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पोर्न मूवी क्यों देखी...? - पहले जेल भेजने की धमकी और फिर वसूली... पढें फर्जी कॉल सेंटर वालों की करतूत

पोर्न मूवी क्यों देखी...?

जयपुर। जयपुर में बैठकर अमेरिकी लोगों से ठगी करने वाले शातिर बदमाश लूट की वारदातों को अलग तरह से अंजाम देते थे। हर महीने करोड़ों रुपए की लूट वे घर बैठे ही करते थे। वारदात के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं। बस अपने कंप्यूटर सिस्टम पर बैठे बैठे लोगों को धमकियां देकर लाखों रुपए की वसूली की जाती थी। जयपुर पुलिस ने हाल ही में बड़ा खुलासा किया है। जयपुर शहर के चार अलग अलग इलाकों में कॉल सेंटर संचालित थे। यहां काम करने वाले कर्मचारियों के निशाने पर केवल अमेरिकन नागरिक ही थे। स्वयं को अमेरिकी सरकार के ऑफिसर बताते हुए जेल भेजने की धमकियां देकर वसूली का खेल चल रहा था।

 

पोर्न मूवी क्यों देखी, जेल भेज देंगे

 

एडिशनल डीसीपी सुलेश चौधरी का कहना है कि कॉल सेंटर पर काम करने वाले कर्मचारी वेबसाइट के जरिए चुनिंदा लोगों को टारगेट किया जाता था। लोगों को मैसेज और ईमेल भेजकर कहा जाता था कि आपने पोर्न मूवी क्यों देखी। आपको नोटिस भेजा जा रहा है। अब जेल जाने के लिए तैयार रहें। यह मैसेज देखकर हर कोई डर जाता था। बाद में जब कॉल किया जाता था तो लोग डर के मारे जेल जाने से बचने की गुहार लगाते थे। ऐसे में ये आरोपी रुपयों की डिमांड करते। अमेरिकी डॉलर या क्रिप्टो करेंसी में वसूली होती थी जिसे बाद में आरोपी अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते थे।

 

किराने की दुकान चलाने वाला मास्टर माइंड

 

गिरफ्तार किए गए 40 आरोपियों में नागौर जिले के परबतसर का रहने वाला अभिषेक सैनी भी शामिल है। अभिषेक अपने आप को सॉफ्टवेयर इंजीनियर और एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत होना बताता था लेकिन ठगी की यह प्लानिंग उसी की है। घर परिवार और रिश्तेदारों को बिना बताए चोरी छिपे यह लड़का जयपुर में चार कॉल सेंटर संचालित कर रहा था। कॉल सेंटर पर कार्यरत कर्मचारियों को अलग अलग टास्क दिए जाते थे। कुछ लोग टारगेट ढूंढते और कुछ लोग उन्हें डराने धमकाने और वसूली का काम करते थे।

 

बाहरी राज्यों को रखा नौकरी पर

 

जयपुर में खुले इन कॉल सेंटर पर बाहरी राज्यों के लड़के लड़कियों को नौकरी पर रखा गया ताकि ठगी की यह प्लानिंग लीक ना हो। गिरफ्तार किए गए अधिकतर आरोपी नागालैंड के हैं जबकि कुछ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, नई दिल्ली और नेपाल के रहने वाले हैं। इन बाहरी राज्यों के कर्मचारियों को मैनेज करने और बैक सपोर्ट के लिए राजस्थान के युवकों को भी नौकरी पर रखा गया था। फिलहाल सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है।

 

चालान के नाम पर भी वसूली

 

कई लोगों को सिर्फ नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने पर भारी भरकम जुर्माने और जेल भेजने की धमकियां दी जाती थी। चालान का फर्जी लेटर तैयार करके भेजे जाते थे। जुर्माने से बचने के लिए कई लोग इनके बताए अनुसार रकम ट्रांसफर कर देते थे। पहले धमकियां दी जाती थी और बाद में बचने के तरीके बताते हुए वसूली की जाती थी। ठगी का यह खेल पिछले कई दिनों से चल रहा था लेकिन इंटेलिजेंस पुलिस की सूचना पर पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच ने बुधवार 7 जून की आधी रात को चारों कॉल सेंटर पर दबिश देकर ठगी की इस गैंग का भंडाफोड़ किया। 

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