IAS अफसर के लिए ली जा रही थी 12 लाख रुपए की घूस - एसीबी की टीम ने उदयपुर में की कार्रवाई, एक RAS अफसर पर भी लटकी तलवार
- Post By रामस्वरूप लामरोड़
- May 8, 2023 21:04:23
जयपुर। एंटी करप्शन ब्यूरो जयपुर की स्पेशल टीम ने उदयपुर में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। एसीबी की टीम ने शहरी विकास आवास विभाग के प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी के लिए 12 लाख रुपए की घूस लेने के आरोप में एक दलाल को गिरफ्तार किया है। दलाल लोकेश जैन रिश्वत की राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। इस प्रकरण में यूडीएच विभाग के एक आरएएस अधिकारी की भी लिप्तता सामने आई है। आईजी सवाई सिंह गोदारा के निर्देशन में दलाल लोकेश जैन से पूछताछ की जा रही है।
भू रूपान्तरण बदलने के लिए मांगी गई थी घूस
परिवादी ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी भूमि का उपयोग चेंज करने यानी नियम 90-बी में कन्वर्ट करके एनओसी जारी करने की एवज में दलाल द्वारा विभाग के उच्च अधिकारियों के नाम पर घूस मांगी जा रही थी। शिकायत मिलने के बाद एसीबी की टीम ने सत्यापन कराया। शिकायत सही पाए जाने पर कार्यवाहक महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी के निर्देश पर एसीबी की टीम ने उदयपुर के आरजी अरिहंत अपार्टमेंट स्थित फ्लैट नम्बर 503 में दबिश देकर लोकेश जैन को गिरफ्तार किया। परिवादी द्वारा दलाल लोकेश जैन को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
घूस की राशि के लिए एसीबी ने की परिवादी की मदद
कई बार जब कोई घूसखोर अफसर रिश्वत में बड़ी रकम मांगता है तो परिवादी रुपयों का इंतजाम नहीं कर पाता। ऐसे मामलों में कार्रवाई करने के लिए एसीबी के पास अलग से फंड है। साथ ही एसीबी डमी करेंसी को भी ट्रैप की कार्रवाई में उपयोग में लेती है। सोमवार को जब यूडीएच डिपार्टमेंट के अफसरों के लिए 12 लाख रुपए की घूस मांगी गई तो परिवादी रुपयों का इंतजाम नहीं कर सका। ऐसे में एसीबी ने रुपयों का इंतजाम किया। परिवादी को डमी करेंसी उपलब्ध कराई गई। रिश्वत की जो राशि दलाल लोकेश जैन से बरामद हुई उसमें 5 लाख रुपए असली थे जबकि शेष लाख लाख रुपयों की डमी करेंसी थी।
आईएएस और आरएस अधिकारी की बढ सकती है मुश्किलें
एसीबी सूत्रों के मुताबिक दलाल लोकेश जैन द्वारा एक आईएएस और एक आरएएस अफसर के लिए घूस ली जा रही थी। एसीबी के अधिकारी अब इस बात की पुष्टि करने में जुटे हैं कि इस दलाल का आईएएस और आरएएस अफसरों से क्या संबंध है। इसके लिए उसकी कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। अगर एसीबी को आईएएस और आरएएस अफसरों के लिए लेन देन का कोई रिकॉर्ड मिलता है तो इन दोनों अफसरों की मुश्किलें बढ़ना तय है।
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