अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच हुई सुलह - कांग्रेस हाईकमान का दावा राजस्थान में सब मिलकर लड़ेंगे चुनाव, जीतने का दावा
जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस में पिछले चार साल से चला घमासान शांत हो गया है। यह दावा किया है कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने। सोमवार 29 मई को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ अशोक गहलोत और सचिन पायलट की बैठक हुई। देर रात को बैठक सम्पन्न होने के बाद गहलोत, पायलट के साथ केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी सुखविन्दर सिंह रंधावा ने मीडिया से बातचीत करते हुए दावा किया कि राजस्थान कांग्रेस में कोई मतभेद नहीं है। राजस्थान में आगामी चुनाव पार्टी के सभी नेता एकजुट होकर लड़ेंगे।
विवाद का फैसला आलाकमान पर छोड़ा
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर 4 घंटे तक चली बैठक के बाद पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि राजस्थान में कोई विवाद नहीं है। जो मतभेद है उस पर पार्टी आलाकमान बाद में फैसला करेंगे। बैठक में फिलहाल यही तय हुआ है कि राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। जो अंदरूनी बातें हैं, उनका निस्तारण पार्टी अपने स्तर पर कर लेगी। फिलहाल पार्टी का फोकस राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को रिपीट करने का है। ऐसे में हम सब मिलकर पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेंगे।
अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों कुछ नहीं बोले
राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच पिछले लम्बे समय से विवाद चल रहा है। दोनों नेता एक दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर चुके है। सचिन पायलट गहलोत सरकार के समक्ष तीन मांगे रखते हुए अल्टीमेटम दे चुके हैं। सोमवार दोपहर को दिल्ली पहुंचने के बाद भी अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर सियासी तंज कसा था लेकिन कांग्रेस हाईकमान के साथ हुई बैठक के बाद दोनों नेता मीडिया के सामने कुछ नहीं बोले। सोमवार देर रात को बैठक खत्म होने के बाद जब ये नेता बाहर आए तब केवल केसी वेणुगोपाल ने अपनी बात कहीं। इस दौरान अशोक गहलोत और सचिन दोनों कुछ नहीं बोलें।
पायलट का अल्टीमेटम पूरा, एक भी मांग पूरी नहीं हुई
सचिन पायलट ने गहलोत सरकार के सामने 15 मई को तीन मांगे रखी थी। पहली पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए घोटालों की जांच कराई जाए, दूसरी पेपर लीक मामले में बेरोजगारों को मुआवजा दिया जाए और तीसरी आरपीएससी को भंग किया जाए। पायलट ने 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था। यह अल्टीमेटम मंगलवार 30 मई को खत्म हो जाएगा लेकिन पायलट की एक भी मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है। ऐसे में सचिन पायलट किन शर्तों पर माने। इस बात का खुलासा फिलहाल कांग्रेस आलाकमान ने नहीं किया है।
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