पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के कहने पर दिलवाए गए थे कांग्रेस विधायकों से इस्तीफे - पायलट - मीडिया से रूबरू होकर अशोक गहलोत के आरोपों को सीरे से नकारा सचिन पायलट ने
- Post By रामस्वरूप लामरोड़
- May 9, 2023 14:33:15
जयपुर। कांग्रेस नेता सचिन पायलट जयपुर में मीडिया से रूबरू हुए और अशोक गहलोत द्वारा लगाए गए एक एक आरोपों का जवाब दिया। पायलट ने कहा कि 7 महीने पहले 25 सितंबर 2022 को जब कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करके गहलोत गुट के विधायकों ने सामानान्तर बैठक की थी। वह घटना सबसे बड़ी गद्दारी थी। पायलट ने कहा कि सोनिया गांधी के आदेशों की अवहेलना करके उनका अपमान किया गया और बेइज्जत किया गया। उस दिन आधी रात को 30-40- विधायकों से उनकी इच्छा के विरुद्ध इस्तीफे दिलवाए गए थे। पायलट ने कहा कि कुछ लोग तो यह भी कह रहे हैं कि पीएम मोदी और अमित शाह के कहने पर कांग्रेस विधायकों से इस्तीफे दिलवाए गए थे। ऐसी बातों का सार्वजनिक मंच पर आकर बखान करना गंभीर राजनीति नहीं है। सचिन पायलट ने कहा है कि पार्टी में कुछ लोग हैं जो चाहते हैं कि कांग्रेस कमजोर हो और पार्टी में फूट पड़े। पार्टी के नेताओं को बदनाम करने, उन पर झूठे आरोप लगानने और उनका चरित्र हनन करने की लगातार कोशिशें की जा रही है लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। पिछले ढाई सालों में प्रदेश की जनता दे देखा है कि अनुशासनहीनता किसने की और पार्टी का डिसिपलेन किसने तोड़ा।
अब मैं समझ गया कि भ्रष्टाचार के मामलों की जांच क्यों नहीं हो रही - पायलट
सचिन पायलट ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में जब वसुंधरा राजे का शासन था। उस दौरान हुए हजारों करोड़ रुपए के घोटालों की जांच के लिए उन्होंने कई बार सरकार को चिट्ठियां लिखी थी। पायलट ने कहा कि अब धौलपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दिया गया भाषण सुनकर मैं समझ गया कि घोटालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। अब वे ना उम्मीद हैं लेकिन जनता भगवान है। ऐसे में वे अपनी बात को लेकर जनता जनार्दन के बीच जाएंगे और उनकी बातों को सुनेंगे। पायलट ने कहा कि उनकी यह यात्रा किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है बल्कि यह करप्शन के विरोध में है। जनता के मुद्दों और नौजवानों के पक्ष में है क्योंकि बार बार पेपर लीक हो रहे हैं लेकिन असली गुनहगार पकड़े नहीं जा रहे हैं। जन संघर्ष यात्रा प्रदेश के नौजवानों और जनता के मुद्दों की आवाज बनेगी।
असली गद्दार तो ये लोग हैं - पायलट
सचिन पायलट ने कहा कि तीन साल पहले हमारे कुछ मुद्दे थे। हम नेतृत्व परिवर्तन चाहते थे। उन्हीं मुद्दों को लेकर दिल्ली गए थे। तब पार्टी आलाकमान ने तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अजय माकन, केसी वेणुगोपाल और अहमद पटेल की एक कमेटी बनाई गई थी। हमारी बातों को ध्यानपूर्वक सुना गया। सारे तथ्यों को संज्ञान में लिया गया। बाद में पार्टी की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 25 सितंबर 2022 को मल्लिकार्जुन खरगे और अजय माकन को जयपुर भेजा था। सोनिया गांधी के आदेश पर विधायकों को बैठक बुलाई गई थी लेकिन कुछ लोगों ने इस बैठक का बहिष्कार किया। कांग्रेस के कई विधायकों की इच्छा के विरुद्ध उनसे इस्तीफे दिलवाए गए। इस घटना से सोनिया गांधी के आदेशों की अवहेलना हुई। उनकी मानहानि और बेइज्जती हुई। पायलट ने कहा कि यह हरकत ही असली गद्दारी थी।
आलाकमान ने हमारे मुद्दों को गंभीरता से लिया था
सचिन पायलट ने कहा कि तीन साल पहले हमने जो मुद्दा उठाया था। उन मुद्दों पर कांग्रेस आलाकमान ने हमारी पूरी बातों को गंभीरता से सुना और सारे तथ्य सबके सामने रखे गए थे। उन तथ्यों के आधार हमारा समझौता हुआ। समझौते के बाद ही हम वापस जयपुर आए और सदन में पेश हुए। हमने अपनी सरकार का समर्थन किया और हर मतदान में कांग्रेस के समर्थन मे वोट दिया। चाहे राज्यसभा का चुनाव हो या मत विभाजन हो। पायलट ने कहा कि पिछले ढाई तीन साल में हमारी कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है। अशोक गहलोत की ओर से जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्हें मैंने गौर से सुना है और आप सब भी उनके बारे में जानते हैं। पायलट ने कहा कि मैं चाहता तो अपना तर्क दे सकता था, जवाब दे सकता था लेकिन में अनुशासन में रहा क्योंकि मुझे पार्टी और सरकार की चिन्ता है।
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