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RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा ने 480 प्रश्न बेचे थे शेरसिंह को तो सिर्फ एक ही पेपर रद्द क्यों...? वरिष्ठ अध्यापक भर्ती पर उठे सवाल -

RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा ने 480 प्रश्न बेचे थे शेरसिंह को तो सिर्फ एक ही पेपर रद्द क्यों...? वरिष्ठ अध्यापक भर्ती पर उठे सवाल

RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा ने 480 प्रश्न बेचे थे शेरसिंह को तो सिर्फ एक ही पेपर रद्द क्यों...? वरिष्ठ अध्यापक भर्ती पर उठे सवाल

रामस्वरूप लामरोड़

जयपुर। वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी के बाद पूरी भर्ती परीक्षा सवालों के घेरे में आ गई। बुधवार 19 अप्रेल को एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ मीडिया से रूबरू हुए और पेपर लीक प्रकरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। उन्होंने बताया कि सभी 6 पेपर सेट करने की जिम्मेदारी बाबूलाल कटारा के पास थी। कटारा ने अलग अलग एक्सपर्ट से पेपर के सेट तैयार करवाए। इन सभी पेपर्स की मूल प्रतियों को कटारा अपने घर लेकर गए थे। वहां पर कटारा के भांजे विजय डामोर से इन सभी पेपर में से 80-80 सवाल दूसरे कागज पर लिखवा लिए गए थे।

सभी 480 प्रश्नों के बदले कटारा ने लिए थे 60 लाख रुपए

एसओजी की गिरफ्त में आए शेर सिंह मीणा से हुई पूछताछ से पेपर लीक मामले में बाबूलाल कटारा की भूमिका स्पष्ट हो गई थी। ऐसे में एसओजी ने कटारा को उसके सरकारी आवास से गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ में पता चला कि कटारा ने सभी 6 पेपर के 80-80 प्रश्न यानी कुल 480 प्रश्न जो विजय डामोर द्वारा सादे कागज पर लिखे थे। सादे कागज पर लिखे हुए ये प्रश्न कुछ दिनों बाद शेर सिंह को बेच दिए गए। शेर सिंह ने जयपुर के शास्त्री नगर स्थित एक दुकान पर इन प्रश्नों को टाइप करवाया। लगातार 4 दिन तक प्रश्नों को टाइपिंग कराता रहा और फिर पेन ड्राइव में लेकर चला गया। इन्हीं प्रश्नों को शेर सिंह ने 80 लाख रुपए में भूपेन्द्र सिंह को बेच दिया गया।

बस में पकड़े गए थे अभ्यर्थियों के पास मिले 80 प्रश्न

24 दिसंबर 2022 को अलसुबह उदयपुर पुलिस ने अभ्यर्थियों से भरी एक बस को पकड़ा था। इस बस में 46 अभ्यर्थी थे और दो व्यक्ति इन अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र हल करवा रहे थे। इसी बस के आगे एस्कॉर्ट करती हुई एक कार चल रही थी जिसमें दलाल सुरेश विश्नोई और तीन अन्य व्यक्ति मौजूद थे। उदयपुर पुलिस ने इन सभी को गिरफ्तार किया था। इस दौरान पुलिस को दलालों और अभ्यर्थियों से 80 प्रश्न मिले थे। ये प्रश्न हूबहू वही थे जो 24 दिसंबर को हुई परीक्षा में पूछे गए थे। बाद में आयोग ने इस परीक्षा को निरस्त करके नए सीरे से परीक्षा करवाई।

और कौन कौन से पेपर बेचे गए थे कटारा के द्वारा

जो बस उदयपुर पुलिस ने 24 दिसंबर की अलसुबह पकड़ी थी। वही बस 21 और 22 दिसंबर को भी जालोर से उदयपुर गई थी। नेशनल हाईवे पर लगे सीसीटीवी कैमरों से इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है। ऐसे में बड़ा प्रश्न यह उठता है कि आयोग ने सिर्फ एक ही परीक्षा को रद्द क्यों किया। जब यह सामने आ चुका कि बाबूलाल कटारा ने 480 सवाल शेर सिंह मीणा को बेचे थे। शेर सिंह ने ये सभी 480 प्रश्न भूपेन्द्र सारण और सुरेश ढाका को बेचे थे। बाद में सारण और ढाका ने सुरेश बिश्नोई के जरिए 5-5 लाख रुपए में अभ्यर्थियों को बेचे थे। ऐसे में वरिष्ठ अध्यापक भर्ती की अन्य परीक्षाएं भी संदेह के घेरे में है।

एफएसएल रिपोर्ट का इंतजार कर रही एसओजी

एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ का कहना है कि जिस कंप्युटर से 480 प्रश्न टाइप करवाए गए थे। उस कंप्युटर सिस्टम को जब्त किया गया था। उस सिस्टम को एफएसएल जांच के लिए भेजा है और डाटा रिकवर किया जा रहा है। सभी 480 प्रश्नों को रिकवर करके उनके बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। एफएसएल रिपोर्ट मिलने के बाद एसओजी आगे बड़ा एक्शन ले सकती है। उधर कटारा द्वारा अन्य परीक्षाओं के लिए तैयार करवाए गए पेपर्स के बारे में भी पूछताछ की जा रही है। 

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