पंजाब पुलिस के दावे के बाद उठे बड़े सवाल, 'जयपुर लाया गया तब लॉरेंस बिश्नोई के छोटे बाल थे, इंटरव्यू में बड़े कैसे दिखे' - जयपुर सेंट्रल जेल में कैसे पहुंचा मोबाइल, जेल प्रशासन की मिलीभगत संभव, जेल की दीवार से 22 मोबाइल फैंकता हुआ पकड़ा जा चुका जेल वार्डन
जयपुर। देश के कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के दो इंटरव्यू पिछले साल एक नेशनल टीवी चैनल पर प्रसारित हुए थे। लॉरेंस के इंटरव्यू ने जेल प्रशासन की धज्जियां उखाड़ कर रख दी। देश के बड़े कारोबारियों से लाखों करोड़ों रुपए की रंगदारी वसूलने वाला कुख्यात गैंगस्टर पिछले 13 साल से जेल में बंद है। इसके बावजूद भी उसने टीवी चैनल को इंटरव्यू कैसे दे दिए। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर पंजाब पुलिस ने एसआईटी का गठन करके जांच शुरू की। जांच में पंजाब पुलिस ने हैरानजनक खुलासा किया है। पंजाब पुलिस के मुताबिक लॉरेंस का एक इंटरव्यू जयपुर की सेंट्रल जेल से जूम एप के जरिए रिकॉर्ड किया गया था जिसे बाद में प्रसारित किया गया। अब जयपुर की सेंट्रल जेल प्रशासन पर सुरक्षा इंतजाम को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
15 फरवरी से 7 मार्च तक जयपुर में था लॉरेंस बिश्नोई
28 जनवरी 2023 की आधी रात को जयपुर के दुर्गापुरा स्थित जी क्लब पर फायरिंग हुई थी। फायरिंग से पहले जी क्लब के संचालक से 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई थी। यह फिरौती लॉरेंस के सबसे नजदीकी गुर्गे रोहित गोदारा की ओर से मांगी गई थी। जयपुर पुलिस ने घटना के दो दिन बाद ही फायरिंग करने वालों को पकड़ लिया। जांच से पता चला कि लॉरेंस बिश्नोई के निर्देश पर ही फायरिंग हुई। इसके बाद जयपुर पुलिस 15 फरवरी 2023 को लॉरेंस बिश्नोई को बठिंडा जेल से जयपुर लाया गया। 15 फरवरी से लेकर 3 मार्च तक लॉरेंस जयपुर शहर के जवाहर सर्किल पुलिस थाने में ही था। 3 मार्च से लेकर 6 मार्च तक वह जयपुर सेंट्रल जेल में रहा। 7 मार्च को उसे वापस बठिंडा ले जाया गया।
जयपुर पुलिस का दावा कैसे हुआ फेल
14 और 17 मार्च 2023 को लॉरेंस का इंटरव्यू नेशनल टीवी चैनल पर प्रसारित हुआ था। इसके बाद पंजाब पुलिस ने दावा किया था कि बठिंडा जेल में इंटरव्यू किया जाना संभव ही नहीं है क्योंकि जेल परिसर में जैमर लगे हुए हैं। इस कैंपस में किसी भी टेलिकॉम कंपनी का नेटवर्क काम नहीं करता है। चूंकि इंटरव्यू प्रसारित होने से कुछ दिन पहले ही लॉरेंस 21 दिन तक जयपुर में रहा था। ऐसे में राजस्थान पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे। उन दिनों राजस्थान पुलिस की ओर से दावा किया गया था कि टीवी चैनल पर प्रसारित इंटरव्यू जयपुर सेंट्रल जेल के नहीं हो सकते क्योंकि लॉरेंस जब जयपुर सेंट्रल जेल में बंद था। उन दिनों उसके बाल छोटे थे जबकि इंटरव्यू में उसके बाल बड़े नजर आ रहे हैं। लॉरेंस के बालों की साइज के आधार पर राजस्थान पुलिस ने लॉरेंस का इंटरव्यू जयपुर जेल में होने के दावे को खारिज कर दिया।
पंजाब पुलिस ने राजस्थान पुलिस को सौंपे सबूत
पंजाब पुलिस की एसआईटी ने तकनीकी जांच में यह साबित कर दिया कि दो में से एक इंटरव्यू जयपुर की सेंट्रल जेल में हुआ है। पंजाब पुलिस का दावा है कि एसआईटी ने आईपी एड्रेस और लोकेशन के आधार पर अपनी जांच में यह पाया कि लॉरेंस का इंटरव्यू जयपुर जेल से जूम एप के जरिए किया गया था। पंजाब पुलिस की ओर से दिए गए सबूतों के बाद जयपुर की लाल कोठी थाने में लॉरेंस बिश्नोई और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जयपुर पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि जयपुर सेंट्रल जेल में बंद रहे लॉरेंस तक मोबाइल कैसे और कब पहुंचा।
जेल प्रशासन की मिलीभगत संभव
पिछले दिनों जयपुर सेंट्रल जेल का एक वार्डन संजय कुमार जेल परिसर में मोबाइल पैकेट फैंकता हुआ पकड़ा गया था। जेल वार्डन संजय कुमार 29 अगस्त को दिन में ड्यूटी पर था। ड्यूटी के दौरान उसने रेकी की और रात ढाई बजे वह फिर जेल परिसर के पास आया। जेल की दीवार के ऊपर से उसने तीन बड़े पैकेट फेंके थे। एक जेल प्रहरी ने पैकेट फेंकते हुए उसे देख लिया और फिर पीछा करके उसे पकड़ लिया गया था। जो तीन पैकेट उसने जेल में फेंके, उनमें 18 कीपैड और 4 एंड्रॉयड मोबाइल थे।
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