Dark Mode

विधानसभा चुनाव में अजीब संयोग, राजस्थान में कोई भी परिवहन मंत्री अगला चुनाव नहीं जीत सके, क्या खाचरियावास और बृजेन्द्र ओला तोड़ पाएंगे ये परम्परा - भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे इस पद पर लेकिन अगले चुनावों में खानी पड़ी शिकस्त

विधानसभा चुनाव में अजीब संयोग, राजस्थान में कोई भी परिवहन मंत्री अगला चुनाव नहीं जीत सके, क्या खाचरियावास और बृजेन्द्र ओला तोड़ पाएंगे ये परम्परा

 

 

जयपुर। चुनाव के साथ कई तरह के संयोग और दुर्योग जुड़े हुए होते हैं। कहीं देखा जाता है कि किसी सीट पर जिस दल का प्रत्याशी चुनाव जीतता है, उसी दल की सरकार बनती है तो कहीं ऐसा होता है कि जिस सीट पर जिस दल के प्रत्याशी की हार होती है, वही दल सत्ता में आता। इसी तरह का एक योग परिवहन मंत्री पद के साथ भी जुड़ा हुआ है। कोई भी परिवहन मंत्री अब तक अगला चुनाव नहीं जीत सका है। गहलोत के इस कार्यकाल में कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास परिवहन मंत्री रहे हैं और इन दिनों बृजेन्द्र ओला परिवहन राज्यमंत्री हैं। खाचरियावास इस बार भी वे सिविल लाइंस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि खाचरियावास की स्थिति अच्छी बताई जा रही है लेकिन यह मतदाताओं पर निर्भर है कि वे किसे अपना नेता चुनते हैं।

 

कांग्रेस और बीजेपी दोनों नहीं तोड़ पाए यह परम्परा

 

प्रदेश में पिछले कई सालों से एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा की सरकारें बनती आई है। दोनों ही पार्टियों के कद्दावर नेता अपने कार्यकाल परिवहन मंत्री रहे लेकिन परिवहन मंत्री की हार का सिलसिला कोई नहीं तोड़ पाए। वर्ष 1993 से लेकर 2018 तक के विधानसभा चुनावों में हर बार परिवहन मंत्री रहे नेता अगला चुनाव नहीं जीत पाएं हैं। ऐसे में सवाल यह है कि क्या प्रताप सिंह खाचरियावास इस बार यह परंपरा तोड़ेंगे।

 

 

1998 के चुनाव में रोहिताश शर्मा हारे

 

वर्ष 1993 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी। बानसूर से तत्कालीन विधायक रोहिताश शर्मा उन दिनों परिवहन मंत्री थे। वर्ष 1998 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने रोहिताश शर्मा को फिर से चुनाव मैदान में उतारा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

 

छोगाराम बाकोलिया और बनवारी लाल बैरवा भी हारे

 

वर्ष 1998 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। अशोक गहलोत पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। उन दिनों छोगाराम बाकोलिया और बनवारी लाल बैरवा को परिवहन मंत्री बनाया गया था। वर्ष 2003 के चुनाव में ये दोनों नेता चुनाव हार गए।

 

यूनुस खान को भी हारना पड़ा चुनाव

 

वर्ष 2003 में राजस्थान में भाजपा की सरकार बनी थी। वसुंधरा राजे पहली बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थी। उस कार्यकाल में यूनुस खान परिवहन मंत्री बने थे। वर्ष 2008 में हुए आगामी चुनाव में भाजपा ने यूनुस खान को डीडवाना विधानसभा सीट से फिर से चुनाव मैदान में उतारा लेकिन खान चुनाव हार गए।

 

बृजकिशोर शर्मा और वीरेंद्र बेनीवाल को भी करना पड़ा हार का सामना

 

वर्ष 2008 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी। अशोक गहलोत दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। कांग्रेस के उस कार्यकाल में हवामहल से विधायक बृजकिशोर शर्मा और वीरेंद्र बेनीवाल को परिवहन मंत्री बनाया गया था। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनावों में ये दोनों नेता चुनाव हार गए।

 

दूसरी बार हारना पड़ा यूनुस खान को

 

वर्ष 2013 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। वसुंधरा राजे दूसरी बार मुख्यमंत्री बनी। भाजपा के उस कार्यकाल में यूनुस खान को फिर से परिवहन मंत्री बनाया गया था वर्ष 2018 के चुनाव में यूनुस खान डीडवाना से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी ने उन्हें सचिन पायलट के सामने टोंक से चुनाव मैदान में उतारा। पायलट के सामने यूनुस खान को 54 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा।

Comment / Reply From

You May Also Like

Vote / Poll

राजस्थान में होने वाले राज्यसभा चुनाव 2023 में कौन जीतेगा

View Results
Congress
33%
BJP
67%
Rashtriya Loktantrik Party
0%
other
0%

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!