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राजस्थान सरकार के दो कैबिनेट मंत्री आमने-सामने, खाचरियावास ने धारीवाल के बयान का किया खुलकर विरोध - पायलट की जन संघर्ष यात्रा में कुछ भी गलत नहीं

राजस्थान सरकार के दो कैबिनेट मंत्री आमने-सामने, खाचरियावास ने धारीवाल के बयान का किया खुलकर विरोध



जयपुर। राजस्थान सरकार के दो कैबिनेट मंत्री आमने सामने हो गए हैं। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मंत्री शांति धारीवाल के बयान का कड़ा विरोध किया है। धारीवाल ने गुरुवार को कहा था कि अशोक गहलोत ने बड़े बड़े नेताओं को पानी पिलाया है। इस बयान का विरोध करते हुए खाचरियावास कहा कि यह समय पानी पिलाने का नहीं बल्कि सबको गले लगाने का है। सबको साथ लेकर पार्टी को मजबूत करने का समय है। खाचरियावास ने कहा कि इस तरह की डायलॉगबाजी बंद होनी चाहिए। इससे पार्टी कमजोर होती है। इस संबंध में उन्होंने प्रदेश प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा से भी बात की है।

 


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी साधा निशाना

 


मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को बड़े बड़े पदों पर रहने के बाद घमंड हो जाता है कि वो जो कर रहे हैं, वही सही है लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है। राजनीति में जैसा बोलोगे तो सामने से वैसा भी जवाब मिलेगा। खाचरियावास ने कहा कि मंत्री शांति धारीवाल पार्टी के सीनियर नेता हैं। उन्हें संयम में रहते हुए बयान देना चाहिए। हम सब को मिलकर कांग्रेस सरकार को रिपीट करने का प्रयास करना चाहिए ना कि दूसरे नेताओं पर तंज कसकर पार्टी को नुकसान पहुंचाना चाहिए।

 


सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा का समर्थन किया खाचरियावास ने

 


सचिन पायलट द्वारा निकाली जा रही जन संघर्ष यात्रा पर प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि इसमें गलत क्या है। भ्रष्टाचार के खिलाफ तो राहुल गांधी ने भी यात्रा निकाली है। सचिन पायलट भी करप्शन और जनता के मुद्दों पर यात्रा निकाल रहे हैं। उनके साथ जन समर्थन जुट रहा है। लोकतंत्र में हर प्रतिनिधि को अपनी बात रखने का हक है। जनहित के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाना बिल्कुल गलत नहीं है।

 


सोनिया और राहुल गांधी ने बचाई थी सरकार

 


प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि प्रदेश में किसी नेता तो यह घमंड नहीं होना चाहिए कि सरकार उनकी वजह से बची है। राजस्थान में कांग्रेस सरकार को सोनिया गांधी और राहुल गांधी के कारण बची है। जब प्रदेश में सियासी संकट आया था तब राजस्थान के 102 विधायकों ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के चेहरे पर बाड़ेबंदी की थी। तब जाकर राजस्थान सरकार बची थी। राजस्थान छोड़कर गए 19 विधायकों ने वापस आकर समर्थन दिया और सदन में सरकार का साथ दिया था। इस बात को हमें भूलना नहीं चाहिए।

 


बम ब्लास्ट के लिए वसुंधरा राजे सरकार जिम्मेदार

 


खाचरियावास ने कहा जयपुर में भाजपा के शासनकाल में बम ब्लास्ट हुए थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के शासनकाल में ही बम ब्लास्ट मामले की जांच हुई थी। राजे सरकार को विशेष निगरानी रखकर जांच करवानी चाहिए थी। अब 15 साल बाद बम ब्लास्ट की घटना पर बीजेपी घड़ियाली आंसू बहा रही है।

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