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जेजेएम घोटाले के मुख्य किरदार पदमचंद जैन के पास मिली 7.50 करोड़ की संपत्ति, ED करेगी सीज - बैंक खातों में 136 करोड़ का लेनदेन, अफसर रह गए हैरान

जेजेएम घोटाले के मुख्य किरदार पदमचंद जैन के पास मिली 7.50 करोड़ की संपत्ति, ED करेगी सीज

 

जयपुर। जल जीवन मिशन में हुए हजारों करोड़ रुपए के घोटाले का मुख्य किरदार सहित अन्य आरोपियों पर बड़ी गाज गिरने वाली है। आरोपी ठेकेदार पदम चंद जैन को प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले दिनों गिरफ्तार किया था। 5 दिन के रिमांड के बाद अब उसे जेल भेज दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने अब इस घोटाले के सबसे बड़े मास्टर माइंट पदम चंद जैन की संपत्ति खंगाली है। जांच के दौरान 7.50 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी होना सामने आया है। ईडी अब इस संपत्ति को सीज करने की तैयारी कर रही है।

 

बैंक खातों में 136 करोड़ रुपए का लेनदेन

 

पदम जैन के विभिन्न बैंक खाते देखकर ईडी के अफसर भी हैरान रह गए। ईडी ने पदम जैन की कंपनियों और परिवार के रिश्तेदारों के बैंक खाते भी खंगाले हैं। जिन बैंक खातों को पदम चंद जैन उपयोग में लेता था। उन बैंक खातों में 136.41 करोड़ रुपए का लेन देन मिला है। इतनी बड़ी राशि को लेकर भी ईडी को संदेह है कि आरोपी ठेकेदार ने अवैध रूप से रुपयों का लेनदेन किया है। पदम चंद के बेटे से भी ईडी पूछताछ कर चुकी है। बाप बेटे को आमने सामने बैठाकर की गई पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई है।

 

जयपुर में करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी है जैन के पास

 

1. सीकर रोड पर टांटियावास टोल के पास 3 करोड़, 16 लाख 70 हजार रुपए कीमत की कृषि भूमि है।
2. जयपुर शहर के गोपालपुरा बाईपास स्थित त्रिवेणी नगर राजावास में 10.45 लाख रुपए का प्लॉट है।
3. त्रिवेणी नगर जयपुर के राजावास में एक प्लॉट करीब 1.51 करोड़ रुपए की कीमत का है।
4. जयपुर के सांगानेर में भी 1.02 करोड़ रुपए का प्लॉट मिला है।
5. जयपुर शहर के गोपालपुरा बाईपास स्थित महावीर नगर में भी 1.50 करोड़ रुपए से ज्यादा की कीमत का प्लॉट है।

 

सबसे पहले यही ठेकेदार आया था गिरफ्त में

 

जलदाय विभाग में जेजेएम योजना के अंतर्गत हुए घोटाले का खुलासा सबसे पहले एक साल पहले एसीबी ने किया था। अगस्त 2023 में एसीबी की टीम ने दो अधिकारियों सहित पांच आरोपियों को 2.20 लाख रुपए की रिश्वत लेते देते गिरफ्तार किया था। जयपुर के सिंधी कैंप स्थित एक होटल में एसीबी ने दबिश देकर कार्रवाई की थी। इस दौरान बहरोड़ और नीमराणा के दो अधिकारियों के साथ ठेकेदार पदमचंद जैन, सुपरवाइजर मलकीत सिंह और प्रवीण कुमार गिरफ्तार किया था। इन 5 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद जेजेएम में हजारों करोड़ रुपए के घोटाले का भंडाफोड़ हुआ।

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