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फोन टैपिंग मामले में पूर्व CM गहलोत की दलीलें खारिज, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह पड़े भारी - केंद्र सरकार के खिलाफ दर्ज केस को भजनलाल सरकार ने लिया वापस, , जानें अब क्या होगा...

फोन टैपिंग मामले में पूर्व CM गहलोत की दलीलें खारिज, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह पड़े भारी

 

जयपुर। राजस्थान की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान उठा फोन टैपिंग का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर निकल आया है। चार साल बाद एक बार फिर इस जिन्न के बाहर आने से पूर्ववर्ती सरकार के नुमाइंदों और अफसरों में खलबली मच गई है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अपने प्रतिनिधियों और अफसरों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस दायर किया था। इस केस को मौजूदा भाजपा सरकार ने वापस ले लिया है। अब फोन टैपिंग मामले में अग्रिम कार्रवाई करने के लिए दिल्ली पुलिस के हाथ खुल गए हैं। दिल्ली पुलिस अब सख्त एक्शन ले सकती है। पूर्ववर्ती सरकार ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को रोकने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ दर्ज कराया था जिसे भजनलाल सरकार ने इस केस को वापस ले लिया है।

 

भजनलाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी याचिका

 

पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए केंद्र सरकार पर केस किया था। इस केस में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की ओर से दलील दी गई कि फोन टैपिंग का मामला राजस्थान का है। राजस्थान की जांच एजेंसियां (एसओजी/एसीबी) इस प्रकरण की जांच कर रही है। इन एजेंसियों की जांच सही दिशा में चल रही है। याचिका में यह दलील देते हुए केस दर्ज कराया गया कि राज्य के इस प्रकरण में दिल्ली पुलिस को जांच या कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने से दिल्ली पुलिस की जांच आगे नहीं बढ़ सकी। दिसंबर 2023 में प्रदेश में सरकार बदल गई तो पिछले दिनों भजनलाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाकर गहलोत सरकार की ओर से लगाई गई याचिका को वापस लेने का आग्रह किया था। सुप्रीम कोर्ट ने भजनलाल सरकार की याचिका को स्वीकार करते हुए पूर्ववर्ती सरकार की ओर से दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया।

 

केंद्रीय मंत्री ने दर्ज कराया था केस

 

केंद्र की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में फोन टैपिंग प्रकरण को लेकर केस दर्ज कराया था। जुलाई 2020 में जब गहलोत सरकार संकट में थी। उन दिनों तीन ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। उन ऑडियो में कथित रूप से गजेंद्र सिंह शेखावत, तत्कालीन विधायक भंवरलाल शर्मा (अब दिवंगत) सहित अन्य नेताओं की आवाज होने के दावे किए गए। इस मामले को लेकर दर्ज कराए गए केस की दिल्ली पुलिस जांच कर रही है। अब दिल्ली पुलिस फोन टैपिंग मामले में अग्रिम कार्रवाई कर सकती है। गैर कानूनी तरीके से फोन टैपिंग मामले में कुछ अफसरों पर गाज भी गिर सकती है।

 

कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी नेताओं पर लगाए थे गंभीर आरोप

 

जुलाई 2020 में जब तीन ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। उसके बाद कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा के कई केंद्रीय नेताओं पर सरकार गिराने का षड़यंत्र रचने का आरोप लगाया था। पूर्व सीएम अशोक गहलोत सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने बीजेपी के नेताओं के नाम लेकर विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोप लगाए थे। उधर भाजपा के नेता कांग्रेसी नेताओं के आरोपों को खारिज करते रहे। फोन टैपिंग मामले में भी पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने हाथ खड़ कर दिए थे। सरकार की ओर से साफ इनकार कर दिया गया था कि विधायकों की खरीद फरोख्त से जुड़े मामले में कोई फोन टैपिंग नहीं हुई।

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