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कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ बगावत करने वाले तीनों नेता प्रत्याशियों की पहली लिस्ट से गायब, क्या होगा धारीवाल, डॉ. जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ का - कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ की थी बगावत, अनुशासनहीनता का नोटिस तो मिला लेकिन हुई कार्रवाई नहीं

कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ बगावत करने वाले तीनों नेता प्रत्याशियों की पहली लिस्ट से गायब, क्या होगा धारीवाल, डॉ. जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ का

 

जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची से कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं के नाम गायब हैं। हालांकि कांग्रेस ने अपनी पहली सूची सिर्फ 33 नाम ही घोषित किए हैं लेकिन अशोक गहलोत, सचिन पायलट और डॉ. सीपी जोशी का नाम पहली लिस्ट में शामिल कर लिया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल, डॉ. महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ का नाम प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। ये तीनों वही नेता हैं जिन्होंने कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ बगावत की थी। साफ साफ कहा था कि वे आलाकमान के आदेश नहीं मानेंगे। इन तीनों नेताओं को कांग्रेस की अनुशासन समिति ने नोटिस भी जारी किए थे।

 

गहलोत के समर्थन में हाईकमान के खिलाफ बगावत की थी धारीवाल, डॉ. जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ ने

 

25 सितंबर 2022 को राजस्थान कांग्रेस में बड़ा बवाल हुआ था। कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी थी। इस बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पास होना था। यह प्रस्ताव भावी मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी हाईकमान द्वारा लेने से जुड़ा था लेकिन सीएम अशोक गहलोत समर्थकों को लगा कि पार्टी हाईकमान कहीं सचिन पायलट को मुख्यमंत्री ना बना दे। इसी आशंका को देखते हुए गहलोत के कट्टर समर्थक शांति धारीवाल, डॉ. महेश जोशी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ ने विधायक दल की बैठक करते हुए धारीवाल के सरकारी बंगले पर समानांतर बैठक की। इस बैठक में गहलोत समर्थक करीब 80 विधायक मौजूद रहे। बाद में आधी रात को इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के घर जाकर अपने अपने इस्तीफे सौंपे थे।

 

पार्टी ने अनुशासनहीनता का थमाया नोटिस

 

मुख्यमंत्री निवास पर 25 सितंबर को शाम 7 बजे होने वाली विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने में शांति धारीवाल, डॉ. महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ ने अग्रणी भूमिका निभाई। आरोप लगे थे कि इन तीनों नेताओं की अगुवाई में ही गहलोत समर्थित सभी विधायकों को बुलाया गया और बाद में आधी रात को बस में बैठाकर विधानसभा अध्यक्ष के सरकारी बंगले पर ले जाया गया था। उस दिन मल्लिकार्जुन खरगे सीनियर अब्जर्वर और अजय माकन प्रदेश प्रभारी के रूप में मुख्यमंत्री निवास पर विधायकों का इंतजार करते रह गए। धारीवाल, डॉ. जोशी और राठौड़ की हरकत सामने आने के बाद कांग्रेस हाईकमान काफी नाराज हुए और इन तीनों नेताओं को अनुशासनहीनता का नोटिस जारी किया था।

 

सीएम गहलोत को मांगनी पड़ी माफी

 

शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ द्वारा कांग्रेस हाईकमान के आदेशों की अवहेलना करने और विधायक दल की बैठक में जाने के बजाय समानान्तर बैठक करने और अन्य विधायकों के भड़काने के मामले को पार्टी हाईकमान ने गंभीरता से लिया था। 29 सितंबर 2022 को दिल्ली में सोनिया गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में सीएम गहलोत भी शामिल हुए। सीएम गहलोत ने धारीवाल, डॉ. जोशी और राठौड़ की हरकत के लिए पहले सोनिया गांधी से माफी मांगी और फिर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा कि धारीवाल, जोशी और राठौड़ को ऐसा नहीं करना चाहिए था।

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