी रद्द कर दी थी। अगस्त 2023 में पूर्ववर्ती सरकार ने आवेदन आमंत्रित किए थे। बाद विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से भर्ती अटक गई। फिर सरकार बदल गई तो भजनलाल सरकार ने सत्ता में आते ही इस भर्ती को रद्द कर दिया गया था। इस भर्ती का उद्देश्य महात्मा गांधी के शांति और अहिंसा का प्रचार प्रसार करना था। कर्मियों को 4500 रुपए मानदेय देना तय किया गया था।

पारदर्शी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई थी

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज का कहना है कि कांग्रेस ने अपने चहेतों को रेवड़ियां बांटने के लिए संविदा पदों पर भर्ती कर लिया था। भर्ती प्रक्रिया में कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई। ना कोई परीक्षा ली गई, ना कोई इंटरव्यू लिया गया। शैक्षणिक योग्यता भी तय नहीं की गई। केवल योजनाओं के प्रचार प्रसार के नाम पर संविदा कर्मी बना दिया था। अगर सरकार को भर्ती ही करना था तो संविदा पर करने के बजाय नियमित कर्मचारी के रूप से भर्ती करना था।

Comment / Reply From

You May Also Like

Vote / Poll

राजस्थान में होने वाले राज्यसभा चुनाव 2023 में कौन जीतेगा

View Results
Congress
31%
BJP
63%
Rashtriya Loktantrik Party
6%
other
0%

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!