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मेयर-अफसर विवाद के दो मुकदमों में एक जैसी धाराएं... एक में सरकार ने तुरंत एक्शन लिया, दूसरी FIR पर साधी चुप्पी - आखिर मुनेश गुर्जर पर मेहरबान क्यों है सरकार

मेयर-अफसर विवाद के दो मुकदमों में एक जैसी धाराएं... एक में सरकार ने तुरंत एक्शन लिया, दूसरी FIR पर साधी चुप्पी

 

जयपुर। जयपुर के हैरिटेज और ग्रेटर दोनों नगर निगमों में महापौर, पार्षद और अफसरों के बीच कई बार विवाद सामने आए। ग्रेटर और हेरिटेज में दो बार इतने बड़े विवाद हुए कि मामले पुलिस थानों तक पहुंचे और एफआईआर दर्ज हुई। एक एफआईआर में राज्य सरकार ने तुरंत सख्त एक्शन ले लिया लेकिन दूसरी एफआईआर पर चुप्पी साध रखी है। एक जैसे दो मुकदमों में सरकार का अलग अलग रवैया अपनाये जाने पर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

 

जानिए दोनों मामलों के बारे में

 

जयपुर शहर में दो नगर निगम है ग्रेटर नगर निगम और हेरिटेज नगर निगम। जून 2021 में ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त यज्ञ मित्र देव सिंह ने महापौर सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों के खिलाफ ज्योति नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने महापौर और पार्षदों पर दुर्व्यवहार, मारपीट और राजकार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कराया था। एफआईआर दर्ज होते ही राज्य सरकार ने तुरंत एक्शन लिया और महापौर सहित तीनों पार्षदों को निलंबित कर दिया था। अब जून 2023 में हेरिटेज नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र कुमार वर्मा ने महापौर मुनेश गुर्जर, उनके पति और आधा दर्जन पार्षदों के खिलाफ माणक चौक थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। वर्मा ने दुर्व्यवहार और राजकार्य में बाधा डालने के आरोपों के साथ एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया। ग्रेटर नगर निगम में तुरंत एक्शन लेने वाली राज्य सरकार हेरिटेज के मामले में चुप्पी साधे बैठी है। अभी तक महापौर और पार्षदों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया।

 

दोहरे रवैये का कारण भी समझिए

 

जयपुर ग्रेटर नगर निगम में बीजेपी का बोर्ड है। यहां महापौर सौम्या गुर्जर और तीनों आरोपी पार्षद बीजेपी के हैं। ऐसे में प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने तुरंत एक्शन ले लिया। हेरिटेज नगर निगम में कांग्रेस का बोर्ड है। महापौर मुनेश गुर्जर और अन्य आरोपी पार्षद कांग्रेस के हैं। ऐसे में प्रदेश की कांग्रेस सरकार अभी तक चुप बैठी है। हेरिटेज की महापौर और पार्षदों ने तीन दिन तीन रात तक निगम मुख्यालय में धरना देकर अतिरिक्त आयुक्त राजेन्द्र कुमार वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस्तीफे की धमकियां भी दी गई लेकिन सरकार ने कार्रवाई का आश्वासन देकर मामला शांत कराया। अतिरिक्त आयुक्त राजेन्द्र कुमार वर्मा का अब प्रमोशन हो गया है और वे आईएएस बन गए हैं। 

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