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बाड़मेर पूर्व विधायक मेवाराम जैन को कोर्ट से मिली बड़ी राहत, एफआर हुई स्वीकार, मुकदमा खारिज - पढ़ें क्या था मुकदमा और क्यों किया गया खारिज

बाड़मेर पूर्व विधायक मेवाराम जैन को कोर्ट से मिली बड़ी राहत, एफआर हुई स्वीकार, मुकदमा खारिज

 

जोधपुर। बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन को अब कोर्ट से अब बड़ी राहत मिली है। उनके खिलाफ जोधपुर के राजीव गांधी नगर दुष्कर्म और पॉक्सो की धाराओं में दर्ज मुकदमे को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। महिला से दुष्कर्म और नाबालिग के साथ भी दुराचार के मामले में मेवाराम जैन की मुश्किलें काफी बढ गई थी। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होने और कथित वीडियो वायरल होने पर कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से भी बाहर निकाल दिया था। यह मामला ना केवल राजस्थान में बल्कि देशभर में चर्चाओं में रहा। अब पोक्सो कोर्ट के निर्णय से जैन को बड़ी राहत मिली है।

 

पूर्व विधायक के साथ डिप्टी, एसएचओ सहित 9 आरोपी थे

 

पूर्व विधायक मेवाराम जैन के खिलाफ दिसंबर 2023 को मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में जैन के अलावा पुलिसकर्मी, अधिकारी और स्थानीय निकाय के नेताओं के नाम भी शामिल थे। कुल 9 आरोपी बनाए गए थे जिनमें डिप्टी एसपी आनंद राजपुरोहित, इंस्पेक्टर गंगाराम खावा, सब इंस्पेक्टर दाऊद खान, रामस्वरूप आचार्य, उपसभापति सुरतान सिंह, प्रधान गिरधर सिंह सोढा, प्रवीण सेठिया और गोपाल सिंह राजपुरोहित भी नामजद आरोपी थे। एफआईआर में पीड़िता की ओर से घर में घुसकर दुष्कर्म, गैंगरेप, पॉक्सो, ब्लैकमेलिंग, जान से मारने की धमकी, मारपीट के आरोप लगाए गए। साथ में एससी-एसटी एक्ट की धाराएं भी लगाई गई थी।

 

परिवादी नहीं चाहती आगे की कार्रवाई

 

राजीव गांधी थाने में दर्ज हुए मुकदमे में पुलिस की ओर से एफआर पेश की गई जिसे पॉक्सो कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. सूर्यप्रकाश पारीक ने एफआर पर सुनवाई करते हुए कहा कि पुलिस की ओर से गहन अनुसंधान किया गया। अनुसंधान सही प्रतीत होता है। इस जांच में किसी को भी हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। कोर्ट ने माना कि इस प्रकरण में परिवादी पक्ष अब आगे की कार्रवाई नहीं चाहता है। ऐसे में पुलिस की ओर से एफआर पेश की गई जिसे स्वीकार किया जाता है।

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