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बाली के किसानों के लिए भागीरथ बने अशोक गहलोत - किसान संघ बाली के संरक्षक मोती बाबा फुले ने जताया आभार, हजारों किसानों को सिंचाई के लिए मिल सकेगा पर्याप्त जल

बाली के किसानों के लिए भागीरथ बने अशोक गहलोत

जयपुर। पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े बांध जवाई बांध के पुनर्भरण के लिए राज्य सरकार ने 2800 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति जारी की है। सरकार के इस बजट से बुजा और चक साडमरिया बांध बनाया जाएगा जिससे स्थानीय किसानों के वारे न्यारे हो जाएंगे। बुजा और साडमरिया बांध बनने से 7884 एम.सी.एफ.टी. अतिरिक्त पानी जवाई बांध को मिलेगा। बाली क्षेत्र में पर्याप्त पानी सप्लाई होने से लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही असिंचित क्षेत्र के लिए किसानों को सिंचाई का पानी भी मिल सकेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2800 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दिए जाने पर किसान संघ बाली के संरक्षक मोती बाबा फुले सहित सभी स्थानीय किसानों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया है। मोती बाबा फुले ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पश्चिमी राजस्थान के लिए भागीरथ बने हैं। अब यहां के किसान समृद्ध होंगे और किसानों की आय में बढोतरी होगी।

किसान संघ ने सरकार के समक्ष रखे सुझाव

स्थानीय किसानों ने राज्य सरकार का आभार जताने के साथ ही राज्य सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं। संघ के संरक्षक मोती बाबा फुले का कहना है कि जवाई बांध बाली तहसील के ग्राम जीवदा, सेणा, दूदनी की राजस्व सीमा क्षेत्र के डूब क्षेत्र में स्थित हैं। जवाई बांध में भराव के लिए गुजरने वाली नदी बाली क्षेत्र के गाँवो से गुजरती हैं लेकिन फिलहाल बाली तहसील के किसी भी गांव की भूमि में सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। कमाण्ड क्षेत्र में बाली तहसील का कोई भी गांव शामिल नहीं है जबकि दूरस्थ गांव शामिल है। फुले ने कहा कि पुर्नभरण के कार्य के दौरान कमाण्ड क्षेत्र बढाते हुये जवाई बांध के आस-पास बाली तहसील के गाँव बिसलपुर, पैरवा, भागली, कोटडा, बोया, बिरोलिया, बेडल, जादरी, फालागांव, देवतरा, वेनपुरा खीमेल, खुडाला व सेला तथा अन्य गाँवो की भूमि को प्राथमिकता के तौर पर कमाण्ड क्षैत्र में घोषित करवा कर नहर द्वारा सिचाई की सुविधा उपलब्ध कराया जाए।

मिठडी बांध की दिवार की ऊंचाई कम की जाए

किसान संघ बाली की ओर से सुझाव दिया गया है कि मिठड़ी बांध की दीवारों की ऊंचाई बार बार बढाने से सामान्य या औसत बरसात के दौरान पानी नदी में नहीं जा पाता है। जिसके कारण मिठड़ी नदी के आस-पास के गाँवो के कुँओ का जल स्तर काफी नीचे गिर गया हैं। इससे स्थानीय काश्तकारो को परेशानी हो रही हैं एंव कृषि उपज नहीं के बराबर होने से कास्तकार शहरो की ओर पलायन कर रहे है। किसानों की इस परेशानी को दूर करने के लिए मिठडी नदी में क्रमशः बाली, सेला, खुडाला, फालनागांव में निर्मित एनीकटो की ऊचांई बढाई जाए। साथ ही मिठडी बांध की दिवार की ऊंचाई कम की जाए और मिठडी बांध का पानी हर दुसरे वर्ष नदी में छोडा जाए। एक वर्ष पानी नदी में और दुसरे वर्ष कमाण्ड क्षैत्र में सिंचाई हेतु दिया जाना सुनिश्चित किया जाना उचित होगा।

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