Dark Mode

प्रह्लाद सिंह और शक्ति सिंह को मिलेगा बहादुरी का इनाम, सीएम गहलोत ने सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया - जानिए दो सगे भाइयों ने जान जोखिम में डालकर कैसे पकड़वाया कन्हैयालाल साहू के हत्यारों को

प्रह्लाद सिंह और शक्ति सिंह को मिलेगा बहादुरी का इनाम, सीएम गहलोत ने सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया

 

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजसमंद के उन दो युवाओं को बड़ा तोहफा दिया है जिन्होंने पिछले साल अपनी जान जोखिम में डालकर दो खूंखार बदमाशों को पकड़वाया था। राजसमंद के रहने वाले दो सगे भाई प्रह्लाद सिंह और शक्ति सिंह ने कन्हैयालाल साहू के हत्यारों को पकड़ने में पुलिस की मदद की थी। हत्यारों द्वारा धमकी दिए जाने के बावजूद भी प्रह्लाद और शक्ति सिंह ने अपनी मोटर साइकिल से दोनों हत्यारों का पीछा किया और पुलिस को उनकी लोकेशन बताते रहे। प्रह्लाद और शक्ति सिंह के कारण ही दोनों हत्यारे पुलिस की गिरफ्त में आए। मुख्यमंत्री ने इन दोनों बहादुर युवाओं को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया। इसके लिए नियमों में शिथिलता देने का निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में ले लिया गया है।

 

देशभर में निंदा हुई कन्हैयालाल साहू हत्याकांड की

 

राजस्थान के उदयपुर जिले में 28 जून 2022 को हुए कन्हैयालाल हत्याकांड को कौन भूल सकता है। वही हत्याकांड जिसमें दो दरिंदों ने कपड़ों की सिलाई करने वाले कन्हैयालाल की गला रेत कर हत्या कर दी थी। हैरानी की बात यह है कि इस खौफनाक हत्याकांड को अंजाम देने का वीडियो भी बनाया गया। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। हत्याकांड के बाद भी 'सर तन से जुदा' के नारे लगाते हुए धमकी भरा एक और वीडियो बनाकर वायरल किया ताकि दहशत का माहौल बने। इस वीभत्स हत्याकांड की देशभर में निंदा की गई। धार्मिक दंगे भड़काने के प्रयास किए गए लेकिन हत्यारों की तुरंत गिरफ्तारी होने और पुलिस द्वारा पुख्ता बंदोबस्त किए जाने के कारण सरकार धार्मिक हिंसा को रोकने में कामयाब रही।

 

चार घंटे में दोनों हत्यारों को दबोचा

 

उदयपुर शहर में दिनदहाड़े हत्याकांड को अंजाम देने के बाद हत्यारे रियाज अतारी और मोहम्मद गौस मोटर साइकिल से भागने लगे। वे विदेश भागने की फिराक में थे लेकिन राजस्थान पुलिस ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। उदयपुर पार करके राजसमंद जिले के देवगढ़ से गुजरने के दौरान पुलिस को हत्यारों के बारे पुख्ता सूचना मिल गई थी। पुलिस ने नाकाबंदी करके हत्याकांड के महज 4 घंटे बाद ही दोनों हत्यारों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जांच में यह भी पता चला कि हत्यारों के तार पाकिस्तान तक जुड़े हुए है। दो पाकिस्तानी नागरिकों सहित कुल 11 हत्यारों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट पेश की थी।

 

प्रह्लाद सिंह और शक्ति सिंह की बदौलत गिरफ्त में आए हत्यारे

 

कन्हैयालाल साहू के हत्यारे रिजाय अतारी और मोहम्मद गौस राजसमंद निवासी दो भाइयों प्रह्लाद सिंह और शक्ति सिंह की बदौलत गिरफ्त में आए थे। हत्यारे राजसमंद से होकर गुजर रहे थे तब प्रह्लाद सिंह और शक्ति सिंह के एक परिचित पुलिसकर्मी ने उन्हें कॉल करके बताया कि दो संदिग्ध हत्यारे उदयपुर में हत्या करके भागे हैं। उस दौरान प्रह्लाद सिंह और शक्ति सिंह सड़क किनारे बैठे थे। सोशल मीडिया पर वायरल हत्याकांड का वीडियो उन दोनों भाइयों ने भी देखा था। इसी दौरान उन्हें तेज रफ्तार मोटर साइकिल जाते हुए नजर आई। मोटर साइकिल पर बैठे दो युवक हत्यारों के जैसे नजर आ रहे थे।

 

पुलिस को लोकेशन बताते हुए 30 किलोमीटर तक किया पीछा

 

प्रह्लाद सिंह और शक्ति सिंह ने पुलिस को फोन करके बताया कि दो व्यक्ति बाइक पर तेज रफ्तार से भागे हैं। संभवत वे हत्यारे हो सकते हैं। इस पर पुलिस ने इन दोनों युवकों से कहा कि वे अपनी मोटर साइकिल से उनका पीछा करें और लोकेशन पुलिस को बताते रहें। प्रह्लाद सिंह और शक्ति सिंह ने जान की परवाह किए बगैर अपनी मोटर साइकिल से हत्यारों का पीछा किया। करीब 30 किलोमीटर तक लगातार पीछा करने के दौरान वे पुलिस को लोकेशन बताते रहे। लाइव लोकेशन की जानकारी मिलने पर पुलिस की टीम ने आगे सख्त नाकाबंदी कर रखी थी। ऐसे में पुलिस ने रियाज अतारी और मोहम्मद गौस को दबोच लिया।

 

मुख्यमंत्री ने सीएम हाउस में बुलाकर किया सम्मानित

 

अपनी जान की बाजी लगाकर हत्यारों को गिरफ्तार करवाने वाले प्रह्लाद सिंह और शक्ति सिंह की बहादुरी के चर्चा देशभर में हुई। बहादुरी का काम करके दोनों भाई हीरो बन गए थे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन दोनों भाइयों को मुख्यमंत्री निवास बुलाकर सम्मानित किया। चूंकि प्रह्लाद सिंह और शक्ति सिंह गुजरात की एक फैक्ट्री में काम करते थे। इस हत्याकांड के बाद प्रहलाद सिंह और शक्ति सिंह को फैक्ट्री से हटा दिया गया। सुरक्षा के मद्देनजर कोई उन्हें नौकरी पर रखने को तैयार नहीं हुए। अब मुख्यमंत्री ने इन दोनों भाइयों को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। बुधवार 21 सितंबर को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में नियमों में शिथिलता देकर चतुर्थ श्रेणी नौकरी देने का फैसला लिया गया।

Comment / Reply From

You May Also Like

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!