बीजेपी के मुख्यालय में बैठकर रचा गया था सरकार गिराने का षड़यंत्र, हमें 40 दिन तक होटलों में रहना पड़ा - सीएम गहलोत - लोकतंत्र में केन्द्र सरकार की ड्यूटी है कि वह राज्यों को मजबूत करे लेकिन ये लोग कमजोर करने पर तुले हैं
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर एक बार फिर बड़ा सियासी हमला किया है। जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि भाजपा की फितरत है कि वह चुनी हुई सरकारों को गिराती है। कर्नाटक, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में चुनी हुई सरकारों को गिराया गया। राजस्थान की सरकार को गिराने का भी भरसक प्रयास किया लेकिन वे कामयाब नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि बाकायदा बीजेपी के मुख्यालय में बैठकर राजस्थान की सरकार को गिराने का षड़यंत्र रचा गया था। इस बैठक में अमित शाह, जेपी नड्डा, गजेन्द्र सिंह शेखावत और जफर इस्लाम सहित कुछ और नेता शामिल थे। उन्होंने कहा कि सरकार को बचाने के लिए विधायकों को 40 दिन तक होटलों में रहना पड़ा।
पांच साल तक सरकार को डिस्टर्ब रखा
सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी ने पूरे पांच साल तक सरकार को डिस्टर्ब रखा। वे हर बार सरकार गिराने की फिराक में रहे। इधर हमें राज्य सरकार को पारदर्शी तरीके से चलाने और लोगों को बेहतरीन योजनाएं देने के साथ साथ इनके षड़यंत्र से बचने के भी प्रयास करने पड़े। सीएम गहलोत ने कहा कि ये लोग सत्ता में रहने लायक नहीं हैं। लोकतंत्र में चुनी हुई सरकारों को गिराएंगे तो फिर चुनाव कराने का क्या मतलब रह जाता है। उन्होंने पूछा कि क्या आने वाले वक्त में ये लोग चुनाव कराना चाहते हैं या नहीं।
मोदी और वसुंधरा के झगड़े का खामियाजा राजस्थान भुगत रहा है
गहलोत ने कहा कि मोदी और वसुंधरा राजे के बीच में पुराना झगड़ा चल रहा है। जब गुजरात ने राजस्थान के हिस्से का पानी नर्मदा से दिया था। तब राजे ने सांचौर में मीटिंग बुलाई थी। पानी आने के उपलक्ष में इधर राजे मीटिंग कर रही थी तो उससे एक किलोमीटर दूर गुजरात में मोदी पानी देने के उपलक्ष में उद्घाटन कार्यक्रम कर रहे थे। मोदी और राजे के बीच झगड़ा तब से चल रहा है। इन दोनों के बीच चल रहे झगड़े का खामियाजा राजस्थान वासियों को भुगतना पड़ रहा है। राजे की बनाई हुई ईआरसीपी योजना को मोदी राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं कर रहे हैं।
मुझे गुजरात में बेवजह बदनाम किया - गहलोत
सीएम गहलोत ने कहा कि मोदी जी मुझे गुजरात में बेवजह बदनाम करते रहे। गहलोत ने कहा कि जब वे गुजरात कांग्रेस के प्रभारी के तौर पर वहां कैंपेन कर रहे थे। तब पीएम मोदी कहते थे कि गहलोत गुजरात को पानी आने नहीं दे रहे हैं। गहलोत ने कहा कि वे तो मार्केटिंग के उस्ताद हैं लेकिन हम बातें कम और काम ज्यादा करने में विश्वास करते हैं।
राज्यों को मजबूत करने की ड्यूटी है केंद्र की लेकिन ये लोग कमजोर करने पर तुले हैं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य को मजबूत करने की ड्यूटी केंद्र की है, लेकिन इन्होंने हमेशा राज्यों को कमजोर करने का काम किया। राजस्थान की सरकार को डिस्टर्ब करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। जीएसटी के हिस्से के रूप में जो 76 हजार करोड़ रुपए राज्य के मिलने चाहिए थे। वो फंड केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को नहीं दिया। गहलोत ने कहा कि हमने पांच साल तक संघर्ष किया। तीन बार वे कोरोना के शिकार हो गए लेकिन काम करते रहे। एक तरफ कोरोना ने बर्बाद किया तो दूसरी तरफ केन्द्र सरकार ने भी बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
हम वादे करके निभाने वाले लोग हैं - गहलोत
उन्होंने कहा कि पहले घोषणा पत्रों को चुनाव के बाद भुला दिया जाता था। जब वर्ष 1998 में वे पहली बार मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने ही यह पहल की थी कि घोषणा पत्र को कैबिनेट की बैठक में रखा। जो घोषणाएं की, उनके हिसाब से काम किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव से कहा कि ये हमारा घोषणा पत्र है। इसके लिखे शब्दों के हिसाब से गवर्नेंस और फैसले होंगे। ये वादे हैं। ये लागू होंगे। उस वक्त से घोषणा पत्र को लागू करने की परंपरा बनी। सीएम गहलोत ने कहा कि या तो वादे करो मत और करो तो निभाओ। हम वादा करके निभाने वाले लोग हैं, जो वादे किए हैं, वो हमने निभाएं हैं।
Comment / Reply From
You May Also Like
Recommended posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!