'2016 में वसुंधरा राजे के खिलाफ चुप रहे थे सचिन पायलट...!' - रामसिंह कस्वां के आरोपों का पायलट समर्थक सुशील आसोपा ने दिए ये जवाब
जयपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव रामसिंह कस्वां का आरोप है कि सचिन पायलट ने अब जो मुद्दे उठाए हैं। वो मुद्दे 7 साल पहले वे उठा चुके हैं। खान घोटाला और कालीन घोटाला सहित तमाम मुद्दों को लेकर मुकदमें भी दर्ज कराए गए और मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था। कस्वां का आरोप है कि 11 जून 2016 को सचिन पायलट के घर जाकर उन्होंने राजे के खिलाफ मुकदमों में सहयोग मांगा था लेकिन पायलट ने मना कर दिया। तीन दिन पहले कस्वां ने बयान जारी करते हुए कहा था कि 11 जून 2016 को वे कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के आवास पर गए और राजे के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दों पर मदद मांगी तो पायलट ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वसुंधरा राजे के उनके पारिवारिक रिश्ते हैं। अगर वे थोड़ा भी उनके खिलाफ बोले तो उन पर ऊपर से बड़ा दबाव आ जाता है।
पायलट समर्थक सुनील आसोपा ने दिया ये जवाब
सचिन पायलट के कट्टर समर्थक कांग्रेस नेता सुनील आसोपा ने पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा के आरोपों पर पलटवार किया है। आसोपा ने कहा कि खान घोटाले का खुलासा तो सचिन पायलट ने 25 सितंबर 2015 को दिल्ली एआईसीसी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करके किया था। इसके बाद 14 अक्टूबर 2015 को पायलट दिल्ली में केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त से मिले और 17 अक्टूबर को वसुंधरा राजे सरकार ने 653 खानों का आवंटन रद्द कर दिया था। उसी दिन राज्यपाल ने लोकपाल को जांच सौंपी थी। सुनील आसोपा के मुताबिक पायलट के मुद्दा उठाने के एक साल बाद अशोक गहलोत ने 19 मार्च 2016 को सोशल मीडिया पर सीबीआई जांच की मांग की थी।
कालीन चोरी मामले में कस्वां पर कोर्ट में अनुपस्थित रहने का आरोप
खासा कोठी होटल की करोड़ों रुपए की कालीन चोरी मामले को लेकर भी सुशील आसोपा ने रामसिंह कस्वां पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आसोपा ने कहा कि कालीन चोरी मामले में जो पीआईएल रामसिंह कस्वां ने लगाई थी। उस पीआईएल अंतिम सुनवाई के दौरान परिवादी रामसिंह कस्वां और एएजी चिरंजीलाल सैनी कोर्ट में उपस्थित ही नहीं हुए। इस वजह से उनकी पीआईएल खारिज हो गई थी। आसोपा के मुताबिक रामसिंह कस्वां केवल दिखावा कर रहे थे। इसके अतिरिक्त उनका कोई और मकसद नहीं था। आसोपा का कहना है कि कालीन चोरी मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने दूसरे कार्यकाल में चुप्पी साध रखी थी।
ये भी आरोप लगाए थे रामसिंह कस्वां ने
कस्वां का कहना है कि सचिन पायलट द्वारा साढ़े चार साल बाद अचानक से ये मुद्दे उठाना दिखाता है कि वो भाजपा की मदद से कांग्रेस सरकार को बदनाम करना चाहते हैं जबकि इन सब मुद्दों का अदालत से निराकरण हो चुका है। अब तो ऐसा लग रहा है कि सचिन पायलट ने भाजपा का साथ देने के लिए ये धरने का नाटक किया। कस्वां के मुताबिक ऐसी पार्टी विरोधी के कारण ही सचिन पायलट को कर्नाटक में स्टार प्रचारक नहीं बनाया गया जबकि इससे पूर्व हर जगह वो स्टार प्रचारक बनाए जाते थे।
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