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हनुमान मीणा ने टोंक में खोली सरकारी नौकरी लगाने की दुकान, 5 साल में 100 से ज्यादा नौकरियां लगवाई - फर्जी अभ्यर्थी बैठाकर देता था चयन की गारंटी, हर भर्ती की 3 से 15 लाख रुपए की अलग अलग रेट तय

हनुमान मीणा ने टोंक में खोली सरकारी नौकरी लगाने की दुकान, 5 साल में 100 से ज्यादा नौकरियां लगवाई

 

जयपुर। प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर लीक और डमी अभ्यर्थियों के मामले में एसओजी एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे कर रही है। हाल ही में एसओजी की गिरफ्त में आए 50 हजार रुपए के इनामी हनुमान मीणा ने खुलासे से एसओजी खुद हैरान रह गई है। पूछताछ के दौरान हनुमान मीणा ने बताया कि उसने पिछले 5 साल में 100 से ज्यादा युवाओं की सरकारी नौकरी लगा दी। अलग अलग भर्ती परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बैठाने के लिए हनुमान मीणा के पास पूरी गैंग है। जालोर, सांचौर, पाली और जोधपुर के युवक हनुमान मीणा की गैंग में हैं जो 2 से 3 लाख रुपए लेकर फर्जी अभ्यर्थी बनते रहे हैं। एसओजी ने हनुमान मीणा गैंग के सभी सदस्यों की सूची बना ली है। जल्द ही उनकी धरपकड़ शुरू की जाएगी।

 

टोंक सवाई माधोपुर में खोली जॉब की दुकान, हर भर्ती की अलग रेट तय

 

एडीजी वीके सिंह का कहना है कि आरोपी हनुमान मीणा टोंक जिले के अलीगढ़ का रहने वाला है। उसने टोंक सवाई माधोपुर में एक तरह से सरकारी जॉब लगाने की दुकान सी खोल रखी थी। वह हर भर्ती परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी बैठाकर नौकरी लगाने का दावा करता था। हर भर्ती के लिए अलग अलग रेट तय कर रखे थे। जो पद बड़ा होता और जिसमें कमाई ज्यादा होती, उसकी रेट ज्यादा होती थी। विद्युत विभाग में हेल्पर के लिए 3 लाख रुपए तय कर रखे थे जबकि वन रक्षक और लैब असिस्टेंट के लिए 7 लाख रुपए लेता था। पटवारी और ग्राम सेवक भर्ती 9 लाख रुपए और सब इंस्पेक्टर भर्ती के लिए 15 लाख रुपए की रेट तय कर रखी थी।

 

खुद हनुमान और उसका भाई है सरकारी नौकर

 

सरकारी भर्तियों में फर्जी अभ्यर्थी बैठाकर नौकरी लगाने की गारंटी देने वाला हनुमान मीणा खुद सरकारी नौकर है। वर्ष 2018 की एलडीसी भर्ती में उसका चयन हुआ था और वह कोटा में सेटलमेंट डिपार्टमेंट में पदस्थापित है। उसने अपने भाई सुनील मीणा की भी नौकरी लगवा दी। सुनील भी वर्ष 2018 की एलडीसी भर्ती में चयनित होकर वाणिज्य विभाग में कार्यरत है। पूछताछ में उसने यह भी बताया कि उसने सभी नजदीकी रिश्तेदारों की नौकरी लगवा दी जो 12वीं पास या स्नातक थे। मीणा ने 7 भर्तियों में फर्जी अभ्यर्थी बैठाकर नौकरी लगने वाले 16 अभ्यर्थियों के नाम एसओजी को बताए हैं। अब एसओजी इन 16 सरकारी कर्मचारियों और इनके स्थान पर बैठे फर्जी अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

 

असली और फर्जी अभ्यर्थियों की पूरी लिस्ट यहां देखें

 

एसआई भर्ती परीक्षा 2021

 

1. टोंक जिले के अलीगढ़ निवासी चेतन सिंह मीणा के स्थान पर सांचौर निवासी सुरेश ने लिखित परीक्षा दी। चेतन से 15 लाख रुपए लिए गए।

2. टोंक जिले के देवली निवासी नरेंद्र कुमार के स्थान पर मोहनलाल ने फर्जी अभ्यर्थी के रूप में लिखित परीक्षा दी। इसके एवज में नरेंद्र से 4 लाख रुपए एडवांस में लिए। इंटरव्यू में फेल हो गया नरेंद्र।

3. टोंक जिले के अलीगढ़ निवासी सियाराम के स्थान पर नारायण को लिखित  परीक्षा में बैठाया। सियाराम से 3 लाख रुपए एडवांस में लिए। इंटरव्यू में पास नहीं हुआ सियाराम।

 

पटवारी भर्ती परीक्षा-2021

 

4. सवाई माधोपुर निवासी बहादुर मीणा के स्थान पर नरेश मीणा को लिखित परीक्षा में बैठाया। इसकी एवज में 3 लाख रुपए एडवांस लिए गए थे। नरेश परीक्षा देते समय पकड़ा गया था।

5. टोंक जिले के अलीगढ़ निवासी अनुराग मीणा के स्थान पर फर्जी अभ्यर्थी सुरेश ने लिखित परीक्षा दी थी। अनुराग मीणा से 7 लाख रुपए लिए गए थे। पटवारी में चयनित हुआ अनुराग इन दिनों एपीओ है।

 

संगणक भर्ती परीक्षा-2021

 

6. टोंक निवासी हेमंत मीणा के स्थान पर नरेश को फर्जी अभ्यर्थी बनकर लिखित परीक्षा दी। चयनित हेमंत बूंदी जिले के हिंडोली एसडीएम ऑफिस में कार्यरत है।

 

ग्राम विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा-2022

 

7. टोंक निवासी नरेंद्र मीणा के स्थान पर फर्जी अभ्यर्थी के रूप में नारायण चौधरी ने लिखित परीक्षा दी थी।

8. टोंक निवासी महेंद्र मीणा के स्थान पर फर्जी अभ्यर्थी के रूप में बाड़मेर निवासी महेंद्र चौधरी ने लिखित परीक्षा दी थी। वह लिखित परीक्षा पास नहीं कर पाया। एडवांस में 5 लाख रुपए लिए। 2 लाख रुपए वापस लौटा दिए।

 

प्रयोगशाला सहायक भर्ती परीक्षा-2019

 

9. सवाई माधोपुर निवासी मनराज मीणा निवासी के स्थान पर सांचौर निवासी नरेश ने लिखित परीक्षा दी थी। इसकी एवज में मनराज से 7 लाख रुपए लिए गए थे। मनराज सवाई माधोपुर स्थित एक स्कूल में प्रयोगशाला सहायक है।

10. सवाई माधोपुर जिले के डेकवा निवासी अजमल मीणा के स्थान पर फर्जी अभ्यर्थी के रूप में सांचौर निवासी मोहनलाल ने लिखित परीक्षा दी थी। इसकी एवज में 7 लाख रुपए लिए गए थे। अजमल अभी सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा स्थित एक स्कूल में कार्यरत है।

 

बिजली विभाग में हेल्पर भर्ती परीक्षा 2019

 

11. टोंक के अलीगढ़ निवासी मनीष मीणा के स्थान पर फर्जी अभ्यर्थी के रूप में सांचौर निवासी नरेश ने लिखित परीक्षा दी थी। इसकी एवज में 3 लाख रुपए लिए गए थे। मनीष मीणा वर्तमान में सपोटरा में पदस्थापित है।


12. टोंक जिले के उनियारा निवासी रिंकू मीणा के स्थान पर सांचौर निवासी नरेश ने लिखित परीक्षा दी थी। इसके बदले में रिंकू से 3 लाख रुपए लिए गए। रिंकू का हेल्पर के पद पर चयन हो गया था।


13. सवाई माधोपुर के बोरिफ निवासी मेघराज मीणा के स्थान पर फर्जी अभ्यर्थी के रूप में बाड़मेर निवासी मोहनलाल ने लिखित परीक्षा दी थी। मेघराज से 3 लाख रुपए लिए गए थे। मेघराज का चयन हो गया था। वह सवाई माधोपुर में पदस्थापित है।

 

वनरक्षक भर्ती परीक्षा

 

14. टोंक जिले के अलीगढ़ निवासी नरेश मीणा के स्थान पर सांचौर निवासी राकेश ने लिखित परीक्षा दी थी। इसकी एवज में नरेश से 7 लाख रुपए लिए गए थे। वर्तमान में वह कोटा में नौकरी कर रहा है।


15. टोंक जिले के अलीगढ़ निवासी सुरज्ञान मीणा के स्थान पर सांचौर निवासी राकेश ने लिखित परीक्षा दी थी। इसकी एवज में 7 लाख रुपए लिए गए थे। सुरज्ञान का चयन हो गया और वर्तमान में वह झालावाड़ में पदस्थापित है।


16. सवाई माधोपुर जिले के बरवाड़ा निवासी बुद्धि प्रकाश के स्थान पर सांचौर निवासी राकेश ने लिखित परीक्षा दी थी। इसकी एवज में 7 लाख रुपए एडवांस में लिए थे। फिजिकल में फेल होने के कारण बुद्धि प्रकाश का चयन नहीं हो सका।

 

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