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जयपुर बम ब्लास्ट केस : 40 दिन बाद जागी सरकार, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में SLP दाखिल - बीजेपी के सहयोग से पीड़ित परिवारों ने 27 दिन पहले ही दायर कर दी थी SLP

जयपुर बम ब्लास्ट केस : 40 दिन बाद जागी सरकार, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में SLP दाखिल

 

जयपुर। जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में पिछले दिनों हाईकोर्ट द्वारा सभी आरोपियों को बरी कर दिए जाने का मुद्दे पर सियासी पारा चढ गया है। आतंकियों के बरी होने के फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश कांग्रेस सरकार को जमकर कोसा। गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण के आरोप लगे और यह कहा गया कि सरकार ने जानबूझकर आरोपियों के खिलाफ पैरवी नहीं की जिसके चलते सभी आरोपी बरी हो गए। बीजेपी ने सरकार के खिलाफ तीन बार प्रेस कांफ्रेंस की। एक बार मशाल जुलूस निकाला और अब जयपुर के सभी 250 वार्डों में प्रदर्शन किया जाएगा। बीजेपी इस मुद्दे को भुनाने में जुटी है जबकि कांग्रेस सरकार ने आतंकियों के बरी होने के फैसले के खिलाफ अपील करने में बहुत देर कर दी। 40 दिन बाद सरकार जागी और सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है।

 

पीड़ित परिवारों ने 13 अप्रैल को दायर की एसएलपी

 

राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 मार्च को बम ब्लास्ट के आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले में जांच अधिकारी ने गंभीर लापरवाही बरती। ऐसे में जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बम ब्लास्ट के आरोपियों को बरी किए जाने के बाद जब बीजेपी ने सरकार पर तुष्टिकरण के आरोप लगाए तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की जाएगी। मुख्यमंत्री की ओर से यह बयान तो दे दिया गया लेकिन एसएलपी दायर करने में बहुत देर लगा दी। लंबे इंतजार के बाद भी जब सरकार ने एसएलपी दायर नहीं की तो पीड़ित परिवारों की ओर से 13 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। इस दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण चतुर्वेदी और राजेन्द्र राठौड़ मौजूद रहे।

 

कर्नाटक चुनावों में पीएम मोदी ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस पर साधा निशाना

 

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी सभाओं में भी जयपुर बम ब्लास्ट की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर आतंकियों के खिलाफ मजबूत पैरवी नहीं की। इसी कारण बम ब्लास्ट के सभी आरोपी जेल से छूट गए। पीएम मोदी ने 10 मई को सिरोही दौरे के दौरान भी कहा कि आतंकियों के प्रति कांग्रेस का हमेशा नरम रुख रहा है। उन्होंने आतंकियों को बचाने का सीधा आरोप लगाया। बम ब्लास्ट के आरोपियों के बरी होने का मुद्दा आगामी चुनावों में बड़ा सियासी मुद्दा बनेगा। बीजेपी ने हर मोर्च पर कांग्रेस सरकार को घेरने का एक्शन प्लान बनाया है।

 

40 दिन बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की एसएलपी

 

सरकार अभी तक यही कहती रही कि हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन किया जा रहा है और जल्द ही एसएलपी दायर करेंगे। 10 मई को सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई। इस विशेष अनुमति याचिका में सेफुर्रहमान, मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ और मोहम्मद सलमान की फांसी की सजा को रद्द कर उन्हें दोषमुक्त करने के फैसले के खिलाफ चुनौती दी गई है। इस मामले में जयपुर के जिला न्यायालय ने चार साल पहले आतंकी घटना के सभी आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। 

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