'आत्महत्या कर लेंगे लेकिन मकान खाली नहीं करेंगे...', जयपुर की एक कच्ची बस्ती के लोगों ने सरकार को दी चेतावनी - फर्जी दस्तावेजों से कई मकानों पर लोन लेने का आरोप, लोन नहीं चुकाया तो जमीन कुर्क करने की तैयारी में बैंक
जयपुर। राजधानी जयपुर में वैसे तो सैकड़ों कच्ची बस्तियां है लेकिन एक कच्ची बस्ती ऐसी है जिसमें बैंक वालों मार्क किया है। बैंक की ओर से इस कच्ची बस्ती की जमीन पर कब्जा लिया जाना है। बैंक की इस कार्रवाई के विरोध में कच्ची बस्ती के लोग आंदोलन पर उतर आए हैं। हम बात कर रहे हैं घाट की गुणी स्थित वैधपुरी कच्ची बस्ती की। इस बस्ती में करीब 50 परिवार रहते हैं। बस्ती के अधिकतर लोग पिछले 5 दिन से धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि बैंक वाले इस जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं लेकिन वे किसी भी कीमत पर कच्ची बस्ती को खाली नहीं करेंगे। धरना देने वाले बस्ती के लोगों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को ज्ञापन भेजा है।
लोन नहीं चुकाने पर जमीन पर कब्जा लेना चाहती है बैंक
जानकारी के मुताबिक जिस कच्ची बस्ती के लोग धरने पर बैठे हैं। उस कच्ची बस्ती की जमीन के अलग अलग भूखंडों के दस्तावेजों के आधार पर किसी व्यक्ति ने बैंक से लोन ले रखा है। कई सालों पहले लोन लिया था लेकिन लोन की किस्त नहीं चुकाई जा रही। लोन का पुनर्भरण नहीं करने पर बैंक की ओर से नोटिस जारी किए। नोटिस जारी करने के बावजूद भी लोन नहीं चुकाया तो बैंक की ओर से उस जमीन को नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जिस पर लोन लिया गया।
फर्जी दस्तावेजों से लोन लेने का आरोप
धरना दे रहे लोगों का कहना है कि बैंक की ओर से इस कच्ची बस्ती के 30 कच्चे और पक्के मकानों को चिन्हित किया गया है। इन मकानों को कुर्क करके निलाम करने की तैयारी चल रही है। लोगों के मुताबिक किसी रामगोपाल नाम के व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेज बनाकर लोन उठा लिया। उस रामगोपाल का इस कच्ची बस्ती से कोई लेना देना नहीं है। फर्जी व्यक्ति की ओर से जालसाजी करने का खामियाजा कच्चे बस्ती के लोग क्यों भुगते। लोगों का कहना है कि बैंक प्रबंधन को जमीन कुर्क करने के बजाय पुलिस में मुकदमा दर्ज कराना चाहिए ताकि फर्जीवाड़ा करने वाला पकड़ा जा सके।
आत्महत्या कर लेंगे लेकिन बस्ती खाली नहीं करेंगे
मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में वैधपुरी कच्ची बस्ती के लोगों ने लिखा कि करीब 150 परिवार है जो पिछले करीब 50 साल से इस इलाके में कच्चे घर बनाकर निवास कर रहे हैं। मजदूरी करके परिवार पाल रहे हैं। लोगों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे इस मामले पर संज्ञान लें और उनका आशियाना छिने जाने से बचाएं। लोगों ने साफ कहा कि वे आत्महत्या कर लेंगे लेकिन इस कच्ची बस्ती को किसी भी कीमत में खाली नहीं करेंगे।
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