10 लाख रुपए लेकर भी नहीं छोड़ा पीछा, सरकारी अफसर ने ली पुलिस की शरण - युवती, उसके पिता और भाई मिलकर कर रहे ब्लैकमेल, दुष्कर्म के केस में फंसाने की धमकी
जयपुर। जयपुर कमिश्नरेट के मानसरोवर इलाके में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एक सरकारी अफसर लड़की के चक्कर में पड़ गया और हनी ट्रैप में फंस गया। पिछले कुछ सालों से वह लगातार परेशान होता रहा। बदनामी के डर से पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने से बचता रहा और अपने स्तर पर ही लड़की से पीछा छुड़ाने का प्रयास करता रहा। जब सारे प्रयास फेल हो गए तो आखिर परेशान होकर जयपुर के शिप्रा पथ थाने में युवती के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। इस रिपोर्ट में पीड़ित अफसर ने युवती के परिवार वालों पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके मुताबिक ब्लैकमेलिंग में पूरा परिवार मिला हुआ है।
15 से पहले संपर्क में आई युवती
एफआईआर में बताया गया है कि वर्ष 2007 में जब पीड़ित अफसर की करौली जिले में पोस्टिंग थी। उन दिनों युवती के पिता और भाई का ऑफिस में आना जाना था। ऐसे में पिता और भाई के जरिए युवती से भी संपर्क हो गया। पीड़ित का आरोप है कि युवती लगातार उनके संपर्क में रहने लगी और वर्ष 2011 में स्वयं के परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय बताकर 40-50 हजार रुपए लिए थे। इसके बाद भी वह अलग अलग बहाने से रुपए लेती रही। वर्ष 2011 में अफसर का ट्रांसफर करौली से जयपुर हो गया। इस दौरान भी युवती बार बार मदद के बहाने रुपए लेती रही।
2019 में शुरू की ब्लैकमेलिंग
पीड़ित के मुताबिक वर्ष 2019 में युवती ने ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। रुपए लौटाने के बहाने उसने बुलाया। अफसर उसके बताए गए फ्लैट में गए तो वहां पर युवती, उसके पिता और भाई ने धक्का मुक्की की और मारपीट भी की। दुष्कर्म का केस दर्ज कराकर जेल भेजने की धमकी दी। युवती ने यह कहते हुए धमकी दी कि वह दुष्कर्म का केस दर्ज कराएगी तो नौकरी से हाथ धोना पड़ा। ना केवल नौकरी जाएगी बल्कि जेल भी जाएगा और समाज में बदनामी भी होगी। डर के मारे पीड़ित युवती और उसके घरवालों की डिमांड पूरी करता रहा।
लिखित समझौते के बाद भी नहीं छोड़ा पीछा
आरोप है कि वर्ष 2021 में भी ब्लैकमेल करते हुए रेप का मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देकर 1.62 लाख रुपए लिए। बाद में 10 लाख रुपए लेकर समझौता करने की बात कही। 500 रुपए के स्टांप पर लिखित समझौता किया। उस समझौते में यह लिखा गया कि युवती से जो भी शारीरिक संबंध बने, वह उसकी सहमति से बने। समझौते में राजीनामा करते हुए यह भी वादा किया गया था कि भविष्य में कभी रुपयों की डिमांड नहीं की जाएगी। अफसर ने समझौते के अनुसार रुपए देकर पीछा छुड़ाया लेकिन अब फिर से ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। परेशान होकर पीड़ित ने शिप्रापथ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। मामले की जांच थाना प्रभारी अमित शर्मा कर रहे हैं।
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