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“सैनिक और साधक दोनों राष्ट्र रक्षक हैं”, आबूरोड में बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह - ब्रहमाकुमारीज़ के साथ सेल्फ एम्पॉवरमेंट कैंपेन की लॉन्चिंग, सेना के लिए एमओयू साइन

“सैनिक और साधक दोनों राष्ट्र रक्षक हैं”, आबूरोड में बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

सिरोही। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि "मेरी नजर में सैनिक और साधक एक समान हैं।" वे सोमवार को ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के शांतिवन परिसर में आयोजित ‘स्व सशक्तिकरण से राष्ट्र सशक्तिकरण’ अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। रक्षा मंत्री ने कहा कि सैनिक जो सीमा पर खड़ा है और साधक जो ध्यान में बैठा है—दोनों का लक्ष्य शांति, सुरक्षा और सेवा है। एक सच्चे सैनिक में एक साधक और एक साधक में एक सैनिक छिपा होता है।

सेना के लिए साइन हुआ एमओयू

इस अवसर पर रक्षा मंत्री की उपस्थिति में ब्रह्माकुमारीज़ के सुरक्षा सेवा प्रभाग और भारतीय सेना के बीच महत्वपूर्ण एमओयू साइन किया गया। इसके तहत देशभर के सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों के लिए सेल्फ एम्पॉवरमेंट प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें राजयोग मेडिटेशन, स्ट्रेस, माइंड और लाइफ मैनेजमेंट की विधाएं सिखाई जाएंगी।

भारत अब दुनिया की आंखों का तारा

राजनाथ सिंह ने कहा, "जो भारत कभी गरीब और भिखारियों का देश कहा जाता था, वह आज दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में पहुंच चुका है।" उन्होंने दावा किया कि दो वर्षों में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और आजादी के 100 साल पूरे होते-होते विश्व में सर्वोच्च स्थान पर होगा।

आधुनिक युग में आत्म खबर जरूरी

उन्होंने कहा कि आज एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में हम पूरी दुनिया की खबर रखते हैं लेकिन खुद की नहीं। सैनिकों को मानसिक और आत्मिक बल देने के लिए ऐसे अभियानों की जरूरत पहले से कहीं अधिक है।

ब्रह्माकुमारीज़ की सराहना

रक्षा मंत्री ने शांतिवन परिसर की आध्यात्मिकता की सराहना करते हुए कहा कि यहां मंदिर या मस्जिद नहीं, लेकिन दिव्य वाइब्रेशन्स हैं। यहां आकर मनुष्य का अहंकार खत्म होता है और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।

दादी रतनमोहिनी को दी श्रद्धांजलि

उन्होंने दिवंगत मुख्य प्रशासिका दादी रतनमोहिनी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके योग, तपस्या और सेवा ने लाखों लोगों का जीवन बदला है। साथ ही, ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा भारतीय संस्कृति के मूल्यों को विश्व स्तर तक पहुंचाने के प्रयासों की भी सराहना की।

सम्मेलन में 400 सैनिकों की भागीदारी

पांच दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में देशभर से आए 400 से अधिक सैन्य अधिकारी और जवानों ने भाग लिया। मंच पर बीके शुक्ला दीदी, बीके मुन्नी दीदी, वाइस एडमिरल सतीश घोरमड़े, कर्नल वीसी सती और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

सम्मेलन की झलकियां:

रक्षा मंत्री ने दादी रतनमोहिनी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

कार्यक्रम स्थल तक सख्त सुरक्षा व्यवस्था रही।

स्वागत गीत बीके युगरतन भाई ने प्रस्तुत किया।

‘सुरक्षा सेवा प्रभाग’ की 25 वर्षों की यात्रा का वीडियो शो दिखाया गया।

मंत्री, सांसद और प्रशासनिक अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद रहे।

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