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बोर्ड में नियुक्ति से एक राजपूत नेता हुआ मुख्यमंत्री से नाराज, नियुक्ति के तुरंत बाद राधेश्याम तंवर ने भेजा इस्तीफा और सुना दी खरी खरी - रिछपाल सिंह मिर्धा को वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड और लाल सिंह झाला को महाराणा प्रताप बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया

बोर्ड में नियुक्ति से एक राजपूत नेता हुआ मुख्यमंत्री से नाराज, नियुक्ति के तुरंत बाद राधेश्याम तंवर ने भेजा इस्तीफा और सुना दी खरी खरी

 

 

जयपुर। सोमवार 9 अक्टूबर की दोपहर 12 बजे केन्द्रीय चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस करके पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। इसके साथ ही पांचों राज्यों में आचार संहिता लग गई। आचार संहिता लगने से ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई बोर्डों और आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्तियां की। करीब दो दर्जन लोगों को अलग अलग जगह नियुक्तियां दी गई जिनमें कुछ अफसर और कई कांग्रेसी नेता शामिल हैं।

 

नियुक्ति के तुरंत बाद सौंपा इस्तीफा

 

पिछले दिनों सीएम गहलोत ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड का गठन किया था। सोमवार दोपहर को आचार संहिता लगने से ठीक पहले इस बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 7 सदस्यों की नियुक्ति की गई। पूर्व मंत्री राधेश्याम तंवर को बोर्ड में सदस्य बनाया गया। सदस्य का पद देने से तंवर सीएम से खफा हो गए। नियुक्ति के तुरंत बाद ही राधेश्याम तंवर ने मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेज दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा कि 30 साल तक उन्होंने पार्टी की सेवा की। हजारों कर्मचारियों के आंदोलन को खत्म करवाया। विधानसभा चुनाव और उपचुनाव में अहम जिम्मेदारियां निभाई। पूर्व में वे राज्य बुनकर संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं जो राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त है। तंवर ने कहा कि पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री ने याद तक नहीं किया और अब आचार संहिता लगने से एक घंटे पहले बोर्ड में सदस्य बनाकर उनका अपमान किया है।

 

वीडियो जारी करके तंवर ने कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया

 

पूर्व राज्यमंत्री राधेश्याम तंवर ने कहा कि मुख्यमंत्री जी आपने पूरे पांच बाद बोर्डों में अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और सदस्यों की नियुक्ति करना व्यावहारिक नहीं है। अगर मुख्यमंत्री बनते ही बोर्डों और आयोगों में नियुक्ति देते तो काम करने का अवसर मिलता। अब आचार संहिता लगने से एक घंटे पहले नियुक्तियां देने से पदाधिकारी क्या काम कर पाएंगे। तंवर ने गहलोत को सलाह दी कि मेहरबानी करके आप अपनी कार्यशैली को बदलें। जो पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता हैं वे आप से मिल तक नहीं सकते। तंवर ने कहा कि वे खुद एक साल से आप से मिलने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें समय ही नहीं दिया गया। तंवर ने कहा कि कांग्रेस में पिछले पांच साल से कर्मठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है। अगर टिकट वितरण में भी यही हाल रहा को कांग्रेस को कोई नहीं बचा सकता।

 

जानिए शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड में किन्हें मिली नियुक्तियां

 

उदयपुर निवासी लाल सिंह झाला को वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया जबकि रघुवीर सिंह राठौड़ को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। सीकर निवासी हेम सिंह शेखावत, जयपुर निवासी राधेश्याम तंवर, उदयपुर निवासी गोपाल सिंह चौहान, जोधपुर निवासी परमेन्द्र सिंह, जयपुर निवासी धन सिंह नरूका, चित्तौड़गढ़ निवासी भगवती देवी झाला और नागौर जिले के गोटन निवासी नारायण सिंह राठौड़ को सदस्य नियुक्त किया।

 

रिछपाल मिर्धा को वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया

 

कांग्रेस के पूर्व विधायक रहे रिछपाल सिंह मिर्धा को सीएम गहलोत ने राजस्थान राज्य वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया है। इनके पुत्र विजय मिर्धा वर्तमान में डेगाना से कांग्रेस के विधायक हैं। सीकर निवासी दिनेश कस्वां को उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। साथ ही नागौर निवासी रिद्धकरण लोमरोड़, जोधपुर निवासी राजूराम चौधरी, सुरसुरा अजमेर निवासी रतनलाल घासल, फलोदी निवासी मोहन गोदारा, राजपुरा सीकर निवासी विजेन्द्र पूनिया, सीकर निवासी राजकुमार और चित्तोड़िया निवासी बालूराम जाट को सदस्य नियुक्त किया है।

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