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राजस्थान में “कर्म भूमि से जन्म भूमि” जल संचयन अभियान का शानदार शुभारंभ - भामाशाह पुरोहित परिवार की पहल से मिलेगा फायदा

राजस्थान में “कर्म भूमि से जन्म भूमि” जल संचयन अभियान का शानदार शुभारंभ

सिरोही। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल के मार्गदर्शन और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सहयोग से आज राजस्थान में “कर्म भूमि से जन्म भूमि” जल संचयन अभियान का शुभारंभ किया गया। राजस्थान में जल संकट एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जहां राज्य के 65% जिले जलसंकट से जूझ रहे हैं और प्रति वर्ष औसतन 15,000 करोड़ क्यूबिक मीटर पानी की कमी हो रही है। अभियान के तहत सिरोही जिले के नून और सुमली गांवों में जल संचयन परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया। नून गांव में 7 और फुँगनी में 5 स्थानों पर वर्षा जल संचयन कार्य प्रारंभ किया गया। इस परियोजना के अंतर्गत वर्षा के पानी को संग्रहित करने के लिए वोटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किए जाएंगे, जिससे न केवल जल स्तर को बढ़ावा मिलेगा बल्कि यह कृषि और पीने के पानी की समस्या को भी हल करने में मदद करेगा। 

 जल संचयन के लाभ:

 • जल स्तर में वृद्धि और सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जल आपूर्ति सुनिश्चित।

 • वर्षा जल का संचयन कृषि में उपयोगी साबित होगा, जिससे सूखा और जलवायु परिवर्तन से निपटा जा सकेगा।

 • अनुमानित रूप से 25 से 30% पानी का संरक्षण होगा, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल संकट का समाधान होगा।

सूरत के भाजपा नेता और समाजसेवी दिनेश राजपुरोहित और उनके परिवार ने इस अवसर पर नून गांव में होने वाले जल संचयन कार्य के खर्च का वहन करने का वादा किया है। इस अवसर पर सिरोही सांसद लुंबाराम चौधरी, जिला पंचायत प्रमुख अर्जुन भाई पुरोहित और अन्य प्रमुख समाजसेवी मौजूद रहे। यह अभियान राजस्थान में जल संरक्षण के क्षेत्र में एक बड़ा कदम साबित होगा और सरकार के साथ-साथ नागरिकों की भागीदारी से जल संकट को सुलझाने की दिशा में एक ठोस पहल के रूप में उभरेगा।

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