डबल टास्क लेकर चल रहे हैं सचिन पायलट, राजस्थान की 80 सीटों पर दांव खेलने की तैयारी - प्रचार के लिए ली जा रही प्रशांत किशोर की कंपनी i-pac की सेवाएं
जयपुर। सचिन पायलट ने भले ही अभी तक किसी नई राजनैतिक पार्टी का ऐलान नहीं किया है लेकिन ऐसा नहीं है कि वे आलाकमान के आश्वासन पर चुप होकर बैठ गए हों। आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पायलट जमीनी स्तर पर तैयारियों में जुटे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक कुछ महीनों पहले से ही पायलट ने राजनैतिक चाणक्य कहे जाने वाले प्रशांत किशोर की ले रहे हैं। प्रशांत किशोर की कंपनी युवाओं को राजनीति की ओर आकर्षित करते हुए सोशल मीडिया पर विशेष अभियान चला रही है। इस अभियान के जरिए यूथ आइकन को प्रमोट करने और लीक से हटकर राजनीति करने के सुझाव भी मांगे जा रहे हैं। आई-पैक द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान को जबरदस्त रिस्पॉन्स भी मिल रहा है। राजस्थान की कुल 80 सीटों पर दांव खेलने की तैयारी है जहां पायलट को भरपूर प्रमोट किया जा रहा है।
पायलट के लिए दौरे डिजाइन कर रही प्रशांत किशोर की टीम
सचिन पायलट समर्थक एक कांग्रेस नेता के अनुसार आने वाले दिनों में सचिन पायलट राजस्थान के कई जिलों में सघन दौरा करने वाले हैं। इस दौरों के जरिए वे जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ और मजबूत करने की कोशिश करेंगे। हालांकि ऊर्जावान नेता पायलट का क्रेज कई जिलों में हैं। भीड़ उनके नाम से खींची चली आती है। पायलट के दौरों का रोडमैप प्रशांत किशोर की कंपनी आई-पैक कर रही है। रूट फाइनल होते ही पायलट दौरों का ऐलान कर देंगे। फिलहाल नई पार्टी के प्लान को स्थगित कर दिया गया है। कांग्रेस में रहकर ज्यादा से ज्यादा समर्थन जुटाने पर जोर दिया जा रहा है।
डबल टास्क लेकर चल रहे हैं पायलट
जैसा की नवभारत टाइम्स ने पूर्व में बताया था कि राजस्थान अजमेर, भरतपुर, दौसा, धौलपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी, टोंक, जयपुर ग्रामीण, अलवर और भीलवाड़ा सहित कुछ अन्य जिलों की 40 सीटों में पायलट का खासा प्रभाव है। अधिकतर सीटें गुर्जर बाहुल्य है लेकिन अन्य सीटों पर भी सचिन पायलट का क्रेज काफी देखा जा रहा है। पायलट केवल इन 40 सीटों पर ही नहीं बल्कि डबल टारगेट लेकर चल रहे हैं। उन्होंने आई-पैक को 80 विधानसभाओं का प्लान बनाने को कहा है। चूंकि सचिन पायलट राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं। उनकी छवि न केवल राजस्थान बल्कि देश के कई राज्यों में भी है। ऐसे में जिलों के दौरों का विशेष प्लान बनाया जा रहा है। प्लान के तहत सभाओं और रैलियों के साथ पैदल मार्च भी होंगे।
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