3 नए जिलों की घोषणा के पीछे छिपा है गहरा राज, चुनाव में पहले जनता और जनप्रतिनिधियों को खुश कर रहे गहलोत - सुजानगढ, मालपुरा और कुचामन शहर को जिला बनाने की घोषणा करके 3 कांग्रेसी विधायकों को किया खुश
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 3 और नए जिलों की घोषणा करके आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज से बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला है। जिन तीन जिलों के गठन का ऐलान किया गया। उनमें दो नाम वो है जहां जिले की मांग को लेकर लम्बे समय से आंदोलन चल रहा है। मालपुरा और सुजानगढ़ को पूर्व में जिला घोषित नहीं किए जाने पर कई दिनों तक शहर बंद रहे और आसपास के तमाम रास्ते और हाईवे तक जाम कर दिए गए थे। अब मालपुरा और सुजानगढ़ के साथ सीएम गहलोत ने कुचामन सिटी को भी अलग से जिला बनाने का ऐलान कर दिया। पिछले दिनों जब 19 नए जिलों का गठन किया गया था तब कुचामन और डीडवाना को संयुक्त रूप से जिला बनाया गया था। अब डीडवाना अलग और कुचामन सिटी अलग अलग जिले बनेंगे।
डीडवाना कुचामन सिटी को अलग अलग जिले बनाकर दो विधायकों को खुश किया गहलोत ने
डीडवाना और कुचामन सिटी पूर्व में नागौर जिले के हिस्सा रहे हैं। दोनों ही शहरों को जिला बनाने की मांग लम्बे समय से थी। 17 मार्च को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डीडवाना और कुचामन को संयुक्त रूप से जिला बनाने की घोषणा की थी। सीएम के इस फैसले से डीडवाना विधायक चेतन डूडी नाराज हो गए। डूडी पहले पायलट गुट के माने जाते थे लेकिन बाद में वे खुलकर गहलोत खेमे में शामिल हो गए। उधर कुचामन सिटी नावां विधानसभा में आता है और नावां से महेन्द्र चौधरी विधायक हैं। चौधरी अशोक गहलोत के काफी नजदीक माने जाते हैं। डूडी की नाराजगी दूर करने के लिए सीएम गहलोत ने कुचामन सिटी और डीडवाना को अलग अलग जिला बनाने का ऐलान कर दिया। अब ये दोनों विधायक सीएम गहलोत के फैसले से बेहद खुश है। क्षेत्र की जनता भी स्थानीय विधायकों के प्रति काफी खुश हो गई है।
मालपुरा को इसलिए बनाया जिला
17 मार्च को जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 19 नए जिलों के गठन का ऐलान किया था। तब केकड़ी और दूदू को भी जिला बनाया था। दूदू को ग्राम पंचायत से सीधा जिला बना दिया गया। उन दिनों मालपुरा को जिला नहीं बनाए जाने से स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री से बेहद नाराज हुए। मालपुरा के लोगों ने आंदोलन किया। लगातार 199 दिनों तक धरना प्रदर्शन चला। मालपुरा पूर्व में टोंक जिले के अंतर्गत आता था। नए जिलों के गठन के ऐलान के बाद मालपुरा के लोग और जनप्रतिनिधि ना दूदू में शामिल होना चाहते थे और ना ही केकड़ी में। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान पूर्व में टोडारायसिंह से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लोगों की भावना और मापदंड को देखते हुए मालपुरा को जिला बनाने की मांग की थी। अंतत मुख्यमंत्री ने मालपुरा को जिला बनाने का ऐलान कर दिया।
सुजानगढ़ को जिला नहीं बनाने से कांग्रेस के विधायक भी थे नाराज
पूर्व में सुजानगढ को जिला नहीं बनाने से स्थानीय लोगों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया। कई दिनों तक हाइवे जाम कर दिया था। सुजानगढ़ सरदार शहर विधानसभा क्षेत्र में आता है। सरदार शहर विधायक मनोज शर्मा भी लगातार मांग कर रहे थे कि सुजानगढ़ को जिला बनाया जाए। हजारों लोगों की मांग और कांग्रेस विधायक की बात को तरजीह देते हुए सीएम गहलोत ने सुजानगढ़ को भी जिला बनाने का ऐलान कर दिया। नए जिलों के गठन का ऐलान करके सीएम गहलोत ने आम जनता के साथ जनप्रतिनिधियों भी खुश कर दिया। आगामी विधानसभा चुनाव में गहलोत के इस फैसलों का कांग्रेस को काफी फायदा होने की उम्मीद है।
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